क्या फिल्म उद्योग में घरानों का मिलन होगा? / जयप्रकाश चौकसे

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क्या फिल्म उद्योग में घरानों का मिलन होगा?
प्रकाशन तिथि : 19 सितम्बर 2019


आजकल रणवीर कपूर और दीपिका पादुकोण विज्ञापन फिल्मों में अभिनय कर रहे हैं। इन फिल्मों में वे एक-दूसरे के साथ शरारत करते नज़र आ रहे हैं और उनका अभिनय इतना स्वाभाविक लगता है मानो आज भी रिश्ते में मिठास व अंतरंगता कायम है। इसके साथ ही एक विज्ञापन फिल्म में रणवीर कपूर और कैटरीना कैफ शारीरिक दूरी कायम रखते हुए एक-दूसरे को छेड़ रहे हैं। पहली विज्ञापन फिल्म में इस आशय का संवाद है कि रणवीर कपूर बैक्टीरिया है, जो कभी खत्म नहीं होता जैसे आंतों में अमीबा अपना सिस्ट बनाकर लंबे समय तक कायम रहता है। बैक्टीरिया और अमीबा की प्रजनन क्रिया इतनी तेज रफ्तार से चलती है कि एक मरता है तो हजार पैदा हो जाते हैं।

ज्ञातव्य है कि रणवीर कपूर की पहली फिल्म संजय लीला भंसाली की 'सांवरिया' और दीपिका पादुकोण की पहली फिल्म 'ओम शांति ओम' एक ही दिन प्रदर्शित हुई थीं और दोनों के निर्माताओं में एक-दूसरे के प्रति गहरा आक्रोश था परंतु रणवीर कपूर और दीपिका पादुकोण प्रेम के हिंडोले पर सवार एक-दूसरे के साथ दावतें उड़ा रहे थे; ठहाके लगा रहे थे। रणवीर कपूर और दीपिका पादुकोण का रिश्ता परवान नहीं चढ़ पाया, क्योंकि नीतू सिंह रिश्ते के पक्ष में नहीं थीं। वे स्वयं सितारा होते हुए बहू बनी परंतु उन्हें यह विश्वास नहीं था कि दीपिका सितारा केंचुल उतारकर घरेलू बहू की भूमिका में खरी उतरेंगी। रणवीर अपने पिता ऋषि कपूर की तुलना में अपनी मां के अधिक नज़दीक हैं। इसी तरह राज कपूर की संतानें भी अपनी मां कृष्णा कपूर के अधिक निकट रहीं। वर्तमान में रणवीर कपूर और आलिया भट्‌ट एक-दूसरे के नज़दीक हैं और संकेत मिल रहे हैं कि नीतू कपूर को आलिया पसंद हैं। संभवत: दिसंबर में वे सात फेरे लेंगे। आलिया भट्‌ट को रणवीर के दीपिका पादुकोण और कैटरीना कैफ के साथ विज्ञापन फिल्में अभिनीत करने पर कोई एतराज नहीं है। वे अपने को असुरक्षित महसूस नहीं करतीं। इसी तरह दीपिका के पति रणवीर सिंह को भी कोई एतराज नहीं है। प्रेम में विश्वास नहीं हो तो वह प्रेम ही नहीं रह जाता।

अगर रणवीर कपूर और आलिया भट्‌ट का विवाह हो जाता है तो फिल्म निर्माण की दो भिन्न शैलियों का भी समन्वय होगा। ज्ञातव्य है कि महेश भट्‌ट चार करोड़ के सीमित बजट में फिल्में बनाते हैं और कपूर फिल्म निर्माण शैली में कभी बजट बनाया नहीं जाता था। 'जिस देश में गंगा बहती है' का क्लाइमैक्स उदगमंडलम में शूट किया जा रहा था। कलाकारों के साथ ही सीमा सुरक्षा बल की टुकड़ी को भी बुलाया गया था। एक दृश्य में बादल आ जाने से डाकुओं पर अंधकार छा जाता है और सैनिक धूप में खड़े थे। इस तरह का प्रतीकात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए राज कपूर ने दस दिन इंतजार किया।

रणवीर कपूर अपने परम मित्र अयान मुखर्जी के साथ तीसरी फिल्म कर रहे हैं। कपूर और मुखर्जी की मित्रता भी दो फिल्म शैलियों का समन्वय है। अयान के पड़दादा शशधर मुखर्जी मसाला फिल्मों के आदि गुरु माने जाते हैं और कपूर घराना सामाजिक सोद्देश्यता की फिल्में गढ़ता रहा है। दरअसल, मनोरंजन उद्योग में कोई मजबूत खांचे या किले नहीं हैं और बॉक्स ऑफिस की खातिर सभी तरह के समझौते और समन्वय हो जाते हैं। एक तरह से बॉक्स ऑफिस की सुरंग दूर बसे किलों के बीच आवागमन सुलभ कराती है। वर्तमान में अयान और रणवीर 'ब्रह्मास्त्र' के निर्माण के अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं। सिनेमाघरों की संख्या घट रही है। ऐसे में अधिकतम दर्शक जुटाने के लिए रणवीर कपूर, रणवीर सिंह, आलिया भट्‌ट और दीपिका पादुकोण को एक साथ एक ही फिल्म में प्रस्तुत करने पर अधिकतम दर्शकों को सिनेमाघर लाया जा सकता है। हॉलीवुड में परस्पर प्रतिस्पर्धा के चलते हुए भी बहुसितारा फिल्में बनती हैं। टॉम क्रूज और एंथोनी पर्किन्स भी साथ में काम कर चुके हैं।

सलीम-जावेद की जोड़ी ने सफल फिल्में लिखी हैं। उनमें अलगाव हो गया। क्या यह संभव है कि सलीम-जावेद पुन: साथ आकर फिल्म लिखें, जिसमें सलमान खान और फरहान अख्तर काम करें। इस तरह का पुनर्मिलन असंभव लग रहा है परंतु हालात ऐसे बन सकते हैं कि अपने उद्योग को बचाने की खातिर सब साथ हो जाएं।

यह भी गौरतलब है कि सितारों के अलगाव के बाद भी प्रथम प्रेम की कसक बनी रहती है जैसे उबाले हुए दूध का बरतन खाली करने के बाद बरतन में तलछट जमी रहती है।