क्रिकेट केंद्रित रोमांचक फिल्में / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 23 जनवरी 2020
रिलायंस एंटरटेनमेंट कंपनी '83' नामक फिल्म बना रही है। इस फिल्म में कपिल देव निखंज की कप्तानी में सन् 1983 में क्रिकेट विश्व कप जीतने की गाथा प्रस्तुत की जा रही है। इस तरह की फिल्म बनाना बड़ा कठिन काम होता है। हिंदुस्तानी टीम के साथ ही अन्य टीमों के खिलाड़ियों के लिए भी कलाकार चुनना पड़ते हैं। मैच देख रहे दर्शक वर्ग की प्रतिक्रिया को भी प्रस्तुत करना पड़ता है। रिलायंस इस फिल्म की तैयारी लंबे समय से करता रहा है। उनके दफ्तर के मुख्य द्वार पर भी फिल्म का पोस्टर लगा रखा है। कपिल देव निखंज की भूमिका रणवीर सिंह अभिनीत कर रहे हैं। फिल्म की शूटिंग पूरी हो गई है और 17 अप्रैल को प्रदर्शन किया जाएगा।
टीवी पर वर्षों से सक्रिय अभिनेता वरुण बडोला का कहना है कि कपिल देव निखंज की गेंदबाजी का एक्शन वे हू-ब-हू कर लेते हैं। उन्होंने क्रिकेट खेला है और यह उनका मन-पसंद खेल रहा है। उनके साथियों का भी यही कहना है कि वे कपिल की तरह ही गेंदबाजी करते थे। फिल्म निर्माण में लागत की वसूली आवश्यक है। फिल्म में रणवीर सिंह को उनकी सितारा हैसियत के कारण लिया गया। उन्होंने बहुत परिश्रम भी किया है, अत: आर्थिक कारणों से सितारों को लिया जाता है। फिल्म का निर्देशन कबीर कर रहे हैं। उन्होंने 'काबुल एक्सप्रेस' नामक वृत्तचित्र से अपना कॅरिअर शुरू किया था। यह रचना वृत्तचित्र और कथा फिल्म की सरहद पर खड़ी नजर आती है। कबीर खान, सलमान खान अभिनीत 'बजरंगी भाईजान' बना चुके हैं।
क्रिकेट केंद्रित यह फिल्म लॉरवुड प्रकरण पर बन रही है। ज्ञातव्य है कि ब्रेडमैन की असाधारण प्रतिभा के कारण ऑस्ट्रेलिया लगातार इंग्लैंड को हराता रहा। इंग्लैंड ने लॉरवुड नामक गेंदबाज को निर्देश दिया कि वह ब्रेडमैन के शरीर पर गेंद फेंके। लेग ट्रेप में पांच क्षेत्ररक्षक रखे गए, बाउंसर को हुक करते ही कैच लिए जाने की संभावना बढ़ जाती है। इस गेंदबाजी को बॉडी लाइन कहा गया। इस अमानवीय खेल नीति का बहुत विरोध हुआ और इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड को क्षमा मांनी पड़ी। सर डॉन ब्रेडमैन कई रिकॉर्ड बना सकते थे, परंतु दूसरे विश्व युद्ध के कारण छह वर्ष तक क्रिकेट नहीं खेला गया। सबसे बड़ी बात यह है कि बदनाम लॉरवुड खेल छोड़ने के बाद ऑस्ट्रेलिया में बस गया और वहां की सरकार तथा अवाम ने उसे सभी नागरिकों को उपलब्ध सहूलियतें दीं। ऑस्ट्रेलिया और पड़ोसी न्यूजीलैंड में कभी नागरिकता का रजिस्टर नहीं बनाया गया। हर आने वाले का स्वागत किया गया। इन दोनों देशों में बाहर से आकर वहां बसने वालों की संख्या बहुत है। ऑस्ट्रेलिया के विश्व विद्यालय विदेशी छात्रों को प्रोत्साहन देते हैं, स्कॉलरशिप देते हैं।
कुछ समय पूर्व ऋषि कपूर, अक्षय कुमार और अनुष्का शर्मा अभिनीत फिल्म 'पटियाला हाउस' का प्रदर्शन हुआ था। जिसमें ऋषि कपूर इंग्लैंड आकर परिश्रम करके बड़ा व्यापार समूह बनाने में सफल होते हैं। उनका पुत्र इंग्लैंड की टीम के लिए खेलता है और उन्हें यह बात पसंद नहीं कि पुत्र उस देश के लिए खेले जिस देश ने 200 वर्ष तक भारत को गुलाम बनाए रखा था। पुत्र तेज गेंदबाज है और इंग्लैंड की जीत का दारोमदार उसी पर है। नायक को विश्वास है कि जिस देश ने उन्हें रोजी-रोटी, सम्मान दिया और अपनी लिबरल खुली बांहों में आलिंगनबद्ध किया, उस देश के लिए खेलना स्वाभाविक कार्य है। उनकी तीन पीढ़ियां इंग्लैंड में रह चुकी हैं। उन्हें मताधिकार प्राप्त है। ज्ञातव्य है कि हाल में वे एक आम चुनाव में भारतीय मूल के आधा दर्जन व्यक्ति चुने गए हैं। सुदूर भविष्य में कोई इसी तरह का व्यक्ति इंग्लैंड का प्राइम मिनिस्टर भी बन सकता है। बहलहाल 'पटियाला हाउस' के क्लाइमैक्स में पिता को अपनी भूल का एहसास हो जाता है। अंतिम गेंद डालने के समय पिता बुदबुदाता है कि यह निर्णायक गेंद वह मोहिंदर अमरनाथ की तरह डालेगा। ऑस्ट्रेलिया का खिलाड़ी बोल्ड आउट हो जाता है। ज्ञातव्य है कि सन् '83' के फाइनल में मोहिंदर अमरनाथ ने जीत दिलाने वाली गेंदबाजी की थी। ज्ञातव्य है कि मोहिंदर के पिता लाला अमरनाथ ने भी भारत के लिए खेला है। एक मैच में कप्तान लाला अमरनाथ ने एक सीमित स्कोर पर ही इनिंग्स डिक्लेयर कर दी, जबकि भारत अधिक बड़ी लीड ले सकता था। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसी स्कोर के भीतर वे सारे विकेट लेकर मैच जीत जाएंगे। रनों का पहाड़ खड़ा करने से बेहतर है कि रनों का टीला ही खड़ा करके विरोधी को पराजित कर दिया जाए। लाला अमरनाथ की टीम को विजय प्राप्त हुई। पी.जी.वुडहाउस ने स्कूल में खेले गए क्रिकेट पर रोचक कहानियां लिखी हैं। दर्शक दीर्घा से आईने का इस्तेमाल करके बल्लेबाज को चौंधिया देने जैसी शरारत भी उन्होंने लिखी है।
लाला अमरनाथ के दौर में टेस्ट खिलाड़ी को 200 रुपया प्रतिदिन दिया जाता था। आज के खिलाड़ी करोड़पति हैं। आईपीएल प्रारंभ होने से खिलाड़ियों की आय बहुत बढ़ चुकी है। भारत का अपना खेल कबड्डी उपेक्षित हो गया है। ज्ञातव्य है कि दिलीप कुमार ने अपनी फिल्म 'गंगा जमुना' में एक कबड्डी मैच को अत्यंत रोचक ढंग से प्रस्तुुत किया था। यहां तक कि उसे बैनहर की चैरियट रेस की तरह उत्तेजक रूप दिया था। कंगना रनौत अभिनीत पंगा भी महिला कबड्डी केंद्रित फिल्म है।