क्रिकेट के खानाबदोश बंजारे की गाथा / जयप्रकाश चौकसे

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
क्रिकेट के खानाबदोश बंजारे की गाथा
प्रकाशन तिथि :12 अप्रैल 2016


क्रिकेट खिलाड़ी अजहरुद्‌दीन का बायोपिक 'अजहर' के नाम से प्रदर्शन के लिए तैयार है और बताया जाता है कि इसके लिए कानूनी इजाजत ली गई है। इसके लिए अजहरुद्‌दीन को धन दिया गया है परंतु उनकी भूतपूर्व पत्नी संगीता बिजलानी से कोई आज्ञा नहीं ली गई है। अंग्रेजी भाषा में न्यायपूर्ण काम नहीं किए जाने पर कहा जाता है कि 'इट्स नॉट क्रिकेट।' लोकप्रिय क्रिकेट ने एक और मुहावरे को जन्म दिया है, ' वह सीधे बल्ले से नहीं खेलता' अर्थात नियम का उल्लंघन करता है। इन बातों के साथ ही घोषणा हुई है कि उनके सुपुत्र को फिल्म में प्रस्तुत किया जा रहा है। विगत लंबे समय से संगीता सलमान के जिम में एक्सरसाइस करने आती हैं और वहां लंबा समय बीताती हैं। इसका यह अर्थ कतई नहीं कि सलमान खान और संगीता अपने इश्क की दूसरी पारी खेल रहे हैं। ज्ञातव्य है कि सलमान खान अपने संघर्ष के प्रारंभिक दिनों में संगीता से प्रेम में आकंठ डूबे थे। यह आश्चर्यजनक है कि संगीता ने सलमान को छोड़कर अजहर से शादी की और उनसे अनबन होने पर उन्हें छोड़ दिया और अब एकाकी जीवन बिता रही हैं परंतु सलमान के जिम में रोज जाती हैं। यह भी कमाल की बात है कि प्रेमल हृदय सलमान के अपनी पूर्व प्रेमिकाओं से अच्छे संबंध हैं और उनके परिवार के सारे सदस्य उन लोगों को सम्मान और प्यार देते हैं। सलीम साहब इस तरह की दुखी स्त्रियों के भावनात्मक संबल हैं। इतना ही नहीं रीना रॉय, रेखा, राखी की तरह एक जमाने में लोकप्रिय सितारा रहीं महिलाएं भी उनसे मिलती रहती हैं। वे निहायत ही भरोसमंद इंसान हैं। अत: हम अंग्रेजी मुहावरे में किंचित परिवर्तन के साथ कह सकते हैं कि सलीम खान 'एगोनी अंकल' हैं अर्थात तमाम दुखियारे उनका प्रश्रय और प्रेम पाते हैं। याद आता है विजय तेंडुलकर का नाटक 'सखाराम बाइंडर' जिसके घर का दरवाजा शोषित महिलाओं के लिए खुला रहता है।

भारतीय क्रिकेट में धूमकेतु की तरह उभरे अजहर का जन्म हैदराबाद के एक निम्न-मध्यवर्ग परिवार में हुआ और टेस्ट के लिए चुने जाने के बाद ही उन्हें पहली बार क्रिकेट किट मिला। उन्होंने तो हमेशा कैनवास के सस्ते जूते पहने थे और मांगकर लाए बल्ले से मैच खेले थे। शोहरत और समृद्धि आते ही अजहर ने अपने पहले के अभावों की भड़ास जमकर निकाली। अब अजहर डिज़ाइनर कपड़े पहनने लगे और अपने नंगे पैरों से खेलने के दिनों को स्मृति से मिटाने के लिए दर्जनों जोड़ी जूते खरीदे। अयाज की किंवदंती है कि बादशाह का कृपापात्र होने के बाद वे तड़क-भड़क का जीवन जीने लगे परंतु अपने एक गुप्त कमरे में प्रतिदिन थोड़े से समय के लिए जाते थे। उनके शत्रुओं ने बादशाह से शिकायत की कि अयाज ने वहां अपना चोरी का धन छिपाया है। अत: कान के कच्चे बादशाह अपने दलबल सहित उस कमरे में गए और उन्होंने वहां कुछ पुराने कपड़े, घिसे हुए बर्तन इत्यादि देखे। पूछे जाने पर अयाज ने कहा कि वे अपने विगत से संपर्क के लिए उस कमरे में जाते रहे हैं ताकि बादशाह के प्रश्रय में अपनी औकात न भूलें। अजहर के पास विद्वान अयाज की तरह हकीकत से रूबरू कराने वाला कोई कमरा नहीं है और हमारे एक शीर्ष नेता भी तड़क-भड़क के विविध फैशनेबल कपड़े पहनते हैं और उनका एक सूट तो दस लाख का था। उनके पास भी अयाज की तरह हकीकत दिखाने वाला कमरा नहीं है।

अजहर ने अपने एक पुत्र को महंगी बाइक भेंट की थी और उस मासूम की मति गति से प्रभावित हुई और वह एक दुर्घटना में चल बसा। अजहर अकेले नहीं हैं। आज के दौर में रातोंरात प्राप्त समृद्धि के भोंडे प्रदर्शन के शिकार अनेक लोग हैं। अब देखना यह है कि अजहर के बायोपिक में हम उनका कौन-सा स्वरूप देखते हैं। हम हैदराबाद के पांच सितारे बंजारा होटल और हिल्स में खोया अजहर देखेंगे या अपने किसी अयाजनुमा कमरे में अजहर को देखेंगे। उन्होंने एकाधिक विवाह किए हैं और कौन-सी पत्नी को फिल्म में नायिका का दर्जा मिलेगा?

एक बार इंग्लैंड में खेले गए एक टेस्ट में अजहर ने एक ही जगह टप्पा खाने वाली गेंदों को अलग-अलग जगह मारा और पूछे जाने पर कहा कि एक ही जगह शॉट लगाने से वे बोर होते हैं। संभवत: एक ही पत्नी से ऊब जाने के कारण उन्होंने तीन विवाह किए। क्रिकेट के इस बंजारे को एक ही सराय में जीवन बसर करना पसंद नहीं।