क्रिकेट फिल्मों की गंगा यमुना सरस्वती / जयप्रकाश चौकसे

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क्रिकेट फिल्मों की गंगा यमुना सरस्वती
प्रकाशन तिथि :03 फरवरी 2015


भूतपूर्व क्रिकेट कप्तान अजहरुद्दीन एवं वर्तमान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के जीवन से प्रेरित फिल्मों की एक वर्ष से चल रही निर्माण पूर्व तैयारी हो चुकी है। शीघ्र ही शूटिंग शुरू होगी। दोनों के बीच समानता है कि गरीब एवं मध्यम वर्ग परिवार के संघर्षरत युवा रहे हैं और एक अरुचिकर समानता यह भी है कि दोनों ही दागदार भी हैं परन्तु यथेष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। अजहरुद्दीन तो फिक्सिंग के लिए दंडित भी हुए हैं परंतु धोनी पर कन्फ्लिक्ट ऑफ इंटेरेस्ट का आरोप इस मायने में है कि उनकी कंपनी के पास उनके चहेते खिलाड़ी अनुबंधित हैं। उस कंपनी में धोनी की भागीदारी का प्रमाण सामने नहीं आया है परन्तु उनकी कप्तानी वाली चेन्नई टीम की पात्रता रद्द की जा चुकी है। पूरा क्रिकेट गेट लफड़े का प्रारंभ दारासिंह के सुपुत्र बिन्दू के धोनी की पत्नी के साथ बैठकर मैच देखने के एक फोटोग्राफ के साथ प्रारंभ हुआ। खबर है कि धोनी फिल्म का पूंजी निवेश ऐसी कंपनी से हुआ है जिसमें उनकी भागीदारी की शंका मात्र है। सुशांतसिंह राजपूत धोनी की भूमिका के लिए पांच महीनों से प्रशिक्षण ले रहे हैं। खबर है कि 85 करोड़ में फिल्म के अिधकार एक सैटेलाइट कंपनी ने अपने क्रिकेट दिखाने वाली सहोदर कंपनी की सिफारिश पर लिए हैं। अजहरुद्दीन की फिल्म एकता कपूर बना रही हैं, जिसे पूंजी निवेश की आवश्यकता नहीं है।

धोनी मध्यम परिवार से आए और उन्हें बल्ला खरीदने के लिए पैसे का अभाव नहीं था, जबकि अजहरुद्दीन इतने गरीब परिवार से आए हैं कि टेस्ट में चयन के बाद ही उन्हें क्रिकेट के जूते, बल्ला इत्यादि का किट किसी ने भेंट किया। पहले वे कम कीमत के साधारण कैनवास के जूते पहनकर खेलते थे। उन्होंने पहले टेस्ट में ईडन गार्डन कलकत्ता पर शतक जमाया और शृंखला में तीन शतक बनाए। वे अत्यंत चुस्त क्षेत्ररक्षक सिद्ध हुए। एक बार इंग्लैंड में पहली दो गेंदों को अजहर ने लेग साइड में फ्लिक करके चौके मारे और ठीक वैसी ही तीसरी गेंद को ऑफ में पीट दिया। खेल के बाद पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एक ही ओर खेलकर वे ऊब गए थे। उनकी लचीली कलाइयां बल्लेबाजी को कला में बदल देती थीं। प्राय: घोर गरीबी से आया व्यक्ति धन आते ही या तो कंजूस हो जाता है या बचपन के अभावों का बदला लेने की भावना से भड़कीले दिखावे में फिजूल खर्च हो जाता है। गरीब पृष्ठभूमि से आए नेता भी भड़कीले वस्त्र पर अपनी सत्ता की सील लगाकर प्रस्तुत होते हैं। हाल ही में हमने 10 लाख रुपए का कोट पहने एक नेता को टेलीविजन पर खूब देखा। इस तरह की सोच स्वाभाविक हो सकती है परन्तु इसकी नकल में अन्य वर्ग फिजूलखर्ची करते हैं। हजारों की खुशबू भी गरीबी के दिनों की गंध को दूर नहीं कर पाती, क्योंकि वह मन में बसी है। अजहर सूट पहने आईने में छवि को फटे कपड़े पहने देखता है तो और महंगे कपड़े पहनता है परन्तु आईना अड़ा रहता है। बेल्जियम के आईने और मन के आईने में फर्क है। ऐसा महान आईना दृश्य "श्री 420' में था जो थोड़ा कम अर्थवान होकर दिलीप की "कोहिनूर' में आया और अमिताभ की "अमर अकबर एंथनी' में हास्य दृष्य हो गया। गोया कि ये तीन फिल्मों के आईना दृश्य भारतीय सिनेमा के बदलते तेवर का प्रतीक बन जाते हैं।

अजहर का पहला विवाह खाड़ी देश की अमीरजादी से हुआ परन्तु उन्होंने कपड़ों की तर्ज पर पत्नी भी बदली। सलमान खान से छिटककर आई संगीता बिजलानी से विवाह किया और यह सेलेब्रिटी जोड़ी फैशन के रैंप पर चली और अमीरों की आकाशगंगा में चमकने लगे। अफवाह है कि कुछ वर्ष बाद अजहर की प्रेम दृष्टि एक बैडमिंटन खिलाड़ी पर पड़ी और अपने मूल्यों पर अडिग रहने वाली बकमाल संगीता ने उन्हें तलाक दे दिया। आज 50 वर्ष की वय में संगीता का सौंदर्य और फिगर 20 वर्षीय युवा काे चुनौती देता है।

कहावत है कि हर जगह लुटा आदमी राजनीति में शरण पाता है परन्तु दो असफल शादियों से टूटा दिल लिए इस आशिक ने कांग्रेस टिकट पर संसद में जगह पाई और इस पद की चकाचौंध और ताकत ने उसके दागदार कपड़ों को धोकर उज्ज्वल बना दिया। राजनीति से बड़ी कोई लांड्री नहीं है। बहरहाल, अजहर ने अपने बेटे को महंगी तेज मोटर साइकिल दी और दुर्भाग्यवश इस पर सवार वह कमसिन उम्र में मौत की गोद में समा गया। वह अपने पिता से अधिक प्रतिभाशाली खिलाड़ी था। अजहर ग्रीक त्रासदी के नायक की तरह आसमान से पूछता है 'गॉड वाट?' जवाब आता है- 'द एनेमी लाइज विदिन मैन।' ईश्वर से क्या उसके न्याय पर प्रश्न करते हो, सारा दोष स्वयं मनुष्य का होता है।

हमारे धोनी भी तेज मोटर साइकिलों के ऐसे शौकीन हैं कि उनके 'अस्तबल' में विश्व की आला मोटर साइकिलें हैं। वे श्रीनिवासन का हेलमेट पहने हवा पर सवार थे और मुदगल की धरती पर गए हैं। धोनी की फिल्म में प्रेमकथा का अभाव है और अजहर की कथा में अधिकता है। उनकी पत्नी और पहलवान बिन्दू की मासूम तस्वीर ने मधुमक्खियों के छत्ते को तोड़ा है, अब दंश तो लगेगा ही। बहरहाल, इस क्रिकेट फिल्मों की गंगा यमुना के नीचे आरती शेट्टी की क्रिकेट फिल्म 'जोया फैक्टर' की सरस्वती प्रवाहित है। अब आरती आलिया भट्ट को अनुबंधित करने जा रही है।