खोप सँ बाहर / विभूति आनंद
थरथरी-मोडपर राखल मोबाइल सहसा घनघना उठल। गाढ़ निन्न में सूतलि मेघना उकस-पाकस कयलक। फेर माथ पर तकिया राखि घसमोड़ि क'सूति रहलि। मोबाइलक घनघनी मुदा कम नहि भेलै। ओ करोट फेरलक। कोनो अंतर नहि। फेर भेलै जे उठिये जाइ. मुदा निन्न कहै, कनी काल आर सूत न गय! ओकरा ई आग्रह नीक लगलै। मुदा मोबाइल रहै कि अपन जिद में कनियों कमी नहि क' रहल छलै। लगै जेना आइ पानि पी-पी क' ओकर निन्न कें दिक् करबाक ठानि लेने छै!
अंततः मेघना कें हारि मान' पड़लै। ओ आँखि बंद कयनहि ओछानपर हथोरिया देलक। मुदा दुश्मन कतहु नहि अभरलै। फेर दोसर हाथ सँ हथोरिया देलक कि साइड टेबुल लग हाथ ठेकलै। मोबाइल ओतहि छिड़िआइत भेटलै। उठा लेलक।
मेघना पहिने तँ औंघायल आँखिये नाम पढ़बाक चेष्टा कयलक। मुदा मोन संग नहि देलकै। अंततः हारि मानि साकांक्ष भेलि। आ नाम पढ़िते जेना सभ तामस फुर भ'गेलै। उठि बैसलि, आ चहकि उठलि-' हलो ममा, गुड मॉर्निंग! '
-'खूब खुश रह, जुग-जुग जीबै! हमरो उमर ल' क'जीबै...'
-'अरे भेलै-भेलै, आब बस कर! भोरे-भोरे नहा गेलियौ! ...' मेघना आशीषक वर्षा कें बीचहि में रोकैत बाजि उठलै।
-'अरे तों खुश त' माँ सेहो खुश! '
-'झुट्ठी ममा, जँ हमरा प्रति एते ममता रहितियौ त' ...'
-'...त' की! चुप किए भ'गेलें, बाजिये दे! ...'
-'इएह जे भैयाक बदला हमरे न संग में रखितें!'
एहि गप पर ओकर माँ सुधा चुप भ'गेलै। कनी देर ओहिना चुप्पी पसरल रहलै। अंततः मेघने चुप्पी तोड़लकै-' अच्छा, त'सुन न ममा!'
-'हूँ!'
-'तोरा अपन प्रॉमिस मोन छौ न!'
-'की?'
-'ओके ममा, दे दिया न फिर से अपना सुबूत!' मेघना जेना अपन माथ पीटैत बजलै।
-'अरे बेटा, ममा तेरी अब बूढी हो चली है न, सो याददाश्त थोड़ी-थोड़ी...'
-'हँ हँ, बना ले बहन्ना! मुदा आब तोहर प्रॉमिस पर किन्नहुँ नै विश्वास करबौ, बस...'
-'ओह, कनी हिंटो त' द'दे!'
-'हम तोहर सभटा चलाकी बुझि रहल छियौ! तोरा हमरा खौंझयबा में खूबे मजा आबि रहल छौ! ...'
-'ठीके कहै छियौ, हमरा एतनीयों टा मजा नै आबि रहल छौ! अच्छा चल, आबो कहि दे, प्लीज बेटू!'
-'इएह कि तों हमर एकैसम बर्थडे पर हमर सभटा जिज्ञासा शांत क' देबें! '
-'जाह, ई त' हमरा यादे रहय! '
एहि पर मेघना ठंढाइत नाटक सन करैत बजलै-'यू... नॉटी ममा! आइ लव यू! ...'
-'लव यू टू बेटा! मेनी-मेनी रिटर्न्स ऑफ दिस डे! हैप्पी-हैप्पी बर्थडे टू यू...'
-'थंकू थंकू ममा!' फेर कनी पॉज दैत-'अछा ममा!'
-'हूँ!'
- 'त' आइ साँझ तों आ हम आबि रहल छी न! जहाँ कह, होटल मे, पार्क मे...'
-'आँ..., ओके ओके! वएह, मून पार्क बेटर रहतौ...'
-'ओके बाय, -सी यू सून...'
-'बाय, टेक केयर...'
फेर तँ मेघनाक सभ टा आलस्य उड़न-छू भ'गेलै। ओ याहू कहैत पलंग पर चितंग भ' गेलि। फेर बहुतो योजना कें रूप देब'लागल। मुदा आबि रहल फोन कॉल्स ओकरा तकर पलखति नहि देलकै। ओना आनो तँ दिन इएह फोना-फोनी में समय चलि जाइत छै। ई लुतुक तँ आब जेना पढ़ाइ कें सेहो बाधित कर' लगलैक अछि। खैर, आजुक दिन तँ एकरा इग्नोर सेहो नहि क' सकैत छलि...
एही मानसिक व्यस्तता सभक बीच जखन नजरि घड़ीक सूइ पर गेलै, तँ चेहा उठलि। फेर तँ ई मोन मैट्रो भ'गेलै। कोनो सूरति में ओकरा माँ सँ पूर्वे पार्क में उपस्थित भ' जयबाक रहै...
आ अपन रूममेट कें 'बाय' करैत सड़क पर आबि ऑटो पर बैसि रहलि-'ओय! मून पार्क, क्विक! ...'
आ बैसिते ओ पर्स सँ मिनी अयना निकालि अपन अपूर्ण मेकप पर गौर कर'लागलि। फेर तकरा अंतिम टच देबा में लागि गेलि। आ एही क्रममे बेर-बेर स्वयं कें निहारैत' एक्साइटमेंट' क सागरमे हेलय लागलि...
मेघना अपन एहि बर्थडे पर भाभी जी सँ सेहो भेंट कर'वाली रहय। आ से मन में अबिते ओ अपना कें पुनः अयनामे ठीक सँ देखलक-किछु होइ, मुदा भाभी स' अधिक सुंदर लगबाक छै! नै त' भैया के फेर हमरा खौंझयबाक अवसर हाथ में आबि जेतै!
...से दिनो में परीलोक घुमैत मेघना पार्क में आबि गेलि। मुदा जाह! ममा तँ पहिनै सँ आबि क' डटल अछि!
मेघना तुरत-तुरत किछु सोचलक आ बिलाड़ि डेगे चलैत पाछुये सँ दूनू हाथें ममाक आँखि बंद क' लेलक।
मुदा ओकर ई बुझौअलि तँ धयले रहि गेलै, सुधा अपन मेघनाक स्पर्श मात्रे सँ चीन्हि गेलि। फेर ओकर हाथपर अपन हाथ रखैत बाजलि-'आह, आबि गेल न हमर गुड़िया बेटी!'
-'ओह ममा, यू आर ग्रेट!'
स्वर कान में पड़िते एक अजीब सन तृप्ति पसरि अयलै सुधाक चेहरा पर। ओ मेघनाक हाथ कें अपन आँखि पर सँ हटबैत बाजि उठलि-'माँ छियौ न! ...'
तकर आगूक शब्द कें जेना बघझर लागि गेलै। सोझाँ में साक्षात मेघना ठाढ़ि छलै। लेयर्स में कटल रेशमी केश, आ जे हवाक संग मीलि ओकर डिम्पल गाल कें आर डम्हरस बनौने जा रहल छलै। ढंग सँ काढ़ल, करिआयल, घनगर आ कान दिस बढ़ल पैघ सन प' ल कखनो खसैत, कखनो उठैत। इस्स, गुलाबी ठोर सँ पसरैत दबल खुशी कतेक मोहक लागि रहल छलै! पूरा पार्क जेना महमहा गेल होइ!
सुधा अपन बेटीक एहन रूप देखि क'अवाक् छलि। ओकरा तँ बेटीक चेहरा पर एक आसन्न मातृत्व झलकि अयलै। आ फेर तँ ओ भावुक होब' लागलि...
कि ताही खन मेघना टोकि देलकै-'हइ ममा, ई की भ' गेलौ! एहन की हमरा में देखा गेलौ! ...'
बेटीक टोक पर सुधाक भक् टुटि गेलै। फेर ओकरा अपन करेज सँ सटबैत बाजि उठलि-'नै कहाँ किछु! बस...'
-'की बस?' आ माँ सँ मुक्त होइत पूछि बैसलि।
-'ऐ बेर तों किछु बेसिये गौरजियस आ हॉट लागि रहल छें!'
-'भक्, तहूँ छें ने! ई सभटा मेकप के कमाल छै। ऐ बिचे हम एकर कोर्स क' लेलिऐ न! '
फेर कनी थम्हैत, की फुरलै की ने, अगरा उठलि-'अब मैं जवान हो गई हूँ...'
सुधा खिलखिला उठलि। कि ओ तखनहि जबरदस्त हिट क'बैसलै-' ओना ममा, तहूँ किछु कम 'हॉट' नै लागि रहल छें! 'आ कहैत ओहो सुधाक खिलखिलामे संग द' बैसलि।
-'शैतान!' सुधाक आँखि तँ जेना लजा गेलै।
मेघना तखने विषय बदलैत पूछि बैसलै-'अच्छा ममा, हमर ओ शैतान कत' छुपल छौ! 'आ चारूकात नजरिकें खिरब' लागलि।
सुधाकें बुझ'मे देरी नहि भेलै, बाजि उठलि-' अरे, ओ त'अपन कनियाँ के संग ल' क'अमेरिका गेल छौ!'
-'अँय, अमेरिका!' मेघना चौंकलि-'अच्छा त' हमर बर्थडे पर नै आयल! ब'हु भेटिते बहीन के बिसरि गेल! अच्छा, आब त' हम ओकरा स'कोनो हालते नै बजबै! मुदा ममा, ओ गेलय किए?'
-'अरे बेटू, की कहियौ! एखने त' बियाह कयलक, आ रूपा के एक अपन बच्चाक बेचैनी ध'लेलकै! बस, आब की छलै, सिद्धार्थ ओकरा ल' जहाँ-तहाँ बौआ रहल अछि! '
मेघना चुप भ'गेलि। बात बूझ' में देरी नहि भेलै। सुधा कें सेहो एहि सँ आगू किछु नहि फुड़यलै। मुदा कनी काल चुप रहि अपने-अपने बाजि उठलि-'जो, नीके करै जाइ छें! भगवती हमरा सनक अभोग हमर संतान सभ के नै देथि...'
मेघना माँक चेहरा पढ़ैत गंभीर भ'गेलि, फेर बाजलि-' ममा, जब तुम इतना ही मिस करती हो अपनी पास्ट फैमिली को, तो फिर चले क्यों नहीं आते वापस! '
सुधा छोट सन साँस लेलक, आ बातकें मोड़ैत बाजि उठलि-'बेटा, कोनो माँक लेल त' ओकर बच्चे ओकर संसार, ओकर परिवार होइ छै न! आ से त'लगमे अछिये! फेर तखन मिस कथी करब! आ दोसर बात, सभटा सुख की सभक कपार में रहिते छै! ...'
माँक भावना कें स्पर्श करैत मेघना भावुक भ'उठलि। फेर ओकर शरीर पर झुलैत सन बाजि उठलि-' हँ ममा, एकदम ट्रू बोली! '
माँ आ बेटी दूनू अपन एहि रूपक संग-सुख लेल पूरापूरी एक वर्षक प्रतीक्षा करैत अछि। आ से जेना दूनू मोनहि-मोन एकेबेर सोच'लागलि जे एहि पलकें किए ने' पास्ट'सँ हटा' प्रेजेंट'में ल' आनी!
मुदा मेघना तँ फेर गड़बड़ा गेलि! जाह, आ हम जे अपन अंदर पहाड़ भरि जिज्ञासा बटोरि अनने छी, तकर की हेतै! ममा तँ तकर प्रॉमिस सेहो कएने अछि!
फेर एहिना में सोचि गेलि-से जे होइ, मुदा एगो जिज्ञासा तँ करबे टा करत, आ जे एकरा जखन-तखन दिक् करैत रहै छै! ...
कि लगलै जेना सुधा ओकरा ओही रूपें समेटने अपन बैग सँ किछु निकालि रहल छै! भ' सकैए बर्थडे गिफ्ट निकालि रहल होइ!
से ओकर अँटकर सही बहरयलै। सुधा मेघना ओकर अनुरूप एक सुंदर सन गिफ्ट निकालि क' देलकै।
-'वाव, इट्स सो ब्युटीफुल! आइ लव यू ममा...' मेघनाक आँखि तँ खुशी सँ चमकि उठलै। बेटीक खुशी देखि सुधाक आँखिक चमक सेहो बढ़ि गेलै।
मेघना गिफ्ट कें निहारैत रहलि। धीरे-धीरे ओकर चेहराक भाव बदलैत गेलै। कि एकाएक बाजि उठलि-'ममा हमरा एकटा आरो गिफ्ट चाही!'
-'ओ माइ लवली, चल की चाहियौ, कीन दै छियौ! ...'
-'अँ..., ममा तों पापा स' कथी ला अलग भ'गेलही! आइ मीन तों आ पापा एक-दोसर स' ...'
-'ओह, ये कैसा सवाल है!'
-'आइ नो ममा, तुम फिर मेरे इस सवाल को टाल जाओगी! पर अबकी मैं मानने वाली नहीं हूँ, हाँ! ...'
-'अच्छा, तो ये बात है!'
-'हँ ममा, ई तोहर उत्तर हमर ऐ बर्थडे पर एक अमूल्य गिफ्ट हएत!'
सुधा गंभीर भ'गेलि। फेर स्थिर भ' सोचलक, मेघना आब पैघ आ बुझनुक भ'गेल अछि। एकरा आब ई सभटा बुझि लेबाक चाही। आ तेहने सन किछु सोचैत बाजि उठलि-' ठीक छै, त'सुन!'
-'हँ ममा!'
-'हमरा आ तोहर पापा बीच बहुत रास भिन्नता रहय, आ जे कम की होइत, दिन-प्रतिदिन बढ़िते गेल। बाद में त' एक पैघ गैप भ'गेल...'
-'भिन्नता!'
-'हँ, स्वभावक! ताहू सँ ऊपर कह त' , सोचक! तोहर नाना के पापाक बारे में पहिने नै बूझल रहनि जे हमर जमाय पूरा संसारक स्वाद ल'चुकल छथि। खैर, तैयो किछु वर्ष तक ठीक-ठाक रहल। अपन ई कौलिक संस्कार, हमर पढ़ल-लिखल मोन पर भारी पड़ैत रहल। हमर ठोर सीयायल रहल। मुदा नै, बाद में तँ हम नेरायल वस्तु भ' गेलिऐ! ...'
मेघना माँ दिस टुकुर-टुकुर तकैत रहलि। सुधा बजिते गेलि-'तैयो हम बहुत चेष्टा केलिऐ...'
-'की?'
-'तों दुनू ताबत आबि गेल रहें, तें चाहलिऐ जे एहनो जीवन जी लेब, मुदा...'
-'मुदा ममा..., पपा त' हमरा किछु दोसरे-तेसरे खिस्सा कहने छथि! ...'
-'ज़रूर कहने हेथुन। इएह त' ऐ जग के रीत छै! दुराचारी क्यो होइ छै, आ कलंकिनी भ'जाइ छै स्त्री! बेटा, जखन ऐ ठामक लोक मैया सीता के नै छोड़लथिन, हम त' तैयो...'
- 'त' की, तों नै पापा...'
-'अरे बेटा, ई मर्यादाक जिंजिर में बान्हल रहबाक चलते हम स्त्रिगण में एते हिम्मत कहाँ जे पति परमेश्वर के छोड़बाक लेल...'
मेघनाक अंदर तँ जेना अन्हड़ उठि गेलै। बहुत रास बात सोचाय लगलै। फेर पति, माने 'पति' शब्द सँ एकरा जेना घिन होब'लगलै। आ से चेहरा सँ सेहो झलक' लगलै।
कि बेटी कें एना होइत देखि सुधा टोकलकै-'ओह, आजुक दिन तों ई की ल' बैस गेलें! सुन, हमर छोड़, अपन कह! ई नबका बसात संग कोना निमहि रहल छौ तोहर दिन-दुनिया! ...'
मुदा मेघना तँ तेसरे दुनिया में छलि। से माथ झाड़ैत एक पैघ साँस लेलक आ बाज'लागलि-' ममा, हम सोचि रहल छी, ई शादी-बियाह टाइप बेकारक चक्कर में हम नै पड़ी! खूब घूमी-फिरी, लाइफ के इंज्वॉय करी, एकदम बिंदास, जे तोरा सन यातना फेर...'
-'नै बेटा, नै! असगर जीवन जीब कि कोनो जीयब होइ छै! बेटा रे, हमरा त' डायवोर्स में अकूत संपत्ति भेटलौ! संग में बेटा सेहो! आब त'पुतहु सेहो..., मुदा तों एहन बात सोचबो नै करिहें...'
मेघना फेर ओझरा गेलि-मुदा हम त'पापाक हिस्सा में पड़लौं। परिवार सन कोनो चीज होइ छै से आइ तक कहाँ बुझि सकलौं! हॉस्टल में पललौं-बढ़लौं! पापा स' भेंट भेला मासक मास बीत जाइए! ... आब त' सालो! ...
ओकर मोन नहि बदललै, ओ तर्क क'बैसलि-' किए ममा, आब त'तों केहन आजाद छें! केहन नीक स' अपन लाइफ के इंज्वॉय करै छें! एकदम फ्री...'
-'नै बेटा, नै...! ई किटी पार्टी, ई क्लब..., सभटा हमर एसगरपन कटबाक बहन्ना मात्र ऐ! आ फेर ओहू ठाँ त' हमर ई डायवोर्सी तगमा... ओह, सैकड़ोक बीचमे घेरायल रहलाक बादो एकांतक दर्द हृदय से नै जा पबैए! ...कोना क'बुझबियौ बेटा कि एखन जतेक खुशी संग रहि भ' रहल अछि, ओ कोनो क्लब, आकि कोनो किटी पार्टी...'
कहैत-कहैत सुधा, बेस भावुक भ'गेलि आ बेटीकें आर लग अनैत बाजलि-' भावुकता में बहि बेटा, एहन कोनो निर्णय तों नै ल'लिहें, जाहि स' ...'
मुदा मेघना तँ तकर अर्थ उन्टे बूझि लेलक! ओ सोचि लेलक जे अपना बारे में आब आर किछु बजबाक अर्थ होयत घंटा भरि आर लेक्चर सूनब!
फेर तँ गबर-गबर सभ किछु सुनैत, चिप्सक पैकेट फाड़ि खाइत रहलि। आ ताही संग जेना हेरा गेलि...
पापा-मम्मीक डायवोर्सक बाद सँ इएह एक टा दिन तँ होइत अछि जे हम अपन माँक स्पर्श क' पबैत अछि! एहि माँ शब्दक अर्थ बूझि पबैत छी। शेष दिन तँ बस भागमभाग जिनगी, आ ताहि संग एक अंतहीन प्रतीक्षा...
ओह, हमर सभटा दुखक कारण ई माँ-पापाक झगड़ा अछि! ताही क्षण भाय मन पड़ि अयलै। एक दिन ओकर कॉल शेयर करैत टीस बहार कएने रहय-'भैया, तुम क्यूँ इतनी लकी हो कि ममा-तुम साथ रहते हो! ...'
ताहि पर भैया खौंझा देने रहै-'तुम तो पोखर किनारे फेकी हुई मिली थी न! और मुझे तो ममा ने खुद जन्म दिया है...' आ फेर एक अनंत उकटापैंची...
फेर तँ बढ़ैत उम्र संग बढ़ैत सूझ-बूझ सँ एहि तरहक उकटापैंची समाप्त भ' गेल रहै। कहियो जँ करबो करय तँ माँ कें खौंझयबाक लेल।
मुदा पापाक हिस्सामे रहलाक बादो ओ हुनका सँ मीलो दूरीक बोध करय। ई दूरी पहिने बड़ अखरै। मुदा से अधिक समय धरि नहि, पापा ओकरा हॉस्टल में ध'देलथिन। आ ओत' जाइते तँ फेर ओकर दुनियें बदलि गेलै। न'ब शहर, न' ब लोक, न'ब हवा..., आ ताहि पर सँ ग्रोइंग एज! ने कोनो रोक, ने कोनो टोक। जगह सेहो तेहन जे जत' सुधरलक अपेक्षा बिगरलेक संख्या अधिक...
से एहि अवस्थाक निसाँ ककरो नीक-बेजायक पता कहाँ द' पबैत छै! सभ किछु तँ नीके लगैत रहैत छै। पूरा दुनिया मुट्ठी में समा लेबाक आवेग! धरती पर पएर नहि, जागलो आँखि सपनाइत...
से समय बहुत तेजी सँ बदल' लगलै। ओ बहसल मोन संग रमैत चलल गेलि, आ जानि नहि कहिया कोना कोनो कपड़ा जकाँ लड़का बदलबाक हिस्सक लागि गेलै...
आ सुधा मेघनाक हेरायलि मनोभाव कें गौर करैत रहलि। आ ओकर सोच बदलैत रहलै। ओकरा मेघनाक चेहरा परक ओ चमक, ओ चंचलता जेना हेरायल लगलै! ओकर अंदरक माँ सहसा मुखर भ'उठलै आ ओ ओकर प्रवाह पर टोक मारि बैसलि-' बेटा, आर यू ओके! '
-'या ममा, फाइन!' ओहो प्रकृतस्थ भ' उठलि।
-'तो तुम एकाएक इतनी शांत, बुझी-बुझी...'
-'ओफोफ ममा, आब हम पैघ भ' गेल छी न! 'आ एतबा कहैत अपन नाक माँक नाक सँ रगड़ैत समयकें इंज्वॉय कर' चाहलक...
...कि तखनहि सुधाक मोबाइल बाजि उठलै। ओ मेघनाकें आँगुरक संकेत सँ एक मिनट कहैत कॉल रिसीव करैत कने हटि गेलि।
मेघना फेर सहसा खाली भ'गेलि। एहि खाली समय में जानि ने कोना क' , भैयाक संग लागि गेलै। ओ आँखि मूनि मोन पाड़'लागलि जे कोना बच्चा में भैया आँगुर पकड़ि स्कूल ल' जाय, फेर खटपट भेला पर हमर बान्हल केश पकड़ि क'खीचैत भागि जाय, कोना पॉकेटमनी बचा-बचा राखीक लेल गिफ्ट्स कीनय... फेर जखन-जहिया दुखित पड़ि जाइ, कोना सहसा पैघ बनि जाय आ हमरा बौआ बूझि दुलार कर' लागय, दवाइ पियाबय, गप में बझा कंपाउंडर सँ सूइ भोंका दिअय... एह भैया के शुरुये सँ बच्चाक प्रति केहन लगाव छलै...
हेरायले रहय कि सुधा आबि गेलै। ओहो वर्तमानमे चल आयलि। मुदा ई की! ओ ममाक उदास चेहरा देखि बेचैन भ'उठलि-' किसका कॉल था ममा! '
-'नै रे, कुछ नै...'
-'ककर फोन रहौ!' मेघना तेज स्वर में पूछि बैसलै-'अरे बोलो भी तो!'
सुधा अंततः बजलै-'अरे, अमेरिका के डाक्टर सभ सेहो कोनो पॉजिटिव रिस्पॉन्स नै केलकै! फेर दुनू...'
-'फेर दुनू की? ...' मेघना बेचैने छलि।
मुदा आगू आर किछु बाजि सकैत, एकाएक बेहोस होइत ओतहि बेंचपर ओंघरा गेलि।
से फेर तँ सुधा तेसरे संकटमे आबि गेलि, आ तुरंत बेंच पर बैसैत बेटी कें सम्हारय में लागि गेलि...
मेघनाक जखन आँखि फुजलै तँ स्वयंकें हॉस्पीटलमे पौलक। सुधा मूर्तिवत बेटीक चेहरा निहारि रहल छलि। नजरि मिलिते मुदा मेघनाक आर लग आबि गेलि। आ ओकर माथ पर हाथ फेरैत दुलार'लागलि-' आर यू फाइन! '
मेघना सुधाक स्पर्श कें ओकर हाथ पर अपन हाथ रखैत बजलै-'हँ ममा, ठीक छी! पर हम एत' ? ...'आ कहैत अपन नजरिकें घुमबैत हॉस्पिटलक मरीज सभ दिस ल' गेलि।
सुधा कें अँटकर लागि गेलै जे ई की पूछ'चाहि रहलि अछि, ओ अपन दुनू हाथ सँ ओकर हाथकें पकड़ि लेलक आ चेहरा पर बलजोरीक खुशी अनैत बाजलि-' बेटा, यू आर प्रैग्नेंट! '
-'ह्वॉट! हाउ इट्स पॉसिबल?' कहैत ओकर जेना आँखि उनरि गेलै। शरीर सेहो खून रहित। लगलै जेना मोन कोनो अन्हड़क बीच फँसि गेल अछि...
ओकर मनोभाव कें धरैत सुधा मुदा पूछि बैसलै-'क्या मतलब, मैं कुछ समझी नहीं!'
-'ममा, वो...वो...बात ये है कि...'
-'बाज, बाज बेटा, हमर तोहर माँ छियौ! संतानक रोआँ टा देखैत सभ किछु बुझि जेबाक वरदान हमरा सभ के ईश्वर स' प्राप्त अछि! ...'
-'क्या?'
-'...आ तोहर दोस्त सेहो छियौ न!'
मेघना निरुत्तर रहि गेलि। दोसर कोनो बाट सेहो नहि रहै। तें कने बिलमि बाजलि-'हँ ममा, एना छै कि...ममा...'
-'हँ हँ, बाज बेटा! कोनो टा संकोच स' बाहर आबै! तों बूझि ले जे हम एक डाक्टर स'गप क' रहल छी! आ ऐ उमर में डेग बहकनाइ कोनो...'
सुधाक नॉर्मल गप-सप सूनि मेघनाक अंदर उठल अन्हड़ थोड़ेक थम्हैत सन बुझयलै। ओ बेडपर सँ उठैत माँक गला लागि गेलि। फेर पीठ दिस मुँह कयनहि बाज'लागलि-' हम त'थोड़बे दिन पहिनेही टेस्ट कैने रहिऐ, तखन त' ...'
-'मुदा ई सभ तों कहियो फोन पर...'
-'ममा...ममा...' आ तोतराय लागलि।
-'हँ हँ, बाजै न!'
-'हमर रूममेट आ नबका पार्टनर, दुनू मिल क' ककरो स'ई सब बात शेयर नै करबाक कसम द' देने रहय...'
सुधा कें बात बुझैत देरी नहि भेलै। आ फेर अपन हृदयक छूटल घाव जेना हरिया गेलै। आब ओकरा अपन बेटीपर कोनो टा तामस शेष नहि रहि गेलै।
तखने मेघना चेहरा सोझा अनैत बाजि उठलै-'ममा, तों हमरा स' कतौ! ...'
-'नै बेटा, जँ एहन समय में हम तामस कर' लागब त'माँ सनक शब्दक अर्थ कलंकित भ' जायत...'
-'ममा, ई बच्चा हमरा नै चाही! कुछ करो, कुछ करो ममा...फॉर मी! ...' आ कहैत ओ भावुक भ'गेलि। आब ओकरा दुनियाँदारी सूझ' लगलै। फेर ओ कोनो अपराधी सन, माँक सीना में मुँह नुका लेब' चाहलक।
सुधा ओकर माथ पर हाथ फेरैत रहलै-'ठीक छै बेटा, हम डाक्टर स' बात करै छी! तों बिलकुल नै चिंता कर, हम छियौ न! ...'
कि ताही खन नर्स आबि गेलै। आ सुधा मेघना कें ओकरा जिम्मा लगबैत जेना डाक्टरक संपर्क लेल चल गेलि।
सुधा घूरलि तँ देखलक बेचैन मेघना रूम में टहलैत ककरो सँ बात क'रहलि अछि। ओ माँ कें देखितहि स्विचऑफ क' लेलक, आ ल'ग अबैत पूछि बैसलि-' बोलो न ममा, डाक्टर दवा लेकर कितनी देर में आ जायगी! '
-'बेटा, अब दवा से नहीं, एबॉर्शन कराना होगा! और...'
-'और क्या?'
-'चारि दिन बादक टाइम देलकौअय!'
-'चारि दिन! ...' मेघना कें जेना ई चारि बरस बुझयलै। आ तखने फेर अपन रूममेट मोन पड़ि अयलै। देखने रहय ओकरा जे कतेक अधिक कष्ट होइत छै! तथापि ओ अविचलित रहलि।
सुधा कहलकै-'तोरा चिंता करक नै छौ! हम अपन ऑफिस के इन्फॉर्म क' देलिऐ. आब तों चल हमर संग हमर होटल...'
सुधा कें एहि ठाम आबि आ बेटी संग रहैत, अतीत हरिया अयलै। मेघना सेहो कतेको वर्ष बाद अपन माँक निकट आयल छलि। से दुख में सेहो दुनू सुखक अनुभूति कर' लागलि...
पाँचम दिन दुनू डाक्टरक देल समय पर हॉस्पिटल आबि गेलि। सुधा डाक्टरक पता कयलक तँ कहल गेलै एखन इमरजेंसी वार्ड में छै। फेर दुनू प्रतीक्षा कर' लागलि। कि तखनहि सुधाक मोबाइल रिंग कयलकै।
-'ककर फोन छौ ममा?'
-'अँ..., सिद्धार्थ के! बात करबें?'
मेघना की सोचि 'नै' मे मूड़ी डोला देलक। तखने नर्स आबि गेलै। सुधा बतीआइते बहरा गेलि।
फेर तुरंते घुरलि तँ देखलक नर्स ओकरा नॉर्मल करबाक लेल रंग-रंगक गपसप क' रहलि अछि। सुधा ओकरा कनी काल लेल बाहर जाय कहलकै। ओ चल गेलै।
-'की कहि रहल छलौ भैया!'
-'वएह तोहर स्वास्थ्य आ हमर घुरबाक समय पूछि रहल रहय!'
-'की कहलही!'
-'की कहितिऐ, कहि देलिऐ जे पहिने स' नीक छै, आ दू-चारि दिन में घुरि आयब...'
-'ओ...'
-'ओ त' जिद करैत रहौ तोहर आवाज सुनबा लेल! तोरो पर लगौने रहौ। स्विच औफ कहलकै। हम कहि देलिऐ जे एखन ओ आराम क'रहल छै...' आ कहैत मेघनाक गाल छुबैत दुलार'लगलै-' तों नॉर्मल रह, आ आराम कर! हम फेर एकबेर डाक्टरक पता केने अबै छी...'
मेघना आँखि मूनि लेलक। कनियें काल बाद लगलै जेना ओ अपन सभ टा नीक-बेजाय बिसरि गेल अछि। कोनो टा ग्लानि, अपसोच, लोक-लाज..., सभटा जेना समुद्रक तूफान सन, उफनि क' सम पर आबि गेल होइ. तनाव सेहो कमैत लगलै...
कि सुधा आबि गेलै-'की बेटा!'
मेघना आँखि खोलैत सुधा दिस तकलक। फेर उठि बैसलि। सुधा कहलकै-'थोड़ेक आर समय लगतै...' आ ओहो ओकरा लग में आबि बैसि रहलि।
मेघना माँक चेहरा देखलक। बेस गौर सँ। जेना पहिल बेर! कि ताही बीच सुधा टोकि देलकै-'की बेटा, कथी देखि रहल छें! की किछु कह' चाहै छें! '
-'हँ ममा! ओ...'
सुधा ओकर हाथ कें अपन हाथ में लैत बाजलि-'हँ हँ, बाजै बेटू!'
-'ममा, हम अपन बच्चा के जन्म देब' चाहै छी! 'आ कहैत पल नीचा क' लेलक।
-'अँय! पर क्यूँ? ...'
ओ पल उठबैत बाजलि-'ममा, आब क्यो हमरा नीक नै कहत, से बुझै छिऐ! किएक कि अपन सभ ठाँ एहन बात सब छूपल नै रहै छै। उन्टे लोक...'
-'तखन!'
-'हम अपन एहि काज के अपन भैया-भाभीक खुशी लेल बाँट' चाहै छी...'
-'मतलब?'
-'मतलब हम अपन ई बच्चा, ओकरा दुनूक मैरेड डे पर गिफ्ट करबाक सोचलौं-हें...'
आ कहैत सपनाय लागलि-ममा, भाभी जी कतेक खुश भ'उठतै! आ भैया के त' अपन बचपन...
-'किंतु बेटा...'
-'कुछ मत बोल ममा...'
-'मुदा...'
-'पहिनहुँ त' पीसी-मौसी सभ दोसर के बच्चा पोसै छलै न! त'की हम अपन ई बच्चा भाभी जी के ...'
सुधा नि: शब्द। ओकरा लागिये ने रहल छलै जे हम अपनहि जनमल संग बतिया रहलि छी!