गरीब / सुषमा गुप्ता
Gadya Kosh से
"अरे! राजू सुना तूने कल फिर राम मंदिर बनाने को ले कर जुलूस निकाला गया। जाने कितनों के सर फट गए और दो तो जान से ही गए."
"हाँ दीनू पता है उस इलाके में बहुत ही टेंसन है। पता नहीं इस दंगे फसाद से कौन से भगवान खुश होने वाले है। चल छोड़ ये सब गाड़ी लग गई है स्टेशन पर सवारी आती होंगी।"
"ओ रिक्शे वाले भईया राम लला जन्म स्थान जाना है"
"नहीं बाबू जी वहाँ नहीं जाऊंगा।"
"अरे फालतू पैसे ले लियो।"
"नहीं बाबू जी फिर भी नहीं जाऊंगा।"
"क्यों रे मुसलमान है क्या तू?"
"गरीब हूँ बाबू जी." और राजू अगली सवारी की और बढ़ गया।