गुजरात री यादगार जातरा अर राष्ट्रीय सेमीनार / कथेसर
मुखपृष्ठ » | पत्रिकाओं की सूची » | पत्रिका: कथेसर » | अंक: अक्टूबर-दिसम्बर 2012 |
अंतरप्रांतीय बंधुत्व साहित्य जातरा रै त्हैत राजस्थानी साहित्यकारां रो अेक दल लारलै दिनां गुजरात री जातरा कर’र गुजराती साहित्य अर संस्कृति री जाणकारी लीवी। राजस्थानी भाषा, साहित्य अर संस्कृति अकादमी रै अध्यक्ष श्याम महर्षि रै नेतृत्व में मायड़भाषा रा 18 लिखारा 4 अक्टूबर सूं 8 अक्टूबर तांई गुजरात रै अहमदाबाद, जूनागढ़, राजकोट, पोरबन्दर, सोमनाथ, द्वारका आद नामी नगरां राभ्रमण कर्यो अर गुजराती संस्कृति नै नेड़ै सूं देखी।
सौराष्ट्र रै अेतिहासिक नगर जगचावै तीरथ जूनागढ़ रै गिरनार री तळैटी में बण्योड़ै भारती आश्रम में 6 अर 7 अक्टूबर नै अकादमी अर सौराष्ट्र विश्वविद्यालय रै झवेरचन्द्र मेघाणी लोक साहित्य केन्द्र री भेळप में 'लोक साहित्य अर संत साहित्य’ माथै राष्ट्रीय सेमीनार रो आयोजन हुयो। डॉ. अम्बादान रोहिडिय़ा रै संयोजन में आयोजित इण सेमीनार रै मिस राजस्थानी अर गुजराती रा साहित्यकारां दो दिनां तांई दोनूं भाषाावां री साहित्यिक परम्परा अर सरोकारां माथै सार्थक बंतळ करी। सेमीनार में राजस्थानी रा डॉ. भंवरसिंह सामौर, डॉ. मदन सैनी, डॉ. शक्तिदान कविया अर डॉ. माधोसिंह इन्दा आपरा परचा बांच्या। इण मौकै रवि पुरोहित रै संपादन में अकादमी री मासिक पत्रिका 'जागती जोत’ रै अगस्त-सितम्बर 2012 अंक रो विमोचन ई हुयो। सम्मेलन रै समापन पछै राजस्थानी लिखारां री टीम पोरबंदर गई अर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी रै पैतृक रैवास री जातरा रै मिस बां री ओळूं री अंवेर करी। इणरै सागै लिखारा अेतिहासिक-धार्मिक स्थल सोमनाथ अर द्वारका ई गया अर गुजरात री धार्मिक-सांस्कृतिक परम्परावां नै जोयी। जातरा रै सुखद अनुभवां सागै राजस्थानी लिखारां राजकोट-अहमदाबाद हुवता 9 अक्टूबर री दिनूगै पूठी मायड़भौम सारू रवाना हुयगा। जावती वेळां आबू रोड़ में आईअेअेस जितेन्द्र कुमार सोनी अर व्याख्याता डॉ. जगदीश गिरी, डॉ. दिनेश चारण अर बां रै साथियां कानी सूं अनै आवती वेळा अहमदाबाद मांय अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति रा सलाहकार डॉ. सुरेन्द्रसिंह पोकरणा, अशोक संचेती अर सोम प्रकाश शर्मा कानी सूं लिखारां रो भव्य सुवागत अर पोरबंदर में चालती बस में 'जागती जोत’ संपादक रवि पुरोहित रो जलम दिन उछब यादगार अनुभव रैयो।
जातरा में अकादमी अध्यक्ष श्याम महर्षि रै अलावा सचिव पृथ्वीराज रतनू, चावा-ठावा साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा, डॉ. भंवरसिंह सामोर, डॉ. शक्तिदान कविया, डॉ. मदन सैनी, भंवर लाल भ्रमर, अर्जुनदान चारण, डॉ. राजेन्द्र बारहठ, उपेन्द्र अणु, डॉ. सत्यनारायण सोनी, रवि पुरोहित, डॉ. गजादान चारण, शिवराज भारतीय, डॉ. मदन गोपाल लढ़ा, नारायण सिंह राव, डॉ. जगदीश प्रसाद अर कानसिंह सामल हा।