चाय / पद्मजा शर्मा
Gadya Kosh से
'ललिताजी को उनके उपन्यास पर साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। बधाई देनी चाहिए.'
'उनके पति के कारण मिला है।'
'हाँ, कल साक्षात्कार में बता रही थीं कि उन्हें घर में पति का पूरा सहयोग मिलता है। जब वे लिखने-पढऩे में व्यस्त होती हैं तब घर आए मेहमानों की आवभगत भी उनके पति निस्संकोच कर लेते हैं। यह पुरस्कार मुझे भी मिल सकता है अगर उनके पति की तरह आप भी मुझे थोड़ा सहयोग करें। मैं लेखन को उतना समय नहीं दे पाती जितना देना चाहिए.'
'अब से मैं भी सहयोग दूँगा। पहले वाला अपना रवैया बदल दूँगा।'
'आप तो शाम की चाय बना दिया करें। बस, यही बहुत बड़ा सहयोग हो जाएगा।'
'यह काम तो महंगा पड़ जाएगा।'
'किसे?'
'तुम्हें।'
'कैसे?'
'गर्म चीजें अक्सर मेरे हाथ से छूट जाया करती हैं... हाँ तो शाम की चाय तुम बनाओगी या मैं?'
'मैं'