चालीस पार नायिकाओं की वापसी / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 21 जनवरी 2014
ऐश्वर्या राय बच्चन अपने प्रिय फिल्मकार मणिरत्नम की अगली फिल्म से अपनी दूसरी पारी शुरू करने जा रही हैं। उनकी पहली पारी भी मणिरत्नम की 'इरूवर' के साथ प्रारंभ हुई थी तथा वे 'गुरु' व 'रावण' भी उनके साथ कर चुकी हैं। संजय लीला भंसाली भी उनके प्रिय फिल्मकार हैं जिनके साथ वेे 'हम दिल दे चुके सनम', 'देवदास' तथा 'गुजारिश' कर चुकी हैं। मणिरत्नम की विगत कुछ तमिल में बनी फिल्में असफल रही हैं। इस तरह से ये फिल्म मणिरत्नम एवं ऐश्वर्या दोनों की वापसी कर सकती हैं। ऐश्वर्या की पहली हिन्दी फिल्म राहुल रवैल ने निर्देशित की थी परंतु उन्हें सितारा हैसियत संजय लीला भंसाली की सलमान खान अभिनीत फिल्म से मिली थी।
ऐश्वर्या ने गर्भवती अवस्था में मधुर भंडारकर की 'हीरोइन' अनुबंधित की थी और उस विवाद के बाद उन्होंने फिल्में कुछ समय के लिए छोड़ दी थीं और अपना सारा समय अपनी बेटी और परिवार को दिया था। श्रीदेवी की वापसी की फिल्म 'इंग्लिश विंगलिश' खूब सराही गई थी और मुनाफा भी कमाया था परंतु माधुरी दीक्षित नेने की 'आजा नच ले' और 'डेढ़ इश्किया' सराही गई परंतु मुनाफा नहीं कमा सकी। अब उनकी आगामी 'गुलाब गैंग' में उनके साथ जूही चावला भी है जो पहले ही कुछ कला फिल्मों में काम कर चुकी हैं। इन सबसे सीनियर रेखा भी इंदर कुमार की 'सुपर नानी' द्वारा एक किस्म की वापसी कर रही हैं। पुरुष सितारों में अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की दूसरी पारी अत्यंत सफल रही हैं और खेल अब भी जारी है परंतु धर्मेंद्र और विनोद खन्ना तथा राज बब्बर को विशेष सफलता अपनी दूसरी पारी में नहीं मिल सकी है। हेमा मालिनी ने इस तरह का कोई प्रयास नहीं किया है।
ऐश्वर्या सौंदर्य प्रतियोगिता में पुरस्कृत होने के बाद फिल्मों में आई और उस दौर में सुष्मिता सेन भी इसी मार्ग से आई थी। दरअसल सौंदर्य प्रतियोगिता के माध्यम से फिल्मों में आने वाली पहली सितारा जीनत अमान थीं तथा दूसरी उनकी समकालीन परवीन बॉबी थीं। ऐश्वर्या की प्रारंभिक फिल्मों में उनके सौंदर्य से दर्शक प्रभावित हुए परंतु भंसाली की फिल्म तथा सुभाष घई की 'ताल' में उनके अभिनय कौशल ने प्रभावित किया तथा मणिरत्नम की बहुत प्रशंसा हुई है। आदित्य चोपड़ा की 'धूम दो' और 'जोधा अकबर' में उनकी जोड़ी रितिक रोशन के साथ खूब जमी परंतु गुजारिश के हादसे ने काफी नुकसान किया। आजकल प्रसारित सीरियल 'जोधा अकबर' की जोधा भी सुंदर और प्रतिभाशाली कलाकार है।
आज सिनेमा और टेलीविजन में कलाकारों को इतना अधिक धन मिल रहा है कि सभी सफल रही नायिकाएं वापसी के लिए बेकरार हैं। आज माधुरी जितना धन कमा रही है उतना उससे अपने शिखर दिनों में नहीं कमाया। आज बाजार में सारे ब्रांड बिक रहे हैं। श्रीदेवी और माधुरी को दर्शकों की जिस पीढ़ी ने सराहा वह अब अधेड़ अवस्था में है और वर्तमान युवा दर्शक उनकी फिल्मों को सैटेलाइट में बार-बार दिखाई जाने वाली फिल्मों के कारण जानता है परंतु हर फिल्म का मूल्यांकन उसकी गुणवता के आधार पर ही होता है। 'इंग्लिश विंगलिश' में श्रीदेवी का अभिनय पसंद किया गया और भूमिका भी उनकी वय की नायिका की ही थी।
यह खुशी की बात है कि आज इस तरह की फिल्में बन रही हैं जिनमें चालीस पार की नायिकाओं के लिए अवसर हैं। हॉलीवुड में हमेशा ही इस तरह की फिल्में बनती रही हैं। मेटिल स्ट्रीप को आज भी मुंहमांगा मुआवजा मिलता है। सोफिया लारेन ने अपने पोते द्वारा निर्देशित फिल्म में अभिनय किया है। दरअसल उम्र शरीर से कही ज्यादा अवचेतन में दर्ज होने पर निर्भर करती है। कोई तीन दशक पूर्व फिल्म का नाम था 'फोर्टी कैरेट वूमन'। हीरे के मोल का मानदंड कैरेट पर निर्भर करता है। इस फिल्म में चालीस वर्ष की तलाश शुदा नायिका सफल व प्रसिद्ध प्रोफेशनल है और छुट्टियों में सत्रह साल के नायक को उससे प्यार हो जाता है। करोड़पति बाप का इकलौता बेटा इश्क में पागल है और नायिका ही उसके भले के लिए उससे बेरुखी से पेश आता है, यद्यपि वह भी उसे चाहती है। उसका तलाक लेने वाला उसका खिलंदड़ पति उसे समझाता है कि सच्चा प्यार किसी-किसी को नसीब होता है और म्र महज एक आंकड़ा है जिसके फेर में इश्क से आंख नहीं चुराना चाहिए।