चाहे जहां भी तुम रहो, तुमको ना भूल पाएंगे / जयप्रकाश चौकसे

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चाहे जहां भी तुम रहो, तुमको ना भूल पाएंगे
प्रकाशन तिथि : 19 दिसम्बर 2020


आनंद पोद्दार ने याद दिलाया कि आज ‘मेरा नाम जोकर’ को प्रदर्शित हुए 50 वर्ष हो चुके हैं। शुरुआत में फिल्म ऐसी असफल हुई थी कि राज कपूर को घरबार व स्टूडियो तक गिरवी रखना पड़ा था। जब ‘जोकर’ की शूटिंग चलते 4 वर्ष हुए तब कृष्णा राज कपूर ने कलाकार और जानकार जगदीश सेठी को राज कपूर की कुंडली दिखाई थी। उन्होंने कहा कि राज कपूर चाहे जितनी हवा इस गुब्बारे में भरें, यह तो फटेगा परंतु निश्चिंत रहें, अगली फिल्म सफल होगी। जैसे ‘आह’ के असफल होने के बाद राज कपूर ने सुपरहिट ‘बूट पॉलिश’ बनाई थी वैसे ही वे जोकर के बाद नए सफलतम फिल्म बनाएंगे। बहरहाल 22 वर्षीय राज कपूर की पहली फिल्म ‘आग’ में वे अपने साथियों संग नाटक ‘बिल्व मंगल’ की रिहर्सल करते है परंतु नायिका पिता के तबादले के कारण अन्य शहर चली जाती है। ‘आग’ राज कपूर का फिल्म घोषणा पत्र जैसी है। अगली सभी फिल्मों में ‘आग’ का कोई अंश अवश्य है।

‘जोकर’ में भी 3 बार नायक का दिल टूटता है। राज कपूर की चौथी फिल्म ‘श्री 420’ में जब नायिका उसे अनपढ़-गंवार कहती है तब उसे अपनी डिग्री व ईमानदारी के लिए मिला गोल्ड मेडल दिखाकर ब्लैक बोर्ड पर ‘रोते व हंसते हुए’ दो मुखौटे बनाता है। जाहिर है कि जोकर अवधारणा उनके अवचेतन में तब भी मौजूद थी। ट्रेज्यो कॉमेडी जोकर आंसू के मध्य से दिखाई गई मुस्कान है। प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने धर्मयुग में ‘जोकर’ की समीक्षा में लिखा था कि उसके प्रथम भाग में राज कपूर अपने समकालीन फिल्मकारों से मीलों आगे दौड़ते नजर आए, दूसरे भाग में लगा कि उनकी सांस उखड़ सी रही है और तीसरे भाग में वे थके-मांदे बैठे, ऊंघते नजर आए।

‘राम तेरी गंगा मैली’ के प्रदर्शन के बाद खाकसार ने 4 घंटे की ‘जोकर’ की लंबाई घटाकर 3 घंटे की कर दी। इसमें 3 माह लगे। जिद करके राज कपूर को फिल्म दिखाई उन्होंने बेमन से पुनः संपादन किया। खाकसार ने इसे यशवंत टॉकीज इंदौर में प्रदर्शित किया और सप्ताह के सभी 28 शो हाउसफुल गए। राज कपूर से जिद की कि वे दर्शकों के लिए अपने विचार रखें, सिनेमाघर में बंदोबस्त किया गया। राज कपूर ने अपनी आवाज से दर्शकों को धन्यवाद दिया कि उनकी फिल्म को प्रदर्शन के 16 वर्ष बाद सराहा तो गया। फिर दर्शकों में मिठाई बंटी जश्न मना। अगले दिन खबर अखबारों के प्रथम पृष्ठ पर थी। बाद में यह फिल्म राज कपूर की सबसे अधिक कमाऊ फिल्म सिद्ध हुई।

ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा ‘खुल्लम-खुल्ला’ में खाकसार को धन्यवाद दिया। विगत वर्ष की ‘जोकर’ के टेलीविजन प्रदर्शन अधिकार जर्मनी व ऑस्ट्रिया में खरीदे गए हैं। राज कपूर ‘रिश्वत’ ‘अजंता’ व ‘पगली बयार’ नामक तीन फिल्में बनाना चाहते थे। सुना है कि रणबीर कपूर पाली हिल पर एक बहुमंजिला बनाने जा रहे हैं, जिसके एक माले पर फिल्म स्टूडियो बनेगा। अत: आरके स्टूडियो चेंबूर के बदले अपने नए अवतार में पाली हिल पर बनेगा। दरअसल ‘रिश्वत’ का नायक 60 वर्षीय सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक है। अमिताभ बच्चन के लिए यह भूमिका आसान होगी। अयान मुखर्जी व रणबीर की ‘ब्रह्मास्त्र’ में अमिताभ भी हैं। रणबीर, अमिताभ संग ‘रिश्वत’ बना सकते हैं।