चिल मॉम / शोभना 'श्याम'
बेटी के इस जुमले 'चिल मॉम!' ने चुंबक की तरह एक पल में शिल्पा कि यादों की दराज़ से छब्बीस वर्ष पहले की उस घटना को खींच कर निकाल लिया।
जब शिल्पा कोई तेरह-चौदह वर्ष की थी और अपनी सबसे पक्की सहेली के घर खेल रही थी। ये वह जमाना था जब पंद्रह सोलह साल की उम्र में भी और तमाम बदलावों के बावजूद भी बचपना शरीर में जिद्दी बनकर इस प्रकार फँसा होता था कि इक्कलदुक्कल, छुपमछुपाई जैसे खेल सड़कों से सिमट कर घर के आँगन और छतों पर तो आ जाते थे, लेकिन बंद नहीं होते थे।
वो दोनों भी अन्य सहेलियों के साथ छुपमछुपाई खेल रही थी। शिल्पा छत के एक कोने में अकेले बने एक कमरे में छिपी हुई थी कि किसी ने दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। शिल्पा ने घबराकर दरवाजा पीटना शुरू कर दिया, लेकिन तब तक शायद बंद करने वाला नीचे जा चुका था। शिल्पा बेहद घबरा चुकी थी, तभी उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा, मुड़कर देखा तो सहेली का बड़ा लेकिन थोड़ा मंद-बुद्धि भाई खड़ा था। शायद वह उस कमरे में बने स्टोर में था जिसकी वजह से शिल्पा छिपते समय उसे देख नहीं पाई। वह शिल्पा को एक बच्चे की तरह आलिंगन में लेकर ढाढ़स बंधाने लगा। उफ़ ये क्या हो गया। अब तक देखी गयी तमाम फ़िल्मों के दृश्य शिल्पा के मस्तिष्क में घूमने लगे। उसने एक झटके से खुद को उसके आलिंगन से छुड़ाया और दरवाजे को जोर से धकेला। संयोग से उसकी सहेली उसे ढूँढते आ पहुँची थी और दरवाजे का कुंडा खोल दिया था। शिप्रा तीर की तरह जो कमरे से निकली तो सीधा अपने घर जाकर ही रुकी। उसे ऐसा लग रहा था कि सारी दुनिया घूम रही है। अब कैसे मुँह दिखाएगी सबको।
फ़िल्मों के वह सारे संवाद, अपशब्द, लांछन उसके कानों में हथोड़े बरसाने लगे।
शिल्पा कि रातों की नींद, दिन का चैन सब उड़ चुका था। कुछ दिनों बाद उसे अपना पेट बढ़ता लगने लगा। सुबह मितली-सी महसूस होती।
आखिर एक दिन शिल्पा ने हिचकियों और आंसुओं के बीच अपनी क्लास की सबसे बड़ी सहपाठी को सब कुछ बता दिया। पहले तो वह खूब हँसी फिर शिल्पा कि दयनीय दशा पर तरस खाकर उसने आश्वासन दिया कि ऐसा कुछ नहीं है जिससे वह डर रही है। धीरे-धीरे कुछ भेद उसपर खुलने लगे और संशय धूमिल होने लगे।
आज अपनी तेरह वर्षीय बेटी की स्कूल पिकनिक की तस्वीरों को देखते हुए वह तनिक गुस्से में भरकर कह उठी, "लड़को से इतना चिपक कर फोटो खिंचाते शर्म नहीं आती तुम्हें, ऊपर से फेसबुक पर डाल रही हो, लोग क्या सोचेंगे।"
"चिल मॉम, कुछ नहीं सोचेंगे! आजकल सब ऐसे ही फोटो खिंचाते है ...और ...," वह फुसफुसाई, "इतने से मैं माँ नहीं बन जाऊंगी।"