चौकीदार / गोवर्धन यादव
राकेश ने शहर में एक शानदार बंगला बनाया था, शीला और बच्चे बहुत खुश थे अपने आलीशान बंगले में उन्होंने एक अलसेशियन कुत्ता भी पाल रखा था ताकि चोरी-चकारी न हो सके, बावजूद इसके एक बार चोरों ने अपनी हुनर दिखला ही दिया, इन सब बातों को लेकर वह परेशान रहने लगी थी, एक बार उसकी सहेली राधा उससे मिलने आयी, उसने अपनी सहेली की सारी व्यथा-कथा सुनने के बाद सलाह देते हुए कहा:-"तुम गाँव से अपने सास-ससुर को बुलवा लो, सारी समस्या चुटकी बजाते ही हल हो जाएगी" , उसने आश्चर्य में भरते हुए कहा "वह कैसे," सीधी-सी बात है, तेरी सास चौका-बर्तन सभांल लेगी और ससुर चौकीदार का काम, इससे तुझे भरपूर आराम करने को भी मिल जाएगा, जब घर में जब दोनों बने रहेगे तो किस चोर में हिम्मत है कि नज़र उठाकर भी देख सके, फिर बच्चों की भी तुझे चिंता करने की ज़रूरत नहीं पडेगी, इस तरह तुम्हारी काफ़ी बचत भी हो जाएगी, हाँ, इसमें एक काम बडी सावधानी से करना, उन्हें इस बात का आभास तक न होने देना कि तुम उनका फ़ायदा उठा रहे हो, अन्यथा सम्बंधों में खटास आने में एक सेकेन्ड भी नहीं लगेगा, "