चौपन वर्ष / जयप्रकाश चौकसे

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चौपन वर्ष
प्रकाशन तिथि : 10 अप्रैल 2019


चौपन वर्ष का पहाड

लांघ आये

सारी थकान अनुभव

बनकर नसो में

रक्त के साथ प्रवाहित है।

पहाड़ की चढ़ाई के बाद

सामने जो समतल

देख रहे हो

वह एक भरम है

पहाड का ही वह हिस्सा है

जो दिलासा देता है


दरअसल पर्वतारोही

पहाड़ को पीठ पर

लादे चढ़‌ता है


मनुष्य का पहाड़

होना संभव है

परंतु पहाड़ मनुष्य

नहीं हो पाते

यही दर्द उन्हें जडवत

कर देता है

पहाड की तरह

रहकर मनुष्य बने रहने

के आर्शीवाद के साथ...