जग्गा जासूस और जोकर का रिश्ता? / जयप्रकाश चौकसे

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जग्गा जासूस और जोकर का रिश्ता?
प्रकाशन तिथि : 15 दिसम्बर 2014


जैसे राजकुमार हीरानी की फिल्मों के प्रदर्शन के पहले कोई पूर्वानुमान सही साबित नहीं होता वैसे ही अनुराग बसु की फिल्मों में भी होता है। बर्फी के विषय में किसी ने कल्पना ही नहीं की थी कि यह ईश्वरीय कमतरी पर मानवीय करुणा के साहस की कहानी होगी। राजकुमार के साथ आमिर खान जुड़े हों तो रहस्य गहरा हो जाता है। अब आमिर अनेक शहरों में जाकर उन लोगों को तरजीह दे रहे हैं जिनके इनीशियल्स पीके हैं। उन्होंने 'थ्री इडियट्स' के समय भेष बदलकर कई शहरों की यात्रा की थी।

अनुराग बसु की फिल्म 'गैंगस्टर' एक त्रासद प्रेम-कथा थी। इसमें एक बार गर्ल आैर अपराधी लंबे समय साथ रहते हैं आैर गहरा प्रेम होते हुए भी एक-दूसरे को स्पर्श नहीं करते आैर प्रेमिका के द्वारा किए गए विश्वासघात के कारण गोलियों से छलनी नायक मृत्यु के पूर्व उसी प्रेमिका की मांग में सिंदूर भरता है। टाइटिल से आभास नहीं होता कि यह इस तरह की प्रेम कथा है। इसी तरह अब उनकी फिल्म 'जग्गा जासूस' में एक दर्जन गानों के कारण इसे मात्र जासूस की कहानी नहीं कह सकते। चार्ल्स डिकेन्स की गरीबी की दारुण कथा का सबसे सफल संस्करण उसकी ऑपेरानुमा बनाई फिल्म सबसे अधिक सफल आैर सार्थक है।

एक अनुमान यह है कि अगाथा क्रिस्टी के दो विचित्र जासूस पात्र हैं जिनके उपन्यासों की श्रृंखला भी अलग-अलग है आैर वे कभी साथ नहीं होते। एक पात्र 76 वर्षीय मिस मारपल है आैर दूसरा पात्र बेल्जियम का नुकीली मूछों वाला पायरो। अनुमान है कि युवा मारपल (कटरीना कैफ) आैर युवा पायरो जग्गा जासूस के पात्र हैं। अनुराग बसु ने यकीनन अगाथा क्रिस्टी पढ़ा है। जासूसी कथाएं हमारे यहां अंग्रेजों के साथ आई हैं परंतु बंगाल के अनेक बुद्धिजीवी लोगों ने जासूस साहित्य खूब पढ़ा आैर लिखा है। यहां तक कि सत्यजीत रॉय ने भी रोचक जासूस पात्र रचे हैं। हाल ही में कटरीना कैफ ने बयान दिया है कि अनुराग बसु आैर रणबीर कपूर जो भागीदारी में जग्गा जासूस बना रहे हैं, सोच रहे हैं कि बॉक्स परिणाम आने के बाद संभवत: भाग दो आैर भाग तीन भी बनाए जाएंगे। जग्गा जासूस में नायक युवा है, भाग दो में वह अधेड़ उम्र का होगा आैर अंतिम भाग में उम्रदराज व्यक्ति होगा आैर शायद स्वयं के कत्ल का सुराग मरते-मरते देकर जाएगा। ये सारी बातें याद दिलाती हैं, जोकर का गीत-संवाद, 'पहला घंटा बचपन, दूसरा जवानी आैर तीसरा बुढ़ापा है, यह खेल तीन घंटे का है।' राजकपूर ने भी भाग दो की पटकथा पर कुछ काम किया था जो पहले भाग के असफल होने पर छोड़ दिया गया। जाने कहां धूल खा रहा होगा।

क्या रणबीर कपूर भी अपने दादा की 'जोकर' की तरह 'जग्गा जासूस' रचना चाहते हैं। 'जोकर' एक कालातीत पात्र है, संस्कृत नाटकों में विदूषक होता था, शेक्सपीयर के नाटकों में भी कोर्ट जेस्टर होता था। अपने दर्द को छुपाकर दूसरों को हंसाने वाले पात्र को चार्ली चैपलिन ने अमर कर दिया है। क्या इस सांस्कृतिक मूल्यों के पतन के काल खंड में, जब अपराध जगत अपने नए मुखौटों में सारे क्षेत्रों में छाए हैं तब जोकर का जग्गा जासूस होना नियति का व्यंग्य है। आज हर क्षेत्र में नायक आैर खलनायक पहचान पाना कठिन हो गया है। अवचेतन तक में पैठा जा सकता है। पहले आंख से काजल चुराने का मुहावरा था, अब आंख से सपना चुराने की कहावत बन जाएगी। सारे आर्थिक आैर सामाजिक परिवर्तन कपड़ों से लेकर भाषाओं तक को प्रभावित करते हैं। सारे परिवर्तन विराट के साथ सूक्ष्म संकेत भी देते हैं आैर सिनेमाघर में दर्शक प्रतिक्रिया देश का सामाजिक तापमान समझने में मदद करती है। एकल सिनेमाघरों में दर्शक प्रतिक्रिया लाउड स्पीकर पर ध्वनि की तरह गूंजती है, मल्टी के सन्नाटे श्रेष्ठि वर्ग की खामोशी का प्रतीक है। बहरहाल इस समय मनोरंजन जगत में सन्नाटा है, बॉक्स ऑफिस पर सिक्के ही नहीं बरस रहे हैं। पीके पर आशाएं टिकी हैं।