जग्गा जासूस की 'कश्ती में है तूफान' / जयप्रकाश चौकसे

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जग्गा जासूस की 'कश्ती में है तूफान'
प्रकाशन तिथि :17 जनवरी 2017


ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने कैटरीना कैफ को भाषण देने के लिए आमंत्रित किया है। जागरूक और जीवंत ऑक्सफोर्ड विविध क्षेत्रों में सफल लोगों को अपने जीवन व कार्य के अनुभव सुनाने के लिए आमंत्रित करता है ताकि छात्र बदलते हुए समय का कुछ आकलन कर सकें। इसी तरह के अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू के दिए गए भाषण को उन्होंने अपने पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया है। हमारे विश्वविद्यालय तो राजनीति के अखाड़े बन गए हैं, जहां पढ़ने और पढ़ाने से अधिक जोर अनावश्यक बातों पर दिया जाता है। इस दौर में तमाम संस्थाओं का विनाश किया जा रहा है ताकि सभी लोग एक-सा सोचें, एक से कपड़े पहनें और यक सा नीरस एवं विविधताविहीन जीवन जिएं। वैचारिक रेजीमेंटेशन किया जा रहा है।

आज हम सब समय जानने के लिए घड़ी देख रहे हैं परंतु घड़ी के भीतर कौन-से चक्र कितने घूम रहे हैं- यह हम जानना ही नहीं चाहते। याद आता है गुरुदत्त की महान फिल्म 'साहब बीबी और गुलाम' का पात्र घड़ी बाबूु, जिनका काम है कोठी की सभी घड़ियों में चाबी भरना और वह सनकी-सा पात्र कहता रहता है, 'सब खत्म हो जाएगा, सब धूल में मिल जाएगा।' यह 'सब' से उसका आशय है सामंतवादी अय्याशी और विचारहीनता। बेचारे भोले-भाले घड़ी बाबू को क्या मालूम था कि सामंतवादी सोच आजादी के बाद तथा प्रिवी पर्स और विशेष सुविधाओं के खत्म किए जाने और मुंह कुचल दिए जाने के बाद भी रेंगते-ऐंठते सांप की तरह बल खाता रहेगा। वह सामूहिक अवचेतन में अभी भी कायम है।

अंग्रेजों के अधीन गुलामी के समय से ही समर्थ लोग अपने युवा वर्ग को ऑक्सफोर्ड या कैम्ब्रिज भेजते रहे हैं। हमने फ्रांस के सॉरबोर्न विश्वविद्यालय को नज़रअंदाज किया। फ्रांस की क्रांति से गणतंत्र, समानता तथा भाईचारे का आदर्श लोकप्रिय हुआ है। ये चिरंतन जीवन मूल्य रहे हैं परंतु व्यावहारिक राजनीति में इनका समावेश फ्रांस की क्रांति के बाद ही प्रारंभ हुआ है। इस तरह की निरर्थक वैचारिक कवायद की जाती है कि सारी खोज हजारों वर्ष पूर्व भारत महान में हुई थी और अगर यही सत्य है तो आज उनके वंशज इतने गरीब और लाचार क्यों हैं। विरासत को अटाले की तरह तहखानों में किसने दफन किया?

बहरहाल, एक दशक पूर्व कैटरीना कैफ जब अभिनय क्षेत्र में प्रवेश के लिए भारत आई थीं, तब उन्हें न तो हिंदी या उर्दू बोलना आता था और न ही वे नृत्य करना जानती थीं। उनकी एकमात्र योग्यता उनका सुंदर चेहरा और अरमान जगाने वाला जिस्म था परंतु अपनी लगन व परिश्रम से ऐसा वक्त भी आया जब वे सलमान, आमिर, शाहरुख और अक्षय कुमार की नायिका बनीं। आज वे भारतीय भाषाएं बोल लेती हैं तथा अपने शरीर की भाषा व ग्रामर से भी बखूबी परिचित हैं। उन्होंने अपनी पहली कमाई से आज तक मिलने वाली हर राशि का अधिकांश भाग अपने बचत खाते में डाला है और उसे एक पैसा भी फिजूल खर्च करना पसंद नहीं है। धन की बचत के प्रति उनका हमेशा तीव्र आग्रह रहा है। वे विभाजित परिवार की ज्येष्ठ कन्या हैं और अपनी मां, भाई तथा सात बहनों के जीवन यापन को ही अपनी प्राथमिकता मानती हैं। उन्होंने लंदन में एक भवन खरीदा है, जिसके तल माले के किराये से ऊपरी मंजिल पर रहने वाला उनका परिवार आजीवन अपनी आजीविका चला सकता है गोयाकि परिवार की रोटी, कपड़ा और मकान की व्यवस्था उसने कर दी है। इस तरह की जीवनशैली वाले व्यक्ति को कंजूस कहना फैशनेबल है परंतु यह यथार्थवादी व्यावहारिक दृष्टिकोण है, जो सिद्ध करता है कि उनके सुडौल कंधों के ऊपर सोचने-समझने वाला विवेकशील मस्तिष्क है। उन्होंने साहित्य व दर्शन नहीं पढ़ा है परंतु अपने परिवार का दायित्व बखूबी उठाया है।

एक दौर में रणबीर कपूर से उनकी अंतरंगता थी, कभी सलमान का मार्गदर्शन भी उपलब्ध था परंतु आज वे तन्हा हैं यद्यपि सलमान खान आज भी उनकी सहायता को तत्पर हैं। शीघ्र ही रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ की 'जग्गा जासूस' का प्रदर्शन होगा। जीनियस अनुराग बसु ने इस फिल्म को पूरा करने में बहुत समय लिया है। 'बर्फी' जैसी महान फिल्म बनाने वाले अनुराग की सृजन प्रक्रिया अजीब है। वे अपनी कल्पना में उभरी पटकथा को कभी पूरी तरह लिखते नहीं है। वे आशु कवि की तरह फिल्म गढ़ते हैं। उनके लिए पटकथा व फिल्म वॉटरप्रूफ पनडुब्बी की तरह नहीं वरन् समुद्र की उत्तुंग लहरों पर हिचखोले खाती नाव की तरह होती है। जग्गा जासूस का बॉक्स अॉफिस परिणाम सवयं बासु एवं कैटरीना कैफ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रतिभाशाली रणबीर कपूर तो 'सांवरिया,' 'बॉम्बे वेलवेट' जैसे झटके खाकर भी डूबे नहीं हैं। प्रतिभा की पतवार उनकी नाव को फिल्म संसार की वैतरणी पार करा सकती है। कभी रणबीर कपूर की अंतरंग मित्र रहीं कैटरीना कैफ के लिए यह फिल्म अत्यंत महत्वपूर्ण है। सारे फिल्मी रिश्ते व समीकरण शुक्रवार दर शुक्रवार बदल जाते हैं। जग्गा जासूस ही नहीं भारतीय सरकार की नाव में है तूफान।