जिंदगी / खलील जिब्रान / सुकेश साहनी

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(अनुवाद :सुकेश साहनी)

मेरा घर मुझसे कहता है, "मुझे मत छोड़ो क्योंकि तुम्हारा अतीत मुझसे जुड़ा है।"

और सड़क मुझसे कहती है, "आओ मेरे साथ चलते चलो क्योंकि मैं तुम्हारा भविष्य हूँ।"

मैं घर और सड़क दोनों से कहता हूँ, "न कोई मेरा अतीत है और न कोई भविष्य। अगर मैं यहाँ रूकता हूँ तो मेरे रूकने में जाना है, अगर मैं जाता हूँ तो मेरे जाने में रूकना निहित है। केवल जन्म और मृत्यु ही सभी चीजों को बदलते हैं।"

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