जीवन-मृत्यु : जेम्स बॉन्ड और शिखंडी / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 23 अगस्त 2019
दूसरे विश्व युद्ध के पश्चात अमेरिका और रूस एक-दूसरे से भयभीत होते हुए एक-दूसरे पर अविश्वास करते थे। लेखक इयन फ्लेमिंग ने इसी परस्पर भय और अविश्वास से विचलित होते हुए जेम्स बॉन्ड नामक पात्र का आकल्पन किया, जो शत्रु देश में घुसकर उनकी कन्याओं से प्रेम करता है और उनके हथियारों को नष्ट करता है। वह इंग्लैंड की गुप्तचर विभाग का सदस्य है जिसे अपना काम करते हुए कत्ल करने का अधिकार प्राप्त है। इस विभाग की मुखिया को 'एम' कहकर संबोधित किया जाता है।
उसका परिचय व निवास स्थान गुप्त रखा गया है। फ्लेमिंग के पहले उपन्यास के प्रकाशित होते ही उसके फिल्म अधिकार खरीद लिए गए। शॉन कॉनरी को जेम्स बॉन्ड की भूमिका अभिनीत करने के लिए चुना गया। उनके व्यक्तित्व से शक्ति का आभास होता था और प्रेम की ललक का भी भाव पैदा होता था। शॉन कॉनरी के साथ पहली जेम्स बॉन्ड फिल्म का नाम 'डॉक्टर नो' था। इस फिल्म ने बहुत धन अर्जित किया और विश्व सिनेमा में एक ब्रांड बन गया। इससे जुड़ी एक विस्मयकारी बात यह है कि ग्राहम ग्रीन ने एक कथा विचार फिल्मकार को सुनाया। दोनों ने तय किया कि वे यूरोप की यात्रा करते हुए पटकथा लेखन के कार्य के साथ लोकेशन भी खोजेंगे। एक कस्बे के रेस्तरां में उन्होंने एक व्यक्ति को अजीब से वाद्य यंत्र पर एक धुन बजाते सुना। वह धुन फिल्मकार को इतनी रोचक लगी कि उसने ग्राहम ग्रीन से कहा कि पटकथा के भाग-दौड़ के लंबे दृश्यों में यही धुन पार्श्व संगीत का हिस्सा होगी और इसके अधिकतम इस्तेमाल के लिए भाग-दौड़ के दृश्य अधिक समय के होंगे। सारांश यह है कि वह धुन ही अधिकतम दर्शकों को बार-बार फिल्म देखने के लिए लाएगी। इस तरह पार्श्व संगीत की धुन फिल्म के आर्थिक पक्ष का आधार बन गई। ज्ञातव्य है कि 'थर्ड मैन' की इसी धुन को थोड़े से परिवर्तन के साथ तमाम जेम्स बॉन्ड फिल्मों में सिग्नेचर ट्यून की तरह इस्तेमाल किया गया है। ज्ञातव्य है कि लेखक इयन फ्लेमिंग ने एक दर्जन से कम उपन्यास लिखे हैं परंतु हाल ही में 26 वीं फिल्म के प्रदर्शन की घोषणा की गई है। सारी पटकथाएं ब्रांड को कैश कराने के लिए लेखकों के समूह ने रची हैं। जेम्स बॉन्ड फिल्मों के लिए विशेष गैजेट्स और उपकरण का उत्पादन किया जाता है और इसका समावेश भी पटकथा में किया गया है। एक दृश्य है कि जेम्स बॉन्ड को उपकरण के उपयोग की विधि सिखाई जा रही है। उसकी कार सड़क पर दौड़ने के साथ हवा में उड़ सकती है और समुद्र में पनडुब्बी की तरह काम कर सकती है। एक जेम्स बॉन्ड फिल्म में पनडुब्बीनुमा कार समुद्र तट पर आ जाती है और जेम्स बॉन्ड कार से बाहर आते हुए एक छोटी मछली को तट पर फेंकते हुए नज़र आता है।
शॉन कॉनरी ने कुछ जेम्स बॉन्ड फिल्मों में अभिनय किया। उन्हें भारी सफलता मिली परंतु अपने अभिनय में विविधता लाने के लिए उन्होंने आगे जेम्स बॉन्ड की भूमिका करने से इनकार कर दिया। उनका मेहनताना भी बढ़ाया गया परंतु वे अपने निर्णय पर अटल रहे। अतः अन्य अभिनेता का चुनाव किया गया परंतु शॉन कॉनरी जैसी विश्वसनीयता कोई भी नहीं ला पाया। 26वीं जेम्स बॉन्ड फिल्म का नाम 'नो टाइम टू डाई' रखा गया है। इस प्रस्तावित फिल्म में जेम्स बॉन्ड सेवानिवृत्त होकर एक द्वीप पर शांति के साथ जा रहा है परंतु विश्व शांति के भंग होने की आशंका के कारण उनसे पुनः सक्रिय होने की गुजारिश की जाती है। ज्ञातव्य है कि सलमान खान और कैटरीना कैफ अभिनीत 'टाइगर ज़िंदा है' में भी कथानक कुछ इसी तरह का था कि सेवानिवृत्त टाइगर को पुनः सक्रिय करने के प्रयास किए जाते हैं। उपन्यासकार इयन फ्लेमिंग ने कल्पना भी नहीं की होगी कि उनके सीमित लेखन पर हॉलीवुड में 26वीं फिल्म बनेगी तथा भारत में भी टाइगर शृंखला बनेगी। 2006 से डेनियल क्रेग ने जेम्स बॉन्ड का पात्र अभिनीत किया है।
गौरतलब है 26वीं फिल्म के टाइटल पर गहराई से विचार करें कि क्या मृत्यु के लिए कोई समय तय किया जा सकता है। क्या मृत्यु पर मनुष्य का अधिकार है। आत्महत्या अलग मसला है। भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था। वह तीरों की शैया पर शुभ घड़ी का इंतजार करते रहे। कल्पना करें कि उस समय अम्बा आकर उनसे पूछे कि क्या अगले जन्म में वे उससे विवाह करेंगे। अगर वे स्वीकार करने का संकेत भी देते हैं तो क्या उनकी विवाह नहीं करने की शपथ भंग हो जाती है? महाभारत जितने उत्तर देती है उससे अधिक प्रश्नों को जन्म भी देती है। दरअसल, महाभारत का अध्ययन करना एक घने जंगल में प्रवेश करने की तरह है। नए वृक्ष, नए नज़ारे देख सकते हैं। महाभारत पाठक को स्वयं की खोज के कार्य में सहायता देती है। जीवन और मृत्यु के रहस्य को इस तरह जाना जा सकता है कि अम्बा भीष्म से प्रेम करती थी और अम्बा ही अपने पुनर्जन्म में शिखंडी के रूप में आईं और भीष्म की मृत्यु का कारण सिद्ध हुई।