जीवन-वृत्त एवं कृतित्व / ब्रह्मर्षि वंश विस्तार / सहजानन्द सरस्वती
1889 ई. - महाशिवरात्रि के दिन गाजीपुर जिले के देवाग्राम में जन्म।
1892 ई. - माता का देहांत।
1898 ई. - जलालाबाद मदरसा में अक्षरारंभ।
1901 ई. - लोअर तथा अपर प्राइमरी की 6 वर्ष की शिक्षा 3 वर्षों में समाप्त।
1904:-ई. - मिडिल परीक्षा में संपूर्ण उत्तर प्रदेश में छठा स्थान प्राप्त कर छात्रवृत्ति प्राप्ति।
1905 - विवाह (वैराग्य से बचाने के लिए)
1906 - पत्नी का स्वर्गवास।
1907 - पुन: विवाह की बात जान कर महाशिवरात्रि को घर से निष्क्रमण तथा काशी पहुँच कर दसनामी संन्यासी स्वामी अच्युतानन्द से प्रथम दीक्षा प्राप्त कर संन्यासी बने।
1908 - प्राय: वर्षपर्यंत गुरु की खोज में भारत के तीर्थों का भ्रमण।
1909 - पुन: काशी पहुँच कर दशाश्वमेध घाट स्थित श्री दंडी स्वामी अद्वैतानन्द सरस्वती से दीक्षा ग्रहण कर दंड प्राप्त किया और दंडी स्वामी सहजानन्द सरस्वती बने।
1910 - से 1912 तक - काशी तथा दरभंगा में संस्कृत साहित्य व्याकरण, न्याय तथा मीमांसा का गहन अध्यायन।
1913 - स्वामी पूर्णानन्द सरस्वती के प्रयास से 28 दिसंबर को बलिया में हथुआ-नरेश की अध्यक्षता में संपन्न अ. भा. भूमिहार ब्राह्मण महासभा में प्रथम बार उपस्थित तथा ब्राह्मण समाज की स्थिति पर भाषण।
1914 - काशी से 'भूमिहार ब्राह्मण पत्र' निकाल कर 1916 तक उसका संपादन तथा प्रकाशन।
1914-15 - भारत के विभिन्न भागों में भ्रमण कर भूमिहार ब्राह्मणों तथा अन्य ब्राह्मणों का विवरण एकत्र करना।
1916 - 'भूमिहार ब्राह्मण परिचय' का प्रकाशन। [काशी के अतिरिक्त विश्वंभरपुर (गाजीपुर) में अधिकांश समय निवास।]
1917 - प्रथम बार भोजपुर के डुमरी में आगमन तथा कान्यकुब्ज और शाकद्वीपी ब्राह्मणों के विवाद में पं. देवराज चतुर्वेदी (का. ब्रा. भा.) द्वारा।
1919 - सिमरी (आरा) आ कर पुन: विश्वंभरपुर (गाजीपुर) वापस।
1920 - 5 दिसंबर को पटना में श्री मजहरुल हक के निवास पर ठहरे महात्मा गांधी से राजनीतिक वार्ता तथा राजनीति में प्रवेश का निश्चय कर कांग्रेस में शामिल।
1921 - गाजीपुर जिला कांग्रेस का अध्यक्ष चुना जाना तथा अहमदाबाद कांग्रेस में शामिल होना।
1922 - 2 जनवरी को गिरफ्तार हो कर 1 वर्ष का कारावास।
1923 - जेल से छूटने पर सिमरी (भोजपुर) में निवास।
1924 - सिमरी तथा आसपास प्रयत्न से खादी वस्त्रोत्पादन के लिए 500 चर्खे तथा 4 कर्घे का चलवाना प्रारंभ। सामाजिक सभाओं में ब्राह्मणों की एकता तथा संस्कृत शिक्षा प्रचारार्थ भाषण। सिमरी (भोजपुर) में चार महीने में 'कर्मकलाप' (जन्म से मरण तक के संस्कारों का 1200 पृष्ठों के हिंदी के विधि सहित विशाल ग्रन्थ की रचना)।
1925 - काशी में आयोजित संयुक्त प्रान्तीय भू. ब्रा. सभा में भू. ब्रा. द्वारा पुरोहिती करने से संबंधित भाषण। दिसंबर में खलीलाबाद (बस्ती) में राजा चंद्रदेश्वर प्र. सिंह (मकसूदपुर, गया) की अध्यक्षता में संपन्न अ. भा. भूमिहार ब्राह्मण महासभा में पुरोहिती वाला प्रस्ताव पेश कर उसमें महत्वपूर्ण भाषण।
1925 - भूमिहार ब्राह्मण परिचय का परिवर्द्धन कर 'ब्रह्मर्षि वंश विस्तर' नाम से प्रकाशन।
1926 - 'कर्मकलाप' का काशी से प्रकाशन।
1926 - अमिला, घोषी आजमगढ़ में आयोजित भू. ब्रा. महासभा में भाषण तथा संस्कृत शिक्षा प्रचार का संदेश।
समस्तीपुर में निवास तथा पटना में आयोजित अखिल भारतीय भू. ब्रा. महासभा में त्यागी ब्राह्मण चौ. रघुवीर सिंह को अध्यक्ष निर्वाचित कराना तथा पुरोहिती के प्रस्ताव को पारित कराना।
1927 - समस्तीपुर से आ कर पटना जिले के बिहटा में श्री सीताराम दास जी द्वारा प्रदत्त भूमि में श्री सीतारामाश्रम बना कर स्थायी निवास तथा पश्चिमी पटना किसान सभा की स्थापना।
1928 - सोनपुर (छपरा) में 17 नवंबर को संपन्न बिहार प्रान्तीय किसान सम्मेलन का अध्यक्ष चुना जाना।
1929 - अंतिम बार मुंगेर की अ. भा. भूमिहार ब्राह्मण महासभा में सम्मिलित, मतभेद के कारण वापस।
1930 - अमहरा (पटना) में 26 जनवरी को नमक कानून भंग के कारण 6 माह का कारावास। हजारीबाग जेल में 'गीता रहस्य' (गीता पर महत्वपूर्ण भाष्य) की रचना। जेल से लौट कर कांग्रेस तथा किसान सभा के कार्यों में संलग्न होना।
1934 - भूकंप पीड़ितों की सेवा हेतु बिहार में समिति गठित कर सेवा कार्य का संचालन।
1935 - पटना जिला कांग्रेस के अध्यक्ष प्रादेशिक कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य तथा अ. भा. कांग्रेस समिति का सदस्य चुना जाना।
1936 - अ. भा. किसान सभा का संगठन तथा प्रथम अधिवेशन का अध्यक्ष पद ग्रहण। (लखनऊ)
1937 - अ. भा. किसान सभा का महामन्त्री चुना जाना।
1938 - 13 मई से 15 मई तक संपन्न अ. भा. किसान सम्मेलन (कोमिल्ला, बंगाल) के अध्यक्ष।
1939 - अ. भा. किसान सभा के महामन्त्री निर्वाचित तथा 1943 तक उक्त पद पर।
1940 - (19-20 मार्च) को रामगढ़ (बिहार) में श्री सुभाषचंद्र बोस की अध्यक्षता में आयोजित अ. भा. समझौता विरोधी सम्मेलन के स्वागताध्यक्ष। उपर्युक्त सम्मेलन में भाषण के लिए 3 वर्ष का कारावास।
1941 से 43 - जेल में कई पुस्तकों की रचना।
1944 - 14,15 मार्च को बेजबाड़ा (अंधार) में अ. भा. किसान सम्मेलन के अध्यक्ष।
1948 - 6 दिसंबर को कांग्रेस की प्राथमिक एवं अ. भा. कांग्रेस की सदस्यता का त्याग तथा साम्यवादी सहयोग से किसान मोर्चा का संचालन।
1949 - महाशिवरात्रि को बिहटा (पटना) में हीरक जयंती समारोह समिति द्वारा साठ लाख रुपए की थैली भेंट तथा उसका तदर्थ दान।
1949 - 9 अप्रैल (रामनवमी) को अयोध्या में संपन्न अ. भा. विरक्त महामंडल के प्रथम अधिवेशन में शंकराचार्य के बाद अध्यक्षीय भाषण।
1950 - अप्रैल में रक्तचाप से विशेष पीड़ित हो कर प्राकृतिक चिकित्सार्थ डॉ. शंकर नायर (मुजफ्फरपुर) से चिकित्सा प्रारंभ। मई-जून से अपने अनन्य अनुयायी किसान नेता पं. यमुना कार्यी (देवपार, पूसा, समस्तीपुर) के निवास पर निवास।
1950 - 26 जून को पुन: डॉ. नायर को दिखाने आने पर मुजफ्फरपुर में ही पक्षाघात का आक्रमण तथा 26 जून की रात्रि 2 बजे प्रसिद्ध वकील पं. मुचकुंद शर्मा के निवास पर देहांत।
27/6/50 को शव का पटना गांधी मैदान में लाखों लोगों द्वारा अंतिम दर्शन
डॉ. महमूद की अध्यक्षता में शोकसभा, नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि।
28/6/50 डॉ. श्रीकृष्णसिंह मुख्यमन्त्री तथा अन्य नेताओं का अर्थी के साथ
श्री सीतारामाश्रम, बिहटा (पटना) में पहुँचना तथा वहीं अंतिम समाधि।
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद आदि का शोक संदेश।
स्वामी जी द्वारा रचित पुस्तकें
ब्रह्मर्षि वंश विस्तार, ब्राह्मण समाज की स्थिति, झूठा भय मिथ्या-अभिमान, कर्म-कलाप, गीता-हृदय (धार्मिक) क्रांति और संयुक्त मोर्चा, किसान सभा के संस्मरण, किसान कैसे लड़ते हैं, झारखण्ड के किसान, किसान क्या करें, मेरा जीवन संघर्ष (आत्मकथा) आदि।
स्वामी जी द्वारा संपादित पत्र
स्वामी जी ने क्रमश: भूमिहार ब्राह्मण, काशी और लोक संग्रह, पटना नामक पत्रों का संपादन 1911-16 और 1922-24 तक सफलतापूर्वक किया। उनके लेख 'हुंकार' पटना, जनता (पटना), विशाल भारत (कलकत्ता) तथा कल्याण (गोरखपुर) के ईश्वरांक तथा योगांक में भी प्रकाशित हुए थे।
स्वामी जी के नाम पर स्मारक संस्थाएँ
श्री सीतारामाश्रम बिहटा, पटना, अध्यक्ष श्री वैद्यनाथ शर्मा, मन्त्री श्री रामकृष्ण शर्मा
स्वामी सहजानन्द संस्कृतोच्च विद्यालय, बिहटा, पटना।
स्वामी सहजानन्द स्मारक प्रेस - बिहटा, पटना।
स्वामी सहजानन्द महाविद्यालय - जहानाबाद (गया)
स्वामी सहजानन्द पीरो (भोजपुर)।
स्वामी सहजानन्द आरा (भोजपुर)।
स्वामी सहजानन्द मोतीहारी।
स्वामी सहजानन्द महिला महाविद्यालय, बिहटा (बेगूसराय)
स्वामी सहजानन्द बिनोवा महाविद्यालय, सिमरी (भोजपुर) पं. सूर्य ना. शर्मा द्वारा स्थापित।
स्वामी सहजानन्द स्मारक समिति, मंदिरी (पटना) - मन्त्री, श्री वैद्यनाथ पांडेय, एम.एल.सी.
स्वामी सहजानन्द स्मारक न्यास, पांडेपट्टी, बक्सर (भोजपुर), अध्यक्ष, स्वामी विमलानन्द सरस्वती द्वारा संस्थापित।
स्वामी सहजानन्द परिषद सिंदरी (धनबाद) - अध्यक्ष, प्रो. विश्वेश्वर प्र. सिंह।
स्वामी सहजानन्द सेवा समिति, बोकारो।
स्वामी सहजानन्द कन्या उच्च विद्यालय, बसंतपुर (गया)।
स्वामी सहजानन्द सरस्वती विद्यापीठ महाविद्यालय, गाजीपुर - संस्थापक : केशव प्रसाद शर्मा।