जूता / सआदत हसन मंटो
Gadya Kosh से
हजूम ने रुख़ बदला और सर गंगाराम के बुत पर पिल पड़ा। लाठियाँ बरसायी गयीं। ईंटें और पत्थर फेंके गये। एक ने मुँह पर तारकोल मल दिया। दूसरे ने बहुत-से पुराने जूते जमा किये और उनका हार बनाकर बुत के गले में डालने के लिए आगे बढ़ा, मगर पुलिस आ गयी और गोलियाँ चलना शुरू हुईं। जूतों का हार पहनाने वाला ज़ख़्मी हो गया। चुनांचे मरहम-पट्टी के लिए उसे सर गंगाराम अस्पताल भेज दिया गया।