झांसी वाली नहीं परंतु 'मर्दानी' है यह रानी / जयप्रकाश चौकसे

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झांसी वाली नहीं परंतु 'मर्दानी' है यह रानी
प्रकाशन तिथि : 18 नवम्बर 2019


अगले माह आदित्य चोपड़ा की रानी मुखर्जी चोपड़ा अभिनीत फिल्म 'मर्दानी 2' का प्रदर्शन होने जा रहा है। ज्ञातव्य है कि इस फिल्म के पहले भाग में एक दृश्य इस प्रकार था कि बुरे लोगों को दंडित करने के बाद नायिका एक बूंद-बूंद झरते नल से पानी पीती है और डेजर्ट फॉक्स भी इसी तरह अपना शिकार करने के बाद जल ग्रहण करती है। रानी की यह आगामी फिल्म एक यथार्थ से प्रेरित है। पुलिस अधिकारी शिवानी शिवाजी रॉय ने उन किशोरों को गिरफ्तार किया था जो अपराध के रास्ते पर चल पड़े थे। बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है। पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी नहीं मिल पाने के कारण वह अपराध करने लगते हैं। यह फिल्म राजस्थान के शहर कोटा में हुए एक बलात्कार से प्रेरित है। बलात्कार प्रकरणों में हमेशा स्त्री को मारपीट कर गंभीर रूप से घायल किया जाता है, ऐसे घोर निंदनीय अपराध और फिल्मों में उसके दृश्यों में हिंसा जुड़ी हुई होती है।

इरविंग वैलेस के उपन्यास '7 मिनट्स' में एक अमीर वर्ग का किशोर अपने साथी के साथ एक कमसिन कन्या को पांच सितारा होटल ले जाता है। साथी तो भाग जाता है परंतु किशोर अपने सेक्स विषयक अज्ञान के चलते संकोच में पड़ जाता है और कन्या बेसाख्ता हंसने लगती है। इस हंसी से विचलित युवा उसे ढकेल देता है और कन्या का माथा टेबल से टकराता है। रक्त देखते ही किशोर भाग खड़ा होता है। जख्मी कन्या को अस्पताल में भर्ती किया जाता है और किशोर को गिरफ्तार किया जाता है। शेष घटनाक्रम अदालत में होता है। बचाव पक्ष ने यह मिथ्या केस बनाया था कि एक तथाकथित अश्लील कथा को पढ़ने के कारण किशोर से यह अपराध हुआ है। लंबे घटनाक्रम के अंत में स्वयं जज यह स्वीकार करता है कि तथाकथित अश्लील कथा उसने रची है। वह यह भी स्वीकार करता है कि नपुंसकता के चलते वह एक वेश्या के संपर्क में आया जिसने उसे बताया कि नपुंसकता मनोवैज्ञानिक है, यह शरीर का सत्य नहीं है।

यह गौरतलब है कि किसी स्त्री के साहस के कारण उसे मर्दानी कहा जाता है गोयाकि साहस केवल पुरुष ही दिखा सकते हैं। हमारे लिंग भेद की मानसिकता की जड़ें बहुत गहरी हैं। महान लेखिका सिमॉन लिखती हैं कि जब कोई स्त्री बुर्जवा प्रसाधन सामग्री को ठुकराकर अपने स्वाभाविक शरीर को प्रकट करती है तो दंभी पुरुष भाग खड़े होते हैं गोयाकि जिसके लिए तरसते थे, उसे अपने स्वाभाविक रूप में देखकर भाग खड़े होते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि वे उससे कम बलशाली हैं और अपनी इसी कमजोरी को छुपाते-छुपाते वे स्वयं इसे उजागर कर देते हैं।

देश की राजधानी दिल्ली में निर्भया बलात्कार के जघन्य प्रकरण के बाद कानून में भी परिवर्तन किया गया है। कुछ माह पूर्व ही प्रदर्शित फिल्म 'सेक्शन 375' में पुरुष पक्ष रखा गया है। अक्षय कुमार, करीना कपूर, प्रियंका चोपड़ा अभिनीत फिल्म 'ऐतराज' में भी यही पक्ष रखा गया है कि कभी-कभी पुरुष भी शिकार होते हैं परंतु ये अपवाद है।

पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा को शामिल नहीं करने के कारण बहुत नुकसान हुआ है। तथाकथित पवित्रतावादी लोग यौन शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने का विरोध करते हैं। उनकी यह आशंका निराधार है कि यौन शिक्षा का अर्थ कामसूत्र पढ़ाना है। ज्ञातव्य है कि भारत पहला देश है जहां यौन का वैज्ञानिक अध्ययन हुआ है। वात्सायन रचित 'कामसूत्र' का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद सर रिचर्ड बर्टन ने 1882 के आसपास किया था। एक भ्रम यह प्रचारित किया जाता है कि म्यांमार को नेहरू द्वारा दिया गया द्वीप उसने चीन को दे दिया है जबकि वह द्वीप अंग्रेजों ने म्यांमार का हिस्सा मानते हुए कालांतर में चीन को दिया था। यह सोचा समझा झूठ फैलाने वाला काल खंड है। आदित्य चोपड़ा फिल्म उद्योग को नए निर्देशक और कलाकार देने आए हैं। संभवत: अपनी पत्नी के आग्रह पर उन्होंने 'मर्दानी 2' प्रोड्यूस की है।