टकराव / दिव्या माथुर
'आर यू प्रैगनैंट, माही?' गुसलखाने से बाहर निकलते ही जेसन ने महिका से सीधे सीधे पूछ लिया। महिका सिर झुकाए कुर्सी पर आ बैठी; हाँ या ना कहने की भी उसमें हिम्मत नहीं थी; उसका सिर फटा जा रहा था और उसे बुरी तरह चक्कर आ रहे थे। इसके पहले कि जेसन अपना प्रश्न दोहराता, महिका एक बार फिर गुसलखाने की ओर भागी। उसे लगा कि जेसन की शंका उसके कंधे पर चढ़ी गुसलखाने तक आ पहुँची थी; वह तिलमिला गई। इन कंबख्त उल्टियों ने उसे सरे-बाजार ला बैठाया था।
'माही, वाए डिडंट यू टैल मी?' महिका की चुप्पी को उसकी हामी मानकर जेसन ने उसे बड़े प्यार से टहोका। आँखें झुकाए वह चुपचाप बैठी रही; उसके कंठ के भीतर जैसे नागफनी फैल गई थी।
'लैट अस कन्सल्ट डॉक्टर जैक्सन।' जेसन ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा तो महिका छुइ-मुइ के फूल की तरह सिमट गई; जेसन के प्रति उसकी वितृष्णा कहीं कम न हो जाए! जेसन उसकी पीठ सहलाने लगा तो महिका को लगा कि वह अब टूटी कि तब। उसके पलटने पर जेसन कहीं उसे सीने से ही न लगा ले। काश कि वह चिल्ला कर कह सकती, 'गेट लौस्ट।'
महिका के सीने में गुस्से का एक गुब्बार उठा; फलों की टोकरी में रखी छुरी उसे अपनी ओर लालायित कर रही थी; कहीं वह जेसन की हत्या न कर दे। बात बनते-बनते बिगड़ गई थी; उसके घर छोड़ने के फैसले का अब क्या होगा? आवेश में वह बालकनी में आ खड़ी हुई और नीचे की ओर देखने लगी; अपने आप को उसने सात मंजिल का सफर हवा में तय करते पाया।
इससे पहले कि कोई ऐसी वारदात घटे, बनारस से आकर पिता उसे लिवा जाएँ तो क्या ही अच्छा हो किंतु फिर वही डर कि कहीं उसका वापिस लौटना माँ और पिता के लिए अपमान का बाइस न हो; भाई-भाभी क्या कहेंगे? फिर वह यह कैसे स्वीकार कर ले कि वे सही थे? पिछले आठ महीनों में उसका अहंकार, आत्म-सम्मान और आत्म-बल चूर-चूर हो चुका था।
'इन गोरों का क्या भरोसा, माही। कौन जाने, लंदन में कोई मेम इसका इंतजार कर रही हो।' भाभी ने महिका को सावधान किया था।
'माही, बेटे एक बार और सोच समझ ले।' पिता ने उसे प्यार से समझाया था।
'तू अभी बीस की भी तो नहीं हुई, जल्दी क्या है?' माँ सचमुच ही घबराई हुई लगती थीं। उन्हें न तो जेसन की कोई बात ही समझ आती थी और न ही उसकी बंदर की सी शक्ल जो मसालेदार खाना खाते ही लाल हो जाती थी। अनुवाद करते वक्त महिका जेसन की कई बातें छिपा लिया करती थी जो माँ और भाभी को तो क्या माधव भैया और पिता को भी शायद नहीं पचतीं जैसे कि लंदन में जेसन और उसके मित्र रोज पब जाते थे, जहाँ वे आधी-आधी रात तक बैठे मदिरा-पान करते थे अथवा लीसा नामक युवती के साथ उसने चार लंबे साल गुजारे थे। हालाँकि वह स्वयं ईर्ष्या की शिकार थी किंतु ये सारे तथ्य महिका ने केवल अपने तक ही सीमित रखे थे, यह सोचकर कि पश्चिम में रहने वाले लोगों के लिए ऐसी बातें आम होती हैं; 'वे औफ लाइफ,' ये सब घर वाले क्या समझेंगे?
एक गोरे दोस्त के साथ घूमने की वजह से माधव भैया की इज्जत जरूर बढ़ गई थी और उन्हें महिका और जेसन के विवाह पर भी कतई एतराज न था किंतु परिवार वाले माधव को ही दोष दे रहे थे कि न वह जेसन को घर में रहने के लिए आमंत्रित करता और न ही ये दिन देखने पड़ते। जेसन, जो एक महीने के लिए बनारस घूमने के लिए आया था, महिका से मिलने के बाद पूरे चार महीने तक रुका रहा। वापिस जाने की उसे कोई जल्दी नहीं थी क्योंकि उसकी नौकरी तो छूट ही चुकी थी और मंदी की वजह से नई नौकरी का मिलना भी असंभव था। लंदन लौटकर वह निजी कारोबार शुरू करना चाहता था। लंदन में उसका अपना मकान था, जिसे उसने भारत-भ्रमण पर निकलने से पहले किराए पर चढ़ा दिया था; आमदनी पाउंडस में और खर्चा रुपयों में।
फिर महिका की खुशी सबकी खुशी हो गई थी। कैसी धूमधाम से शादी की थी पिता ने उसकी; पूरे बनारस में तहलका मच गया था। कोई ऐसा समाचार-पत्र अथवा पत्रिका न थी जिसमें उनके विवाह के चित्र न छपे हों, दूरदर्शन वालों ने तो अपनी पूरी टीम भेजी थी क्योंकि मित्र की बेटी के विवाह पर मुख्य-मंत्री स्वयं पधारे थे। उनके इशारे पर चमचमाती हुई सफेद ऐंबैस्डर कारें मेहमानों को इधर से उधर घुमा रही थीं। जेसन की बहन मार्गरेट और उसका पति रिचर्ड एक हफ्ते पहले ही पहुँच गए थे। हैनरी और क्लिफ भी अपने दोस्त की शादी में शरीक होने के लिए बड़े जोर और खरोश के साथ आए थे। जेसन की पूर्व माशूका लीसा, जिसका करीब तीन महीने पहले ही विवाह हुआ था, अपने पति डेविड के साथ आई थी, जिसे देखकर मार्गरेट और रिचर्ड तो एक तरफ, जेसन स्वयं हैरान रह गया था। लीसा डेविड से चौबीसों घंटे ऐसी चिपकी रहती थी कि जैसे वह कहीं उसे खो न दे, उठते-बैठते वह उसे चूमती अथवा उसके गले में झूल झूल जाती। महिका को न जाने क्यों ऐसा लग रहा था कि लीसा का यह सारा खेल जेसन के लिए ही था।
महिका के ससुराल वालों की ऐसी खातिर हो रही थी कि जैसे वे कहीं के लाट साहब हों। कोई दहेज-वहेज का चक्कर तो था नहीं और इसीलिए महिका के माता-पिता खुशी-खुशी उनकी छोटी-छोटी इच्छाएँ पूरी करने के लिए उत्सुक थे। मर्दों को सुनहरी अचकनें भेंट की गई थीं तो लीसा और मार्गरेट के लिए बनारसी साड़ियाँ। महिका के साथ जाकर वे दोनों मैचिंग चूड़ियाँ और गहने आदि खरीद कर लाई थीं, जिन्हें पहनकर वे फूली नहीं समा रही थीं। सहेलियाँ महिका की खुशनसीबी से रश्क कर रही थीं।
'याद रखना, माही, माधव के साथ इस घर का आधा हिस्सा तुम्हारे नाम भी है, जब चाहो चली आना।' विदा के समय पिता भावुक हो उठे थे; उनकी बेटी इंग्लैंड जा रही थी। क्या वह जानते थे कि महिका एक दिन लौटेगी? भैया-भाभी को पिता की यह बात बिल्कुल अच्छी नहीं लगी थी। महिका एक अमीर देश में जा रही थी; उसे भला क्या जरूरत थी इस घर के आधे हिस्से की?
'तुम्हारी शादी में पापा जितना खर्च कर रहे हैं न, माही, उतनी तो इस मकान की कीमत भी नहीं होगी।' भाभी ने व्यंग्य में कहा था।
'माधव और तुम्हारा ब्याह तो शायद हमने यतीमखाने में निबटा दिया था।' माँ ज्यादा नहीं बोलती थीं किंतु बहू की बात उन्हें नागवार गुजरी थी; माधव का विवाह भी उन्होंने इतनी ही धूमधाम से किया था।
'मम्मी, यह घर भैया के नाम ही कर दो। मुझे इसमें कोई हिस्सा-विस्सा नहीं चाहिए।' महिका को उस घर से या उस घर की किसी चीज से क्या लेना देना था? वह तो विलायत जा रही थी, जहाँ बिजली और गैस की कोई कमी नहीं; जहाँ लोग बाजार जाकर ट्रौलियाँ भर-भर कर सामान खरीदते हैं और वही करते हैं जो उनका मन करता है। बनारस में तो बस बंदिशें ही बंदिशें, उठने बैठने पर, खाने-पीने पर, और तो और मुँह खोलने पर भी!
'महिका तो गलती से बनारस में पैदा हो गई। इसे तो इंग्लैंड या अमेरिका में पैदा होना चाहिए था।' महिका के नखरे और ठाठ-बाट देखकर भाभी और उनकी सहेलियाँ मजाक में कहा करती थीं। नाक सिकोड़े और भँवे ताने महिका घर से यूँ निकलती थी कि जैसे मजबूरन उसे बनारस की गंदी गलियों से गुजरना पड़ रहा था। शायद इसीलिए, जैसे ही विदेश में बसने का मौका मिला, महिका ने बिना सोचे समझे हाँ कर दी थी; और इसी बात का डर था माँ और पिता को पर वे क्या कर सकते थे? न तो महिका को दुनियादारी की कोई खबर थी और न ही जीवन का कोई अनुभव किंतु उस वक्त जेसन और लंदन में उसके बड़े निवास-स्थान के सिवा उसे कुछ नहीं सूझ रहा था।
लंदन में बसने के खयाल ने महिका को अपने जन्म-स्थान बनारस के प्रति और भी उदासीन बना दिया था। बहुत पीछे छूट गई थीं बनारस की वे तंग और गंदी गलियाँ, कूड़े के ढेर, जिन्हें साफ करने के लिए लोग पानी के पाइप लगाकर छोड़ देते थे, जहाँ देखो पानी ही पानी, झाड़ू घुमाते भंगियों से रोज की किटकिट, मंदिरों की चिप-चिप, रेड़ों पर रखे फल और मिठाइयों पर भिनकती मक्खियाँ और घरों की छतों से फेंके गए चूहों का राहगीरों के सिरों पर जा टपकना, जो अपनी धोतियाँ को घुटनों तक उठाए कीचड़ भरी गलियों में बचते-बचाते फचड़-फचड़ चलते चले जाते। तिस पर रोज शाम को बिजली की राशनिंग। आलों में टिमटिमाते दियों की रौशनी में एक हाथ से चश्मा सँभाले माँ को अपने दूसरे हाथ की उँगलियों से टटोल टटोल कर चीजें ढूँढ़ते देख महिका को बड़ी खीज होती थी। बिजली जाते ही भैया-भाभी घूमने निकल जाते और महिका छत पर लेटी मच्छरों की घुनघुन सुनती और तालियाँ पीट पीट कर उन्हें मारा करती।
'कम औन माही, डॉक्टर जैक्सन विल सी अस ऐट टेन।' ताली बजाते हुए जेसन ने महिका का ध्यान आकर्षित किया।
'आई एम औलरैडी लेट फौर वर्क।' महिका एक पब्लिक लाइब्रेरी में अंशकालिक काम करती थी, जहाँ से वह तब तक नहीं उठती थी जब तक कि जेसन उसे लिवाने न आ जाए; घर लौटने के नाम पर भी अब उसे दहशत होने लगी थी।
'आई हैव इन्फोर्म्ड यौर लाएब्रेरियन दैट यू विल बी लेट।'
'बट आइ एम औलराइट नाउ।' महिका ने जेसन को एक बार फिर टालने की कोशिश की।
'नो, यू लुक टेरीबल।' जेसन ने जूते लाकर महिका के पाँव के पास रख दिए और उसे पालतू कुत्ते की तरह निहारने लगा।
'राजकुमारी महिका, आपके पाँव तो हमें धो-धोकर पीने चाहिए।' भैया मजाक में कहा करते थे। क्या जेसन भी मजाक उड़ा रहा था उसका? पिछले ही हफ्ते तो भैया-भाभी का फोन आया था, वे लंदन घूमने आना चाहते थे। एक दो बार पहले भी वे इसका जिक्र कर चुके थे किंतु महिका उन्हें टाल रही थी। वह नहीं चाहती कि वे यहाँ आकर उनके घर का तमाशा देखें। बनारस में जेसन की माधव से खूब छनी थी और छनती भी क्यों न, माधव ने उस पर दिल खोल कर पैसा लुटाया था किंतु उनके लंदन घूमने आने की बात सुनकर जेसन चुप लगा गया था।
'आरंट यू लेट फौर वर्क, माही?' तभी लीसा ने बैठक के अंदर आते हुए पूछा। जब लीसा उसे 'माही' कहकर बुलाती है तो महिका के तन-बदन में आग लग जाती है। वह कौन होती है उसे 'माही कहकर पुकारने वाली? वह तो जेसन से भी कहने वाली है कि अब से वह उसे 'महिका' कहकर ही पुकारा करे।
'माही इज नौट फीलिंग वेल; आइ एम टेकिंग हर टु डॉक्टर जैक्सन।' जेसन ने लीसा को बताया।
'ओह नो, वाट हैप्पंड?' लीसा ने उतावलेपन से पूछा।
'शी हैज बीन वौमिट्टिंग।' जेसन ने जवाब दिया तो लीसा ने महिका को एक पैनी दृष्टि से देखा। महिका को लगा कि जैसे लीसा उसका रोग पहचान गई थी। कल रात कहीं लीसा ने उसके खाने में जहर तो नहीं मिला दिया था? कैसे ध्यानपूर्वक देख रही है लीसा उसके चेहरे को कि जैसे लक्षण पहचानने के प्रयत्न में हो! नहीं, वह यह खतरा मोल नहीं लेगी। उसे जेल थोड़े ही जाना है।
'डू यू वांट मी टु कम विद यू?' पूछते हुए लीसा ने अपना पर्स उठा लिया। महिका ने सोचा कि हर काम में टाँग अड़ाने को आतुर लीसा क्या उनके साथ अब डॉक्टर के पास भी जाएगी?
'ओह नो, लीसा, यू बैटर वेट हियर, आइ एम ऐक्सपैक्टिंग ए पार्सल।' लीसा का चेहरा एक पल के लिए उतर गया था पर उसकी मुस्कुराहट दूसरे पल ही लौट आई थी और एक बार फिर वह पूरे नियंत्रण में थी।
एक पल को लगा कि जैसे महिका का पाँव ही नहीं अपितु उसका पलड़ा भी भारी हो गया हो। लीसा से छुटकारा पाने के लिए क्या महिका अपने गर्भ को हथियार बना सकती है?
जेसन ने महिका को पकड़कर ऐसे उठाया कि जैसे कि वह एक नाजुक खिलौना हो जो छूने से भी टूट सकता था; लीसा तिरछी नजर से उन दोनों को यूँ देख रही थी कि जैसे छिपकली नाचते हुए मच्छरों को देखती है।
जेसन और महिका के विवाह को अभी दो महीने भी नहीं हुए थे कि एक दिन रोती-धोती और डेविड को बुरा-भला कहती हुई लीसा उनके अपार्टमैंट में आ टपकी थी। महिका को लगा था कि लीसा का रोना-धोना सब जेसन की खातिर ही था क्योंकि उस दिन के बाद उसने लीसा को कभी बिखरते नहीं देखा था। डेविड से उसकी सुलह करवाने के लिए जेसन ने बहुत प्रयत्न किए किंतु सब बेकार। डेविड ने भी साफ-साफ कह दिया था कि वह उसे नहीं, किसी और को चाहती थी। महिका जानती थी कि उसका इशारा किसकी तरफ था।
लीसा की माँ की ही सिफारिश पर महिका को स्थानीय लाइब्रेरी में पार्ट-टाइम नौकरी मिल गई। महिका कशमकश में पड़ गई किंतु यह सोचकर कि घर में रहते हुए ही वह कौन सा उन दोनों पर नजर रख पाई थी, उसने नौकरी शुरू कर दी थी। इधर गम से उबरने के लिए महिका ने खुद को किताबों में डुबा लिया तो उधर जेसन को अपने प्रेमपाश में फाँसकर लीसा उसके घर की स्वामिनी बन बैठी। महिका को लगने लगा था कि जैसे कबाब में हड्डी वह स्वयं थी। कहने को तो लीसा अपनी माँ के साथ ग्रीन-पार्क में रहने लगी थी किंतु जेसन के बिजनैस, जिसका दफ्तर घर के बाहर वाली बैठक में ही खोल लिया गया था, में हाथ बँटाने के बहाने, लीसा सोलह-सोलह घंटे उनके घर पर ही टिकी रहती थी।
'कौल मी इफ यू नीड मी।' जाते-जाते लीसा ने उन्हें एक बार फिर टोक दिया। मनहूस कहीं की; अचानक महिका का डर फिर लौट आया; जेसन के बच्चे को जन्म देगी महिका और पालेगी लीसा; वही तो सँभालती है सब कुछ इस घर में। बिना किसी परिश्रम के लीसा उसके बच्चे की माँ बन जाएगी; महिका फिर अकेली की अकेली। उसे नहीं चाहिए बच्चा-वच्चा। लीसा को बच्चा चाहिए तो अपना बच्चा पैदा करे! महिका बेकार में ही परेशान हो रही है। हो सकता है कि उसकी तबियत किसी और वजह से खराब हो। कितना अच्छा हो कि डॉक्टर उन्हें बताए कि उसके पेट में कैंसर है!
'वेट ए मिनट, आइ फौर्गौट माइ वालेट।' महिका को कार में बैठाकर जेसन वापिस घर की ओर दौड़ा। महिका जानती थी कि वह किसी बहाने से घर वापिस जाएगा; निकलने से पहले वह जल्दी में लीसा को चुंबन देना जो भूल गया था।
'सौरी डार्लिंग,' कहता हुआ जेसन लीसा को आलिंगन में लिए चूम रहा होगा और सर्पण-लता सी लीसा जेसन के बदन पर फैल जाने के प्रयत्न में लगी होगी। महिका को लगा कि जैसे जीती हुई बाजी वह एक बार फिर हार गई थी। यहाँ रहेगी तो उसे यूँ ही खून के घूँट पी-पीकर जीना होगा।
'नौट नाउ, डार्लिंग, माही इज वेटिंग इन दि कार।' जेसन उठने का प्रयास कर रहा होगा किंतु लीसा उसकी कमीज के बटन खोलते हुए कह रही होगी कि उसकी लिप्सा तृप्त किए बगैर वह कहीं नहीं जाएगा।
कार में बैठी-बैठी बस यही सब सोच रही थी महिका; इस दौरान सदियाँ गुजरती चली गईं। न जाने कितनी बार भोग चुकी होगी जेसन को अब तक लीसा! कार चलाकर उसे कहीं दूर निकल जाना चाहिए किंतु वह जाए तो कहाँ जाए? पुलिस उसे जल्दी ही खोज लेगी। कार को सामने वाली दीवार में ठोक दे तो कैसा रहे? दुर्घटना में मृत्यु हो जाएगी तो वह सब झंझटों से मुक्त हो जाएगी किंतु उसके पेट में पल रहे बच्चे का क्या होगा? एकाएक प्रसन्न होते हुए महिका ने सोचा कि क्यों न वह बनारस लौटकर ही बच्चे को जन्म दे; जेसन और लीसा से दूर। भैया-भाभी के अभी कोई संतान भी नहीं है; वे अवश्य बहुत प्रसन्न हो जाएँगे किंतु घर की याद आते ही महिका एक बार फिर निढाल हो गई। इस हालत में पीहर लौटेगी तो क्या कहेंगे सब? एक बार माँ ने कहा था कि लड़की के दामन पर लगा बदनामी का दाग कभी नहीं धुलता।
'लैट्स गो।' जेसन लौट आया था। क्या गुल खिला कर लौटा था? तिरछी नजर से महिका ने ऊपर से नीचे तक जेसन का मुआयना किया; बाल, कौलर, कमीज, बटन, और तो और उसकी पैंट की जिप का भी का निरीक्षण कर डाला।
'डू यू स्टिल लव लीसा?' महिका ने जेसन से एक बार पूछा था।
'माही, यौर माइंड इज फुल औफ बनारसी रबिश।' जेसन हँसते हुए कहा था।
'डज शी लव यू?'
'शी इज जस्ट ए गुड फ्रैंड।' जेसन ने हल्के अंदाज में उसे टाल दिया था।
महिका को कभी कभी लगता है कि वह शैल्फ में रखी एक ट्रौफी भर है जिसे रोज झाड़-पोछकर वापिस सजा दिया जाता है। काश कि यह सच होता किंतु जेसन उसका पूरा ध्यान रखता है; अपनी पत्नी की तरह सबसे परिचय कराता है, उठते बैठते उसे चूमते हुए 'हनी' और 'डार्लिंग' जैसे शब्दों से संबोधित करता है। फिर भी महिका को यह क्यों लगता है कि वह लीसा के अधिक करीब था?
'टेल मी माही, वाट डू यू वांट टु ईट टुडे?' अथवा 'हाउ वाज यौर डे?' लीसा भी जब तब महिका से बड़े प्यार और आदर से बात करती है; शायद जेसन को जताने के लिए कि वह महिका का इतना ध्यान रखती है। खुद में ही दोष ढूँढ़ते रहने की अभ्यस्त महिका को लगने लगा है कि यह सब उसके अपने दिमाग की ही लीला है क्योंकि लीसा और जेसन के चेहरों पर तो उसे लेश-मात्र भी दिखावा नहीं मिलता।
'एनिथिंग।' हमेशा की तरह महिका उसे टाल जाती है जबकि लीसा के पकाए लैंब, पोर्क अथवा चिकन रोस्ट खाते-खाते वह ऊब चुकी है। वही जेसन जो मम्मी का बनाया हुआ खाना चटखारे ले लेकर खाता था, लीसा के आते ही एकाएक ब्रिटिश बन गया है। अपनी ही रसोई में वह इंडियन खाना बनाने से डरती है क्योंकि लीसा को मसाले बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हैं। वह चाहे तो अपने लिए अलग पका सकती है किंतु उसका मन भी तो हो; इतनी सुस्त तो वह जीवन में कभी नहीं थी।
भोजन के उपरांत, महिका बर्तन उठाकर डिश-वाशर में भरने को उठती तो जेसन उसका हाथ बँटाने आ जाता जैसे कि लीसा को लेकर वह अपराध भावना से ग्रस्त हो। उन दोनों को अकेला छोड़कर महिका अपने कमरे में चली जाती और सोफे पर बैठे टीवी देखते हुए जेसन और लीसा एक दूसरे पर चुंबन बरसाते हुए सोफे की सतहों में समा जाते। तकिए से अपने कान बंद किए महिका सुनती उन दोनों की हवस भरी आवाजें और सोचती कि ये आवाजें उसकी जलन का ही परिणाम था; बाहर कुछ नहीं हो रहा। कहीं वह पागल तो नहीं हो गई?
'हनी, लैट अस गो फौर ए ड्राइव।' रात के ग्यारह और बारह बजे के बीच लीसा को घर छोड़ने जाने के पूर्व जेसन हर रोज महिका से औपचारिकतावश पूछता है।
सीढ़ियों पर उतरती दोनों की हँसी महिका की आत्म-अधिरोपित कैद को बामुशक्कत कर जाती है। अपनी भिंची हुई पलकों के पीछे चलते हुए चलचित्र महिका रोक नहीं पाती।
लीसा के घर पहुँचते ही दोनों ने अपने कपड़े उतार फेंके होंगे और उनके गुत्थम-गुत्था हुए बदन स्वेद में नहा रहे होंगे। संभोग के बाद दोनों साथ-साथ लेटे हुए एक दूसरे के होंठों पर पुती चौकलेट से अपने मुँह मीठा करेंगे।
'आइ शुड लीव नाउ।' अफरा-तफरी में ट्रैक-सूट चढ़ाते हुए जेसन ने कहा होगा। बिस्तर पर पड़े नंगे शरीर की भूख अभी पूरी तरह से मिटी नहीं होगी। लीसा के मोहक बदन, गुलाबी होंठ और कामोत्तेजक आँखों ने जेसन को फिर से घसीट लिया होगा।
बिस्तर पर चील के से पाँव फैलाए लेटी महिका की साँसें यकायक फूल उठीं। जेसन को न वह अपने पास बर्दाश्त कर सकती है और न ही अपने से दूर। एक समय था जब वह जेसन के छूने भर से सरोद सी बज उठती थी; आज उसी के टूटे हुए तार उसके जिस्म को छलनी-छलनी करने पर तुले हैं।
बारह बजे के कहीं बाद जेसन लौटता है तो उसे महिका सोती हुई मिलती है। पूरी तरह से मुतमइन होकर जब वह मीठी नींद में सो जाता है तो महिका उठकर सोफे पर जा लेटती है और देर रात तक टीवी देखती है जब तक उसकी आँखें जवाब न दे जाएँ और उसका दिमाग काम करना बंद कर दे।
'गुड मौर्निंग, माही।' सुबह चाय बनाकर जेसन उसे प्यार से उठाता है तो महिका उसके चेहरे पर अपराध-भावना के चिह्न ढूँढ़ती है। कभी तो कहेगा जेसन कि अपने किए पर वह शर्मिंदा है! किंतु नहीं, उसके भोले-भाले तीखे नैन-नक्श वाले चेहरे पर महिका को अपराध का नामो-निशान नहीं मिलता। उसके गुसलखाने में घुसते ही दूध की बोतल उठाए लीसा आ धमकती है और नाश्ते की तैयारी में जुट जाती है। महिका के जाने के बाद उन्हें कहाँ समय मिलेगा नाश्ते पानी का?
घर की देख-रेख के अलावा बेचारी लीसा को जेसन की टाइपिंग और फाइलिंग करनी पड़ती है, पत्र और ई-मेल्स देखने होते हैं, बिजली-पानी-गैस-फोन आदि के बिल्स भरने होते हैं, कार की एम-ओ-टी और सर्विस के अलावा उसे टैक्स भी फाइल करना होता है। तगड़े वेतन की एवज में जेसन उससे कस के काम भी लेता है। यदि लीसा कहीं मर-मरा जाए (हा हा हा!) तो क्या महिका वे सारे काम सँभाल पाएगी?
'गुड मौर्निंग, माही।' महिका नहा कर निकलती है तो ताजे अंदाज में लीसा उसका स्वागत करती है। उन दोनों की तरफ देखे बिना महिका अपना सिर हिलाकर चुपचाप बैठ जाती है कि कहीं वह भी उनकी हवस की चपेट में न आ जाए। कितनी कायर और डरपोक है न महिका? अपने अल्प वेतन की दुहाई देकर वह जेसन की सुरक्षा में आराम से मुटा रही है। लोग सड़कों और पुलों के नीचे भी तो रहते हैं, उसने तो यहाँ औरतों को भी फुटपाथ पर सोते देखा है। क्या हुआ जो उनके भिनकते शरीरों से बदबू आती है। महिका भी अपना स्लीपिंग-बैग लेकर उनके पास चली जाएगी किंतु नहाने-धोने और टौयलेट की याद आते ही वह अपना संकल्प तोड़ देती है और फिर स्वयं को प्रताड़ित करती रहती है कि उसके बस का कुछ भी नहीं तो नहीं।
'वाट्स हर प्रौब्लम हनी?' महिका की ओर गुस्से में देखते हुई लीसा जैसे आँखों ही आँखों में जेसन से पूछती है कि वह क्यों नकचढ़ी महिका पर अपनी जान हल्कान कर रहा है, जो न किसी बात का जवाब देती है, न हँसती है न मुस्कुराती है, बाहर जाने के नाम से भी बिदकती है और काम के नाम से जिसकी जान निकलती है। उसे कौन समझाए कि महिका की सारी 'प्रौब्लम्स' की जड़ लीसा खुद है।
'शी इज एंटायरली फ्रौम ए डिफ्रैंट बैकग्राउंड।' जेसन ने एक बार लीसा को समझाने का प्रयत्न किया था। महिका कोई जानवर है क्या जिसे वह किसी चिड़ियाघर से उठाकर लाया था?
वैसे भी 'बैकग्राउंड' से प्यार अथवा प्रतिबद्धता का क्या संबंध है? पूरी रात की रतिक्रिया के बाद आकर कह देना कि 'इट डिडंट मीन ऐनिथिंग,' के महिका क्या मायने ले? ईर्ष्या और बदले की भावना से ग्रस्त, महिका ने एक मर्तबा चाहा था कि अपने पड़ोसी माइटी-मिक के साथ वह भी एक रात गुजारे और सुबह वापिस आकर जेसन से कहे कि 'इट मैंट नथिंग।'
पहले ही सुबह लाएब्रेरी की ओर जाते समय कुछ युवकों ने महिका से छेड़खानी की थी तो माइटी-मिक ही काम आया था हालाँकि उस समय तो महिका माइटी-मिक से भी डर गई थी। न चाहते हुए भी महिका उसे अपने साथ चलने से नहीं रोकती क्योंकि टौवर-हैमलैट के नौ-दस साल के बच्चे भी जेब में छुरे लेकर घूमते हैं। खून की खुशबू की आदत है उन्हें; लड़ना-भिड़ना, गोलियाँ चलना और रेप्स रोजमर्रा की घटनाएँ हैं यहाँ किंतु यह सब जेसन और लीसा को पब जाने से नहीं रोकते। बनारस में वह भी तो राजकुमारी की तरह सड़क पर चला करती है किंतु वहाँ वह अपनों के बीच थी। यहाँ तो उसे सबसे डर लगता है।
'निकल इस गंदगी से,' महिका कभी कभी अपने को धकेलती है किंतु उसके दिमाग से जेसन और महिका के मैथुनी चित्र हटें तो वह कुछ सोंचे। गर्भ की वजह से शायद उसके हार्मोंस भी अति-सक्रिय हो उठे हैं। फिर वह सोचती है कि यह सब तो बहाने हैं, असल में वह पैदाइशी बिगड़ी हुई और सिर-चढ़ी लड़की है, जिसे सब कुछ चाहिए; बिना किसी प्रयास के।
'भैया इतना भी सिर न चढ़ाओ छोकरी को, ससुराल में जाके दब के रहना होगा इसे, वहाँ तुम्हारी पुच पुच काम नहीं आएगी।' बुआ कहा करती थी पापा से। क्या सचमुच वह जेसन की कीमत नहीं समझती? क्यों जेसन की एकमात्र मित्र को भी वह नहीं बर्दाश्त नहीं कर सकती?
'लीसा रियलि इज ए नाइज गर्ल, वाय डोंट यू लाइक हर, माही?' जेसन ने एक बार पूछा था महिका से।
'वाए डिड्ंट यू मैरी हर देन?' महिका ने प्रतिउत्तर में प्रश्न किया।
'बिकौज आइ वाज डैस्टिंड टु मैरी यू, हनि।' जेसन ने बात समाप्त कर दी थी। यह डैस्टिनी ही तो थी जिसने महिका को इस बेगैरत जगह पर ला पटका था और बेचारे डेविड को भुगतना पड़ा था लीसा की डाह का परिणाम। लीसा ने डेविड से विवाह भी शायद जेसन को सबक सिखाने के लिए ही किया था।
'गिव देम ए लिट्टल प्राइवेसी, लीसा।' पिछले ही हफ्ते की तो बात है कि एक पार्टी में डेविड ने लीसा को सबके सामने लताड़ दिया था। सोफे पर अकेली बैठी महिका को देखकर वह शायद सब कुछ जान गया था।
'डोंट पैट्रोनाइज मी।' लीसा बिगड़ उठी थी; महिका को वह ऐसे घूर रही थी कि जैसे कच्चा चबा जाएगी जबकि शिकायत करना तो दूर, महिका ने डेविड से बात तक नहीं की थी। वह तो उस पार्टी में भी जबरदस्ती लाई गई थी, शायद इसलिए कि महिका को छोड़कर वह लीसा के साथ वहाँ जाता तो लोग बातें बनाते।
'डू समथिंग बिफोर इट इज टू लेट।' डेविड ने महिका को सावधान किया था। सबसे आँख चुराती हुई लीसा बार-स्टूल पर जा बैठी थी।
लीसा के 'डोंट पैट्रोनाइज मी' से महिका को याद आया कि लीसा स्वयं उसे 'पैट्रोनाइज' करती है; कैसे उसकी कही बात लीसा को एक बार में समझ नहीं आती और जब उसे महिका से कुछ कहना होता तो वह कैसे शब्दों को चबा चबा कर बोलती है कि जैसे महिका को समझने में परेशानी होती हो।
फिर एक दिन महिका को मिल ही गया था वह सबूत जिसकी तलाश में वह दिन रात एक किए थी। लाइब्रेरी के लिए निकली ही थी कि सामने के फ्लैट में रहने वाली मिसेज हार्डी ने उसे आवाज दी। गठिए की वजह से उनकी कलाइयाँ बेकार हो चुकी थीं और जब तब वह जेसन अथवा महिका से मुरब्बे की बोतलें अथवा कैन्स खुलवाया करती थीं। इससे पहले कि मिसेज हार्डी न खत्म वाली कोई बात ले बैठें, जल्दी से कैन खोलकर महिका लिफ्ट की ओर बढ़ी तो देखा कि उसके अपने घर का दरवाजा उघड़ा हुआ था। यह सोचकर कि शायद वह दरवाजा बंद करना भूल गई थी, महिका ने दरवाजे का हैंडल खींचकर बंद करने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि उसे अंदर से आती हुई संभ्रमित आवाजें सुनाई दीं। दबे पाँव वह गलियारे में पहुँची तो उसने दरवाजे की ओट से कार्पेट पर दो नंगे शरीरों को गुत्थम-गुत्था देखा। जड़ हुई न जाने कब तक वह जेसन और लीसा की न खत्म होने वाली लिप्सा का खेल देखती रही। दिमाग में एक साथ कई बवंडर बरपा थे; वह छत से कूद कर जान दे देने की सोच ही रही थी कि उसे लगा कि मरने से पहले उसे इन दोनों को सजा जरूर देनी होगी। दरवाजे के बंद होने की आहट से उन्हें सुध आई होगी।
'माही, इज दैट यू?' अंदर से जेसन ने पुकारा था। जब तक बिखरा बिखरा सा जेसन दरवाजे तक पहुँचा, महिका लिफ्ट में घुस चुकी थी।
'पापा, प्लीज मुझे ले जाओ यहाँ से।' महिका अपने मोबाइल पर पिता के नंबर का बटन दबाते दबाते रुक गई थी; इस बार वह पापा को दिक नहीं करेगी, यह मामला वह नहीं सुलझा पाएँगे। अपनी घुटी हुई हिचकियों की वजह से वह साँस भी नहीं ले पा रही थी।
महिका ने अपना फोन स्विच औफ कर दिया क्योंकि जेसन उसे बराबर फोन किए चला जा रहा था।
'यू आर लेट माइका।' माइटी-मिक, जो कैफे के बाहर खड़ा उसका इंतजार कर रहा था, उसे रोते हुए देखकर परेशान हो गया। सड़क पर रोती हुई महिका को देखकर कई लोग ठिठक गए थे। माइटी-मिक उसे कैफे के अंदर ले गया और कोने में रखी हुई एक कुर्सी पर उसे बैठा कर वह उसके लिए झटपट पानी ले लाया, जिसे पीकर महिका की रुलाई रुकी।
'आइ विल किल दोज बास्टर्डस।' माइटी-मिक गुस्से में बोला था। यदि वह उनका राज जानता था तो शायद पूरा मोहल्ला ही जानता होगा।
'माइका, यू कैन स्टे विद मी इफ यू लाइक और,' माइटी-मिक ने उसे सांत्वना देते हुए कहा, 'आइ कैन टेक यू टु दि काउंसिल, दे विल रिहैब यू।'
माइटी-मिक का धन्यवाद करती हुई महिका उठ खड़ी हुई थी। वह क्या नहीं जानती कि काउंसिल द्वारा उपलब्ध कराए गए मकानों में कौन रहता है? आसमान से गिरकर वह खजूर में अटकना नहीं चाहती। माइटी-मिक ही कौन सा दूध का धुला है?
लाइब्रेरी पहुँची तो लाइब्रेरियन ने उसे बताया कि जेसन के कई फोन आ चुके थे। उसकी सूजी हुई आँखें देखकर उसने महिका से घर लौटने का अनुरोध किया जिसे नकारते हुए वह अपने डैस्क पर जा बैठी और तभी उठी जब जेसन उसे लेने आ पहुँचा। उसने सोचा था कि सुबह की उस घटना के बाद शायद जेसन शर्मिंदा हो और उसे लेने ही न आए।
'यू आर माइ ओनलि लव, माही। लीसा इज जस्ट ए फिजिकल नीड।' महिका के कार में बैठते ही जेसन शुरू हो गया था। होंठ भींचे वह खिड़की के बाहर देखती रही। माइटी-मिक कैफे के बाहर खड़ा उन्हें निहार रहा था। कितना अच्छा हो कि वह जेसन और लीसा की हत्या कर दे! फिर वह पूरी तरह से स्वतंत्र हो जाएगी।
'जेसन एंड आई आर सो यूज्ड टु ईच अदर, माही, वी ग्रियू अप टुगेदर...' घर पहुँची तो लीसा भी वही राग अलापने लगी। जाते जाते वह महिका को इशारा दे गई कि यदि इस घर में रहना है तो उसे निभाना होगा।
महिका के मुँह खोलते ही यदि जेसन उसे दरवाजा दिखा भी दे तो माइटी-मिक तो है ही जो उसकी मदद को तैयार है किंतु फिर भी न जाने क्यों उसके मन से भय नहीं निकलता, उसके कदम नहीं उठते।
'डार्लिंग, इट वोंट हैप्पेन अगैन, आइ प्रौमिस यू,' जेसन को क्या पड़ी है कि वह महिका के नखरे उठाए? अँधेरा होते-होते महिका की चुप्पी से आक्रांत जेसन आखिर कह ही उठा कि लीसा से उसके नाजायज संबंध के लिए महिका का ठंडापन और रुखाई ही उत्तरदायी थे।
'लैट अस स्टार्ट अगैन, वी वर सो हैप्पी इन बैनारस। वाट हैप्पंड?' जेसन क्यों बेकार की बातें किए चला जा रहा है?
'इफ यू वांट, आइ कैन आस्क लीसा टु लीव, बट इट वाज नौट हर फौल्ट।' पल पल में नर्म और गर्म पड़ते जेसन ने आखिर लीसा को भी दाँव पर लगा ही दिया था।
पिछले हफ्ते की ही तो बात है टीवी पर बहु-विवाह प्रथा पर एक कार्यक्रम आ रहा था, जो एक अमेरिकन व्यक्ति की बारह पत्नियों और उनके बच्चों पर आधारित था।
'क्या यह गैरकानूनी नहीं है?' हैरानी में महिका के मुँह से निकल गया था।
'वाट्स इज लैजिटिमेट, मीका?' लीसा को हिंदी बिल्कुल नहीं आती थी किंतु महिका की बात वह समझ गई थी। महिका को लगा कि सुरसा राक्षसनि की तरह लीसा उसे समूचा निगलने के प्रयत्न में थी; 'अति लघु रूप पवनसुत कीना' की तरह वह सिमटती चली गई किंतु लीसा के 'कनक भूधराकार शरीरा' के सामने उसकी तो वैसे ही कोई हस्ती नहीं थी।
'पौलिगैमी इज प्रैवलैंट औल ओवर दि वर्ड।' जेसन ने भी टिप्पणी की थी। महिका के दिमाग में आया था कि मुसलमानों के भी तो होती हैं दो-दो तीन-तीन बीवियाँ; वे कैसे इकट्ठी रहती हैं? छी छी छी! यदि यह सब पसंद नहीं है तो वह कोई कदम कों नहीं उठाती?
महिका उस रस्सी पर संतुलन बनाए खड़ी थी, जिसके सिरे सँभाल रखे थे लीसा और जेसन ने, जिनके इर्द-गिर्द खड़े थे हाथों में तमंचे और बंदूकें लिए टौवर-हैमलेट के शोर मचाते तमाशाई। जेसन चिल्ला चिल्ला कर लीसा को सावधान कर रहा था कि वह रस्सी को मजबूती से पकड़े और गुस्से में भरी लीसा जेसन को घूर रही थी कि जैसे कह रही हो कि यह मुसीबत वह अपने गले में क्यों पाल रहा था। अपनी ही एक चूक से महिका का पाँव यकायक रस्सी पर से फिसला और वह एक गर्त में गिरती चली गई। कुछ होश आया तो देखा कि उसके पिता उसका सिर सहला रहे थे।
'हमारी सुनी होती तो आज ये दिन तो नहीं देखने पड़ते।' आँचल से आँसू पोछती हुई माँ कह रही थीं।
'बिरादरी में तुमने हमें मुँह दिखाने लायक नहीं छोड़ा।' भैया बोले।
'बनारस आने की क्या जरूरत थी इन्हें? वहीं कुछ कर करा लेतीं।' महिका के बढ़े पेट की ओर देखते हुए भाभी कह रही थीं।
पसीने में नहाई महिका एकाएक उछल कर बिस्तर पर बैठ गई, उसका सिर फटा जा रहा था।
'वाट हैप्पेंड, माही? यू हैड ए नाइटमेयर?' महिका को गले से लगाए जेसन उसे तसल्ली दे रहा था। शायद वह अब भी एक लंबे दुःस्वप्न से गुजर रही हो; उसकी कोई शादी-वादी नहीं हुई है वह भी एक गोरे से, हाह! नींद खुलेगी तो वह बनारस में अपने माँ-पिता के साथ बैठी होगी, भैया उसे इस-उस बात पर छेड़ रहे होंगे। जरूर दुःस्वप्न ही होगा, महिका के साथ भला इतना बुरा कैसे हो सकता है?
महिका के दिमाग में जेसन और लीसा के कामुक आखेट स्वतः रिवाइंड होते रहते हैं। अब तो वे अपनी जिस्मानी मुफलिसी छिपाने की भी कोशिश नहीं करते कि जैसे अच्छा ही हुआ कि महिका जान गई और यह कि उसे मंजूर ही होंगे उनके अवैध संबंध कि वह कुछ नहीं कहती। ऐसे घुन्नी बने बैठे रहने से कब तक काम चलेगा? यह कोई बनारस थोड़े ही है कि उसके एक ठुनकने भर से सब काम हो जाएँगे।
'कौंग्रैचुलेशंस,' डॉक्टर जैक्सन ने उन्हें खुशखबरी दी तो जेसन ने महिका को आलिंगन में लेकर उसका माथा चूम लिया। क्या वह सचमुच प्रसन्न है या फिर डॉक्टर के सामने औपचारिकता निभा रहा है? इन दोनों की भोली-भाली मुस्कुराहट के पीछे क्या छिपा हो, कौन जाने? महिका को सँभाल कर उठाते हुए वह कार तक उसे ऐसे लाया कि जैसे वह मिट्टी का खिलौना हो।
'गैस वाट लीसा, महिका इज प्रैग्नैंट।' कार में बैठते ही जेसन ने चहकते हुए लीसा को मोबाइल फोन पर बताया। क्या जेसन को इस समय भी लीसा की ही स्वीकृति की ही फिक्र है? जेसन के इस अस्थिर व्यवहार से महिका और भी परेशान हो गई।
'हनी, वी विल इन्वाइट मैदव एंड बाबी ऐट दि टाइम औफ यौर डिलीवरी।' हजार बार समझाने के बावजूद जेसन अब तक माधव को 'मैदव' और भाभी को 'बाबी' कहकर ही पुकारता है। अपने पिता बनने की खबर सुनकर जेसन शायद सचमुच उत्तेजित है; भैया-भाभी को बुलाने के लिए भी राजी है। क्या वह एक अच्छा पिता साबित होगा? क्या वह स्वयं एक अच्छी माँ बन पाएगी? शायद नहीं, उससे तो कुछ नहीं हो पाएगा; कुछ भी तो नहीं।
'माही, लेट अस सैलिब्रेट अवर गुड न्यूज।' घर के नजदीक पहुँचे तो जेसन बोला। महिका की चुप्पी को उसकी 'हाँ' समझता है जेसन। सैलिब्रेट के मायने ये हैं कि उन दोनों को शराब पीने का एक मौका मिल जाएगा। लाल शराब से भरे जाम टकराएँगे संतरे के रस से भरे गिलास के साथ।
'लीसा विल बी डिलाइटड, आइ एम श्योर।' जेसन का एकालाप जारी था।
क्या सचमुच? महिका ने सोचा। जेसन का झुकाव महिका की ओर बढ़ जाएगा तो भला लीसा क्यों खुश होगी? भावी संतान की खातिर शायद एक दिन उसे जेसन को छोड़ना भी पड़े; लीसा के 'डिलाइटड' होने की बात महिका को समझ में नहीं आई। फिर एकाएक महिका का सीना चाक हो गया; जेसन और लीसा ने चार लंबे वर्ष साथ गुजारे थे; इस दौरान उनके कोई संतान क्यों नहीं हुई? क्या लीसा में भी कोई खराबी है? ओह! एक बच्चे की खातिर क्या वे महिका का इस्तेमाल कर रहे हैं? चाहे वे उसे बेवकूफ न भी बना रहे हों, उसके बच्चे को पालेंगे तो वे दोनों ही, महिका तो बस देखा करेगी कि कैसे लीसा उसके बच्चे को नहलाती है, तैयार करती है, खरीदारी से लेकर भोजन पकाने तक सब काम लीसा करती है। रात को प्रैम में बिठाकर वे दोनों उसे घुमाने ले जाएँगे। यह लीसा तो एक दिन उसकी जान लेकर ही रहेगी।
एक के ऊपर दूसरी, दूसरी पर तीसरी, डर की न जाने कितनी पर्तें महिका के दिमाग में चढ़ती चली जा रही हैं। एकाएक महिका का मन हुआ कि चलती हुई कार का दरवाजा खोलकर कूद जाए; न होगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी। शायद जिंदगी भर न उबर पाएँ लीसा और जेसन इस सदमे से; यही होगी इन दोनों की उचित सजा। उसे बचाने की खातिर जेसन भी कूद पड़े और गंभीर रूप से घायल हो जाए तो क्या जीवन भर देख-भाल करेगी लीसा लंगड़े-लूले जेसन की?
जेसन के सिर में दर्द भी हो जाए तो लीसा का चेहरा देखने लायक होता है; कभी वह जेसन की माँ बन जाती है तो कभी प्रेयसी। तभी तो जेसन उसे छोड़ नहीं पाता। लीसा और जेसन एक दूसरे के लिए ही बने हैं। महिका से तो कुछ नहीं होता, कुछ भी तो नहीं। भाभी ठीक ही कहती थीं कि घुन्नी महिका के बस का कुछ नहीं। वह खुद को तो सँभाल नहीं पाई, बच्चे को कैसे सँभाल पाएगी?
क्या ऊल-जलूल सोचती रहती है महिका भी? जेसन और लीसा को सताने के लिए वह क्या अपने अजन्मे बच्चे को भी दाँव पर लगा देगी? उसे लगा कि उसे किसी दिमागी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए; यह सारा फितूर उसके अपने ही दिमाग में है। जेसन और लीसा उसका भला ही चाहते हैं। उन्हें दुखी देखने के लिए वह खुद दुख उठा रही है? अपने बच्चे को लीसा और जेसन को देकर वह उनके रास्ते से सदा के लिए हट जाएगी। वे दोनों उसे कहीं अच्छी तरह पालेंगे। महिका से स्वयं तो वैसे भी कुछ नहीं होगा। लगा कि जैसे पुराने घाव पर किसी ने एकाएक मरहम रख दिया हो।
अपनी इमारत के कार-पार्क में घुसने के लिए जेसन ने कार को बाएँ मोड़ा ही था कि देखा कि धूसर और गीली सड़क के बीचों-बीच सफेद चाक से किसी व्यक्ति का एक खाका ख़ींचा गया था; जिसके हाथ-पाँव मुड़ी तुड़ी अवस्था में थे। खासी भीड़ जमा थी, जिनसे पुलिस पूछताछ कर रही थी। तभी काले बैग में लिपटी एक लाश को स्ट्रैचर पर उठाए दो लोग एंबुलैंस की तरफ लाए।
जेसन और महिका कार से उतरे ही थे कि लोग उन्हें घेर कर खड़े हो गए।
'डिड यू नो लीसा?' एक पुलिस वाला उनसे पूछ रहा था।