टाइगर को बावनवे जन्मदिन की बधाई / जयप्रकाश चौकसे

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टाइगर को बावनवे जन्मदिन की बधाई
प्रकाशन तिथि :27 दिसंबर 2017


आज सलमान खान का बावनवां जन्मदिन है और उनकी फिल्म पहले चार दिनों में 150 करोड़ रुपए व्यवसाय कर चुकी है। विगत दशक में उन्होंने बॉक्स ऑफिस पर अपना शिखर स्थान कायम बनाए रखा है परंतु आमिर खान की 'थ्री इडियट्स' एवं 'दंगल' द्वारा अर्जित आय से वे आज भी चंद कदम की दूरी पर है। इस खेल में 'बाजीगर' शाहरुख खान पिछड़ गए हैं। उनकी अभिनीत 'दुल्हनिया,डर' इत्यादि के दौर में हिंदुस्तानी सिनेमा के आय के स्रोत सीमित थे। इस तरह यह एक 'रईस' की कंगाली का प्रकरण बनता है। सलमान खान के बॉक्स ऑफिस आंकड़ों से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि वे गरीबों के इलाज और उनके बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन करते हैं और परिवार का अंकुश नहीं हो तो अपनी सारी आय भी दान में दे सकते हैं। कर्णुनमा चरित्र धार्मिक सरहदों से परे भी जन्म लेते हैं।

एक अरेबियन दंत-कथा है कि एक सुल्तान के घर एक शिशु ने जन्म लिया परंतु मां के प्रयास के बाद भी शिशु ने दूध नहीं पिया। सारे हकीम और हुक्काम असफल हो गए। एक दरवेश ने बताया कि जब तक बस्ती में एक भी बच्चा भूखा रहेगा, यह शिशु दूध गृहण नहीं करेगा। सुल्तान ने सारी बस्ती के बच्चों के दूध पीने का इंतजाम किया। तब जाकर उनके शिशु ने दूध पिया। यह किस्सा हातिमताई का अंश है। सलीम साहब ने 'दीवार' और 'शोले' जैसी डेढ़ दर्जन फिल्में लिखीं परंतु उनकी और उनकी पत्नी सलमा का सिनेमा को सबसे महत्वपूर्ण तोहफा सलमान खान ही हैं। वे भी हातिमताई की तरह लोगों की मदद करते हैं। हातिमताई सात सवालों के जवाब के लिए अनेक जगह भटका और यह काम वह दूसरों की भलाई के लिए कर रहा था। दरअसल, अनेक व्यक्ति और संस्थाएं सक्रिय हैं और वे बेअसर सरकारों की कमियों को दूर करती है। इंदौर के आनंद मोहन माथुर और उनकी भगतसिंह ब्रिगेड भी असमानता दूर करने का प्रयास करती है। बिहार के एक दंपती ने हाईवे पर होने वाली दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को सही समय पर सहायता उपलब्ध कराने हेतु एक योजना को अमलीजामा भी पहनाया।

अक्षय कुमार ने शहीद सैनिकों की विधवाओं की सहायता करने वाली संस्था को पांच करोड़ रुपए की राशि प्रदान की। अजय देवगन भी इस तरह काम करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि फिल्म उद्योग ने धर्मनिरपेक्षता को अक्षुण्ण बनाए रखा है। इस उद्योग में काबिलियत एकमात्र मानदंड है। दिलीप कुमार अपनी भव्य बजट की 'गंगा जमना' अवधी भाषा में रचते हैं, जिससे प्रेरित आमिर खान की 'लगान' भी अवधि में बनी है। राज कपूर की अधिकांश फिल्में ख्वाजा अहमद अब्बास लिखते रहे हैं।

हातिमताई के सात सवालों से अधिक कठिन सवाल यह है कि सलमान विवाह कब करेंगे? सलमान खान पर अनेक मुकदमे कायम हुए हैं और उनके अवचेतन में उनके पिता की लिखी 'दीवार' का दृश्य मौजूद है, जिसमें नायक के हाथ पर खलनायकों ने गोदना किया है कि 'मेरा बाप चोर है।' वह नहीं चाहता कि उसकी संतान को लोग कहे कि उसके पिता पर मुकदमे कायम हैं। वे अपने मुकदमे जीत चुके हैं परंतु किसी ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दर्ज की है। कुछ ताकतें हैं, जो नहीं चाहतीं कि सलमान खान अदालतों के चक्कर से मुक्त हों। यह बात सीधी धर्मनिरपेक्षता के हनन से जुड़ी है परंतु कड़ियां नज़र नहीं आतीं। यही इस बुनावट की बारीकी है।

इत्तेफाक यह है कि अनेक सितारों का जन्म दिसंबर में हुआ है। दिलीप कुमार, राज कपूर, धर्मेंद्र, राजेश खन्ना इत्यादि। फिल्म जुनून की हद देखिए कि कुछ जोड़े दिसंबर माह में उनकी संतान जन्मे इस काम को योजनाबद्ध ढंग से अंजाम देते हैं। एेतिहासिक स्थानों पर भी गाइड इतिहास की बजाय यह बखान करता है कि यहां फलां फिल्म की शूटिंग हुई है। अगर सिनेमा आस्वाद को पाठ्यक्रम में शामिल करक लिया होता तो इस जुनून का जन्म ही नहीं होता। सरकारें चाहती हैं कि सिनेमा की अफीम अवाम चाटता रहे और रोजी, रोटी, कपड़े से जुड़े सवाल नहीं पूछे। इतने महान माध्यम का सही इस्तेमाल ही नहीं हो पाया।

बहरहाल, अपने जन्म दिन पर सलमान पनवेल स्थित फार्महाउस में पूरा सप्ताह बिताएंगे। उन्हें बच्चों से बहुत प्यार है, अत: विवाह की इच्छा उनके मन में कुलबुलाती जरूर है। उनके साथ अंतरंग मित्र कैटरीना कैफ हैं। भूतपूर्व प्रेमिका भी वहां मौजद रहेंगी परंतु उनके दिल के सबसे करीब रहीं महिला उनके निकट नहीं आ सकतीं परंतु वह आज दिल ही दिल में सलमान खान के लिए दुआ जरूर करती होंगी। उन्हें यह काम संभवत: अपने स्नानघर की गोपनीयता में करना पड़ता होगा। यह मोहब्बत भी क्या चीज है कि भुलाए न भुलाई जा सके और बनाए न बने