टापलेस / गोवर्धन यादव
Gadya Kosh से
"नहीं सर...नहीं...मैं इससे ज़्यादा कपड़े नहीं उतार सकती" "
" मेडम...कपड़े तो तुम्हें हर हाल में उतारने ही पड़ेगें। मैं अपनी ओर से नहीं कह रहा हूँ। यह तो स्टोरी की डिमांड है"
"सर ...स्टोरी बदली भी तो जा सकती है।"
"" स्टोरी नहीं, हिरोइन बदली जा सकती है।
पहली वाली हिरोइन अभी अपने कपडॆ पूरी तरह से समेट भी नहीं पायी थी कि एक नई होरोइन ने कमरे में प्रवेश किया जो पूरी तरह से टापलेस थी।