टीचर्स / खलील जिब्रान / सुकेश साहनी

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(अनुवाद :सुकेश साहनी)

मैंने बातूनी आदमी से चुप रहना, झगड़ालू आदमी से धीरज रखना और क्रूर आदमी से दयालुता सीखी है परन्तु आश्चर्य...मैं इन तमाम गुरुओं के प्रति कितना नाशुक्रा हूँ!