डुमराँव का संघर्ष / क्यों और किसलिए? / सहजानन्द सरस्वती
Gadya Kosh से
मेरे जेल में रहते ही एक और महत्त्वपूर्ण बात किसान-सभा के इतिहास में हुई जिसने मेरा कलेजा बाँसों उछाल दिया। वह थी शाहाबाद जिले के डुमराँव में खुद महाराजा की धाँधली और मनमानी घरजानी के विरुध्द किसानों की संगठित लड़ाई जो किसान-सभा के तत्त्वावधान में हुई और जिसने सभा का सिर ऊँचा किया। किसानों की उसमें जीत भी हुई। इससे न सिर्फ किसानों का , बल्कि जनसाधारण तथा डुमराँव के बनियों का भी संकट हटा और सबों ने राहत की साँस ली।