डॉन अब रेत की तस्करी करेगा / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 05 फरवरी 2019
शाहरुख खान, फरहान अख्तर की 'डॉन 3' में नज़र आएंगे। पटकथा पर काम चल रहा है। हाजी मस्तान घड़ी की तस्करी करते हुए सोने की तस्करी करने लगे। दाऊद ने अवैध व्यवसाय को कॉर्पोरेट की तरह संचालित करने की पहल की। डॉन ड्रग्स की तस्करी के विरोध में रहे। डॉन भावी पीढ़ियों के मामले में संवेदनशील थे, इसलिए नशीले ड्रग्स की तस्करी का विरोध करते रहे। बाद में संगठित अपराध टेक्नोलॉजी की तस्करी करने लगा। अणु बम बनाने की विधा व उसके लिए आवश्यक वस्तुओं की तस्करी की गई। कोरिया के पास अणु बम विधा तस्करी द्वारा पहुंची थी। सुना है कि फरहान अख्तर की शाहरुख खान अभिनीत 'डॉन 3' में रेत की तस्करी को विषय बनाया है। तस्करी की जाने वाली वस्तुओं एवं विचार का क्रम इस तरह रहा है- घड़ियां, सोना, यूरेनियम, शराब और रेत। ज्ञातव्य है कि भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी घोषित किए जाने के बाद वहां भवनों का निर्माण तीव्र गति से प्रारंभ किया गया और होशंगाबाद से नर्मदा तट की रेत भोपाल भेजी गई। इस अवैध खनन ने कुछ लोगों को रातों रात अमीर बना दिया। नदी के तट से रेत चुराना नदी के चीरहरण की तरह देखा जाना चाहिए। नदी और नारी पर जुल्म की जड़ें आख्यानों तक जाती हैं। शाहरुख खान अभिनीत 'रईस' असफल रही। उस फिल्म में गुजरात में शराब का अवैध कारोबार दिखाया गया है परंतु गुजरात में शराब की खपत मध्य प्रदेश पूरी करता है। यह भी एक अवैध कारोबार है। कुछ जानकारों का कहना है कि अवैध शराब का कारोबार करने वाले दो अपराध सरगनाओं के बीच लड़े गए युद्ध में कई लोगों के प्राण चले गए और इसी अवैध व्यापार को धर्म का आवरण भी पहनाया गया था।
भारत और पाकिस्तान की सरहद पर भी तस्करी की जाती है। भारत से शराब के साथ बंगाली पान की तस्करी भी की जाती है। पाकिस्तान के हाथ से बंगाल निकल जाने के बाद बंगाली पान की तस्करी प्रारंभ की गई थी। एक खाड़ी देश में शराब प्रतिबंधित है और वहां भी भारत में बनी शराब तस्करी द्वारा पहुंचती है। याद आता है कि एक दौर में इंग्लैंड में भी शराबबंदी की गई थी और इसकी घनघोर असफलता के बाद शराबबंदी का आदेश वापस लिया गया। उस दौर में फ्रांस की यात्रा से इंग्लैंड का एक महान लेखक इंग्लैंड लौटा तो कस्टम अधिकारी ने उनसे पूछा कि उनके सूटकेस में क्या है? लेखक ने जवाब दिया कि मात्र कपड़े हैं परंतु अधिकारी ने उनका सूटकेस खुलवाया तो उसमें शराब की बोतल पाई गई। लेखक ने बला की मासूमियत से कहा यह तो उसका नाइट कैप है। ज्ञातव्य है कि सोते समय आंख पर प्रकाश नहीं पड़े, इसलिए उन्हें ढंकने वाले वस्त्र को नाइट कैप कहा जाता है। शराबबंदी सभी देशों में विफल रही है। वर्तमान में बिहार के मुख्यमंत्री ने अपनी सारी उर्जा शराबबंदी में लगा दी और बिहार में उद्योग धंधों की स्थापना नहीं हुई। दरअसल शराब पीने वाले शराब को उत्साहवर्धक मानते हैं, जबकि मेडिकल तथ्य यह है कि शराब का सेवन नैराश्य को जन्म देता है। शरत बाबू का देवदास भी पारो को खोने के बाद शराब पीता है और इसी उपन्यास की लोकप्रियता के कारण कई युवा अपने भिव्यक्त रहे प्रेम की संदिग्ध विफलता के कारण शराब पीने लगे। इस तरह यह सामाजिक फैशन बन गया। युवावस्था में अनाभिव्यक्त प्रेम की असफलता को युवा होने की प्रक्रिया का हिस्सा माना गया। श्रेष्ठि वर्ग और निम्न आय वर्ग में शराब पीना कभी प्रतिबंधित नहीं माना गया परंतु मध्यम वर्ग के लिए शराब पीना वर्जित माना गया। दरअसल, मध्यमवर्ग को समाज की कचरा पेटी की तरह बना दिया गया। विकृतियों और वर्जनाओं का सारा कूड़ा करकट इसी वर्ग पर लादा जाता रहा है।
यह संभव है कि फरहान अख्तर 'डॉन' श्रंखला की नई फिल्म की शूटिंग भी होशंगाबाद और उसके इर्द-गिर्द उसी क्षेत्र में करें जहां दशकों पूर्व बलदेव राज चोपड़ा ने अपनी दिलीप कुमार अभिनीत 'नया दौर' की शूटिंग की थी। ज्ञातव्य है कि इस फिल्म के लिए पहले मधुबाला को अनुबंधित किया गया था परंतु उनके पिता लंबे समय तक चलने वाले आउटडोर में अपनी बेटी को दिलीप कुमार के साथ नहीं भेजना चाहते थे इसलिए वैजयंती माला को लिया गया और निर्माता ने अपनी अनुबंध की पेशगी के लिए अदालत में प्रकरण दर्ज किया। दिलीप कुमार ने भरी अदालत में यह स्वीकार किया कि वे मधुबाला से प्रेम करते हैं परंतु उन्होंने पेशगी की वापसी के लिए निर्माता के पक्ष में गवाही दी।