डोनाल्ड ट्रम्प : 'फॉर ए फ्यू डॉलर्स मोर' / जयप्रकाश चौकसे

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डोनाल्ड ट्रम्प : 'फॉर ए फ्यू डॉलर्स मोर'
प्रकाशन तिथि : 28 सितम्बर 2019


अमेरिका में बराक ओबामा के चुने जाने के अरसे पहले इरविंग वैलेस के एक उपन्यास में घटनाक्रम इस तरह है कि अमेरिका का प्रेसीडेंट अपने साथियों सहित यूरोप की यात्रा पर रवाना हुआ। उस हवाई जहाज की दुर्घटना में सारे लोग मारे गए। उनके संविधान के अनुसार सीनियर सीनेटर को अध्यक्ष पद दिया जाता है। इत्तेफाक से वह एक अश्वेत अमेरिकी है। पद पर बैठते ही उसे कठिन फैसले लेने होते हैं। वह सभी समस्याओं का निदान करता है। उसकी निष्पक्ष नीतियों से राष्ट्र आगे बढ़ रहा है। कुछ संकीर्णता पालने वाले लोग अभी भी नाराज हैं और उसे हटाने का अवसर खोज रहे हैं। इस विपक्ष के नेता की पुत्री को अश्वेत अध्यक्ष ने अपना सचिव बनाया है।

कुछ समय बाद विपक्ष की नेता की पुत्री प्रेसीडेंट पर आरोप लगाती है कि उसने उसे छेड़ा है और दुष्कर्म का प्रयास किया है। इस आरोप के कारण अमेरिका की सीनेट में राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। संविधान के अनुसार सौ सदस्यों वाली सीनेट में 77 मत अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़ने पर ही प्रेसीडेंट से त्यागपत्र लिया जा सकता है। हर सीनेटर को सकारण अपना मत देना होता है। कोई सीक्रेट बैलेटिंग नहीं है। ब-आवाजे बुलंद अपना विचार प्रकट करना होता है। अश्वेत प्रेसीडेंट के खिलाफ रंगभेद का पूर्वग्रह कायम है और आज भी बना हुआ है।

76 लोग अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मत देते हैं। निर्णायक मत देने के लिए आरोप लगाने वाली कन्या का पिता खड़ा होता है और सबको विश्वास है कि प्रेसीडेंट के खिलाफ प्रस्ताव पास हो जाएगा। सीनेटर खड़ा होकर कहता है कि उसकी इकलौती पुत्री लंबे अरसे से मनोवैज्ञानिक बीमारी का शिकार है। वह कुछ घटनाओं की कल्पना कर लेती है, उन्हें यथार्थ घटना मान लेती है। सीनेटर अपने साथ अपनी पुत्री की बीमारी और इलाज के सभी कागज साथ लेकर आया है। वह अश्वेत राष्ट्रपति के पक्ष में मत देता है। इस तरह के साहसी और अपनी स्वतंत्र निष्पक्ष विचार प्रक्रिया रखने वाले विरल लोग ही गणतंत्र व्यवस्था की रक्षा करते रहे हैं।

ताजा खबर हैं कि डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। उन पर कई आरोप हैं। ज्ञातव्य है कि अपने कार्यकाल में उन्होंने अपने देश में कुछ शहरों की यात्रा की और अपने स्टाफ तथा सुरक्षा दल के साथ ही अपने स्वामित्व की होटलों में ठहरे ताकि होटलें लाभ कमा सकें। डोनाल्ड ट्रम्प बहुत धनवान व्यक्ति है परंतु लोभ सीमाहीन है। यह बताना कठिन है कि क्या अमेरिका का अवाम डोनाल्ड ट्रम्प को चुनने पर पशेमान है? क्या वह सामूहिक अपराध बोध से ग्रसित हैं। अवाम मुतमइन है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने उन्हें अतिरिक्त कर भार से नहीं लादा है। अवाम की सोच डॉलर से संचालित है। डॉलर के खिलाफ अन्य राष्ट्रों की मुद्रा का मूल्य घट रहा है। क्लिंट इस्टवुड अभिनीत फिल्म 'फॉर ए फ्यू डॉलर्स मोर' वेस्टर्न एक्शन फिल्म थी और उसका थीम संगीत अत्यंत कर्णप्रिय था। वेस्टर्न फिल्मों में जॉन वेन ने लंबी पारी खेली और अस्सी वर्ष की आयु तक वे नायक बने रहे। उन्होंने कुछ फिल्मों का निर्देशन भी किया। 'फॉर ए फ्यू डॉलर्स मोर' की शूटिंग के लिए स्पेन में लगाया हुआ सेट आज भी जस का तस कायम है। इसे देखने पर्यटक आते हैं। यह सब लिखना इसलिए आवश्यक है कि स्कलर की किताब 'मूवीज मेड अमेरिका' में उन्होंने यह अवधारणा प्रस्तुत की है कि हॉलीवुड की फिल्में अमेरिका का अनाधिकृत इतिहास प्रस्तुत करती हैं। हमने मायथोलॉजी को अपना इतिहास मानने की भूल की है और मिथ मेकर्स की पौ बारह है। ज्ञातव्य है कि डोनाल्ड ट्रम्प की जीत का कारण एक फेक न्यूज है, जिसने उनके विरोध में खड़े प्रतिनिधि को रूस का एजेंट बता दिया गया था। शीतयुद्ध के दौर में एक फिल्म बनी थी 'रशियन्स आर कमिंग'। यह एक व्यंग्य फिल्म है और फेक न्यूज के कारण मची अफरा-तफरी का विवरण प्रस्तुत करती थी। इसी तरह एक बार अमेरिका के कुछ शहरों में बिजली व्यवस्था ठप हुई थी। इस घटना से प्रेरित मजेदार फिल्म का नाम था 'व्हेयर वर यू व्हेन लाइट्स वेन्ट आउट'। हमारे कई शहरों में प्राय: बिजली जाती रहती है।

बिजली गुल होने की बात को लेकर राज कपूर ने 'प्रेम रोग' में एक विलक्षण दृश्य रचा था। जमींदार के हरकारे नायक को कहते हैं कि उसे महल में बड़े राजा ठाकुर ने बुलाया है। उनके महल में भी बत्ती गुल है। क्या अंधकार महल और गरीब के निवास में साम्यवाद स्थापित करता है? दरअसल, साम्यवाद एक उजास हैं। बड़े राजा ठाकुर एक अभद्र प्रस्ताव रखते हैं कि नायक उनकी युवा विधवा पोती को लेकर भाग जाए और भाग जाने की व्यवस्था भी वे स्वयं करेंगे। नायक जवाब देता है कि यह तो कुरीतियों को कायम रखने की बात हो गई। वह उनकी युवा विधवा पोती से सरेआम विवाह करेगा और आप उसे विदा करेंगे। इस संवाद के बोलते ही बिजली आ जाती है और बड़े राजा बुदबुदाते हैं, इस युद्ध में नायक विजयी भव:।

बहरहाल, डोनाल्ड ट्रम्प के निवास स्थान व्हाइट हाउस में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होते समय रोशनी मद्धम हो जाएगी। प्रस्ताव के पास होने पर डोनाल्ड ट्रम्प का निवास स्थान अंधकार में डूब जाएगा, परंतु अमेरिका में गणतंत्र व्यवस्था रोशनी के फव्वारे से स्नान करती नजर आएगी। याद आता है फिल्म पिंक का गीत 'उजियारे कैसे, अंगारे जैसे धूप जली, धूप मैली, कारी कारी रैना, अंधियारे जैसी, रोशनी के पांव में ये बेड़ियां कैसी।' ट्रम्प महोदय के लिए महाभारत में श्लोक है- 'दण्डनीति परित्यज्य यदा कात्स्नर्येन भूमिप प्रजा क्लिश्नात्ययोगेन प्रवर्तेत तदा कलि'।