ढेंचू–ढेंचू / सुधा भार्गव
एक गदहा था। सुबह उठते ही ढेंचू -ढेंचू करने लगता। इससे जंगल के जानवरों की नींद टूट जाती और गुस्से से भुनभुनाने लगते। एक रात गधा मुंह खोले सो रहा था। । बिल्ली और कुत्ते ने उसे देखा तो घास उखाड़ी और उसके मुँह में भर दी।
-अब देखती हूँ कैसे इसके मुँह से आवाज निकलती है। कल आकर फिर इसके मुँह को घास से भर देंगे। बिल्ली बोली।
- कल सुबह नौ बजे तक पैर पसार कर सोने को मिलेगा। कुत्ता बोला।
दोनों खुशी से गिरते –पड़ते सो गए।
सूर्य की पहली किरण गधे के मुँह पर पड़ी। वह जाग गया। उसने खुले मुँह को कसकर बंद किया। दांतों के बीच में घास आने से उसका रस निकल पड़ा। उसे बहुत स्वाद आया और धीरे- धीरे उसने जबड़ा चलाना शुरू कर दिया। घास चबाकर सटकने लगा।
उसने सोचा –बिना मेहनत किए ही मुझे रसीली ताजी घास मिल गई। बड़ा अच्छा दिन गुजरा। कल मैं मुँह ज्यादा खोलकर सोऊँगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा घास मेरे मुँह में समा सके। घास को जरूर ठंड लगी होगी,गर्मी पाने के लिए तभी वह मेरे मुँह में घुस गई। आह क्या भाग्य पाया है मैंने।
पेट में घास पड़ते ही उसने दुगुन आनंद से अपना गाना छेड़ दिया ---ढेंचू ---ढेंचू।
जानवर आँख मलते उठ खड़े हो गए।
-आज एक घंटा ज्यादा सोने को तो मिल गया बिल्लो रानी। इस बार कुछ ऐसा करो कि दो घंटे ज्यादा सोने को मिल जाएँ। खरगोश फुदकता बोला।
-चिंता न करो। देखते जाओ –इस बार क्या जादू करती हूँ।
रात होते ही बिल्ली और कुत्ता चुप से सोते हुए गधे के पास आए। खूब सारी घास उखाड़ी और उसको गधे के मुँह में भरने लगे । उसने तो पहले से ही मुँह ज्यादा खोलकर रक्खा था। कुत्ते ने अपना एक पैर गधे के मुँह में घुसेड़ा और धीरे –धीरे घास को आगे धकेलते हुए गले तक पहुंचाने लगा। गधे की नींद तो खुल गई पर आँखें मींचे पड़ा रहा। चाहता था ज्यादा से ज्यादा घास उसके गले में घुस जाए,इतनी घास खाए –इतनी घास खाए कि दो तीन दिनों तक उसे भूख ही न लगे। गले में घास की तह पर तह लगने से उसके तो दर्द होने लगा और उससे बेहोश हो गया। अब तो वह बोल भी नहीं सकता था।
बिल्ली ने सोचा –गधा सो रहा है। बची –खुची घास भी उसके गले में ठूँसा- ठूंस भरने के बाद वे वहाँ से चल दिये।
अपनी बहादुरी पर दोनों बड़े खुश थे और पूरा –पूरा विश्वास था कि कल गधा 10 बजे से पहले सो कर हरगिज नहीं उठेगा।
उस रात जानवर खूब सोये। कोई सुबह के 11 बजे सोकर उठा तो कोई 12 बजे। सबके चेहरे से खुशी फूटी पड़ती थी लेकिन गधा तो ऐसा सोया कि सोता ही रह गया। लालच ने उसके प्राण ले लिए।