तमाचा / सपना मांगलिक

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तमाचा

अ और ब दोनों पति पत्नी हैं। अ जब देखो तब ब को प्रताड़ित करता रहता है। कभी-कभी जरा-सी बात पर ब पर हाथ भी उठा देता है। ब अपने बच्चों के लिए खामोश रहती है। शायद वह बच्चों को खराब घरेलू-माहौल नहीं देना चाहती, मगर अ इसे उसकी लाचारी या कमज़ोरी समझ मन ही मन अपने पुरुषत्व पर गर्व करता है। एक बार अ और ब किसी शादी समारोह से लौट रहे थे, रास्ते में कुछ गुंडों ने उन्हें घेर लिया। अ डर के मारे उन गुंडों के सामने गिड़गिड़ाने लगा और गुंडों को अपने करीब आते देख ब के पीछे छिप गया। ब ने चालाकी से अपनी साड़ी के पल्लू में से मोबाइल में लगा इमरजेंसी अलार्म शुरू कर दिया। अचानक तेज आवाज में बजती पुलिस सायरन की आवाज से गुंडे डर गए और भाग निकले। गुंडों के जाने के बाद अ जो अबतलक ब के पीछे छिपा हुआ था, बाहर निकलकर आया और दोनों वापस घर की ओर लौटने लगे। घर आकार अ बार-बार अपने गाल को सहला रहा था, शायद किसी अदृश्य तमाचे की चोट उसके चेहरे पर बार-बार उभर कर आ रही थी।