तीन अजूबे / ख़लील जिब्रान / बलराम अग्रवाल

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हमारे भाई जीसस के तीन अजूबे ऐसे हैं जिन्हें आज तक लिखा नहीं गया।

पहला यह कि - वह आपकी और मेरी तरह एक इंसान ही था।

दूसरा यह कि - वह तर्कशील-बुद्धि का स्वामी था।

और तीसरा यह कि - पराजित होने के बावजूद वह जानता था कि वह विजेता है।