तीन दलों में विभाजित फिल्म उद्योग / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 08 फरवरी 2021
किसान आंदोलन के विषय में फिल्म उद्योग तीन दलों में विभाजित हो गया है। एक दल सरकार के सभी निर्णय से सहमत होता है। दूसरा दल असहमत है। तीसरा दल तटस्थ है। उनकी तटस्थता उनकी मजबूरी है। तटस्थ लोग जानते हैं कि मात्र एक शब्द उनकी फिल्म के प्रदर्शन में रुकावट बन सकता है। बोफोर्स घोटाले में अमिताभ बच्चन शामिल नहीं थे और लंदन की अदालत से उन्हें इसका प्रमाण पत्र भी हासिल हुआ था परंतु उनकी अभिनीत फिल्म ‘शहंशाह’ के प्रदर्शन में बाधा खड़ी हो गई थी। दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। मुंबई के कुछ सितारे पंजाब में जन्मे थे परंतु वे भी खामोश है। एक सफल सितारे ने अन्य देश में जमीन खरीदने के लिए उस देश की नागरिकता प्राप्त की थी और इस तथ्य को छुपाने के कारण भी फेरा का केस उनके खिलाफ दर्ज हो सकता था पर बचा लिए गए। अब वे समर्थन के लिए बाध्य हैं। उनकी पत्नी अपने लेख में विरोध अभिव्यक्त करती हंै। एक छत के नीचे जाने कितनी दीवारें बन जाती है और परिवार के सदस्य तन्हा हो जाते हैं।
कोरोना काल खंड में अन्य उद्योगों की तरह फिल्म उद्योग ने भी कष्ट भुगते हैं। दो भव्य बजट की फिल्मों का प्रदर्शन रुका हुआ है और लागत पर ब्याज की रकम निर्माण मूल्य में इज़ाफा कर रही है। ब्याज की रकम 25 करोड़ से अधिक हो गई है जिससे एक मध्यम बजट की फिल्म बन सकती थी। अनसोचे, असाधारण यथार्थ हमेशा बाधाएं पहुंचाते हैं।
यशराज फिल्म कंपनी की स्थापना के 50 वर्ष हो चुके हैं और आदित्य चोपड़ा इस शुभ अवसर पर 5 फिल्मों का निर्माण प्रारंभ करना चाहते थे जिनकी पूरी योजना बनकर तैयार है। आदित्य चोपड़ा मितभाषी हैं परंतु उनकी खामोशी बहुत कुछ कहती है। रोहित शेट्टी ने भी महामारी के दिनों 3 फिल्मों की पटकथा लिख ली है। इरशाद कामिल ने भी एक पटकथा लिख ली है परंतु अभी तक कोई कलाकार अनुबंधित नहीं कर पाए। कुछ कलाकार वेब सीरीज बनाने में व्यस्त है। ऋचा चड्ढा भी एक फिल्म अभिनीत कर चुकी हैं, जिसे पसंद किया जा रहा है। तापसी पन्नू एक एक्शन फिल्म के लिए नियमित कसरत कर रही हंै। महामारी के कारण सभी सृजनधर्मी लोगों की आंखों में जलन और दिल में तूफान उठ रहा है। अब कूल किनारे नजर आ रहे हैं और अगले माह के मध्य में सभी कुछ सामान्य होने की आशा है। कुछ कलाकारों के संयुक्त परिवार हैं और रोज़मर्रा के खर्च भी बहुत हैं परंतु आय के स्रोत सूख चुके हैं। अत: बचत की रकम ही काम आ रही है।
संजय लीला भंसाली की आलिया भट्ट अभिनीत फिल्म जिसकी पृष्ठभूमि काठियावाड़ है, बन रही है। आलिया का विवाह रणबीर कपूर से होने जा रहा है। ‘सांवरिया’ के निर्माण के समय रणबीर कपूर को भंसाली के व्यवहार से शिकायत थी परंतु उन्होंने आलिया को भंसाली के साथ काम करने से रोका नहीं। रिश्ते में व्यक्तिगत स्वतंत्रता रिश्ते मजबूत करती है। किसी बात पर सहमत नहीं होने का अर्थ दुश्मनी नहीं है।
आपसी समझदारी की सराहना की जाती है परंतु रिश्तों में प्रेमी निर्णायक होता है। घटती हुई भावनाओं के दौर में ढाई आखर का प्रेम ही जीवन की आधारशिला है। आमिर खान ने अमेरिकन फिल्म ‘फॉरेस्ट गंप’ से प्रेरित ‘लाल सिंह चड्ढा’ की शूटिंग कर ली है। आमिर खान ने मूल फिल्म के भारतीयकरण की प्रक्रिया में बहुत परिवर्तन किए हैं। यह, वृक्ष रीप्लान्टेशन से अलग प्रक्रिया है। आज के फ़िल्मकार बड़े सजग हैं। पहले तो हमारी फिल्मों के कलाकार ओवरकोट पहने नजर आते थे क्योंकि मूल अमेरिकन फिल्म के पात्र ओवरकोट पहने होते थे। कुछ सितारों के प्रशंसक उस सीन पर तालियां बजाते हैं, जिनमें नायक अपनी कमीज़ उतार देता है। बेचारा नायक हर फिल्म में यह करने लगा। हर क्षेत्र में विभाजन ही विभाजन हो रहे हैं।