दायरे / खलील जिब्रान / सुकेश साहनी
Gadya Kosh से
(अनुवाद :सुकेश साहनी)
एक मछली ने दूसरी से कहा, "हमारे इस समुद्र से अलग एक और समुद्र है, जिसमें जीव तैरते हैं और हमारी तरह ही जीवन व्यतीत करते हैं।"
दूसरी मछली ने कहा, "बिल्कुल झूठ। ये तो कोरी सनक है। तुम्हें तो अच्छी तरह मालूम है कि हममें से कोई भी समुद्र से चाहे एक इंच ही बाहर बने रहने की कोशिश करता है तो मर जाता है। फिर तुम किस आधार पर अन्य समुद्र में अन्य जीवों की बात कर रही हो?"