दो शराबी / सुरेश सौरभ

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दो शराबी आधी रात में झूमते-गाते जा रहे थे।

एक सुरूर में बोला-अगर मैं लड़की होता तो पूरे मोहल्ले के शोहदों को लाइन देता।

दूसरा मस्ती में बोला-अगर मैं लड़की होता तो पूरे शहर के लड़कों पर मरता।

तब तक कुछ पुलिस वाले उन्हें मिल गये। दोनों को रोका। अता-पता पूछा। दोनों लड़खड़ाती जुबानों से कुछ सही न बता पा रहे थे। पुलिस ने उन्हें उठाकर थाने में पटका। फिर बेतों से स्वागत करके दड़बे में बंद कर दिया।

सुबह जब उनका नशा हिरन हुआ, तब उनकी पड़ताल की और उन्हें छोड़ते हुए कहा-पड़ गये दोनों पुरूष अगर कहीं दोनाें महिला होते तो, पूरा थाना इतनी मोहब्बत तुम्हें करता कि कहीं मुंह दिखाने के लायक न बचते।

अब दोनों शराबी भागते हुए जा रहे थे और कह रहे थे-अल्लाह किसी को औरत न बनाए।