दौड़ / खलील जिब्रान / सुकेश साहनी

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(अनुवाद :सुकेश साहनी)

दुर्गन्ध छोड़ने वाले कीड़े (स्केन्क) ने गुलाब से कहा, "देखो! मैं कितना तेज दौड़ता हूँ जबकि तुम चलना तो दूर रेंग भी नहीं सकते!"

गुलाब ने कीड़े से कहा, "ओ तेज दौड़ने वाले महान मित्र! प्लीज़, ज़रा और तेज दौड़ो!"