नई सीख / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
Gadya Kosh से
भेड़िया आदमी के एक छोटे बच्चे को उठाकर गाँव से बाहर निकला। कई कुत्ते भौंकते–भौंकते उसके पीछे दौड़ पड़े। अपने को चारों तरफ से घिरा हुआ देखकर भेड़िया बोला–"तुम मुझे क्यों रोक रहे हो?"
"तुम्हारी धूर्त्तता की भी हद हो गई," उनमें से बूढ़ा कुत्ता बोला–"सबके सामने बच्चे को उठाए ले जा रहे हो और पूछते हो क्यों रोक रहे हो?"
"बाबा, इस ज़माने में मेरी धूर्त्तता नहीं चल पाती। मुझे और अधिक धूर्त्तता सीखनी पड़ेगी; इसलिए आदमी के बच्चे को उठाए ले जा रहा हूँ।" भेड़िए ने उत्तर दिया।