निर्देशन क्षेत्र में महेश भट्‌ट की वापसी / जयप्रकाश चौकसे

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निर्देशन क्षेत्र में महेश भट्‌ट की वापसी
प्रकाशन तिथि : 16 जनवरी 2020


संजय दत्त ने महेश भट्ट से अनुरोध किया कि वे "सड़क 2” का निर्देशन करें। महेश भट्ट ने फिल्म निर्देशन करना छोड़ दिया था और अपने परिवार की निर्माण कंपनी "विशेष फिल्म्स” के लिए विषय का चुनाव करके अपने सहयोगियों को निर्देशन का अवसर देने लगे थे। मोहित सूरी और विक्रम भट्ट को उन्होंने अनेक अवसर दिए। एक तरह से वे रिमोट कंट्रोल द्वारा फिल्में बनाते रहे। "विशेष फिल्म्स” कंपनी में सृजन का काम महेश भट्ट करते हैं और उनके भाई मुकेश भट्ट पूंजी तथा वितरण का कार्य करते हैं। महेश भट्ट किसी काम को नहीं करने का बहाना यह बनाते हैं कि मुकेश भट्ट नहीं चाहता और मुकेश इसी तरह महेश भट्ट को जिम्मेदार ठहराते हैं। सच तो यह है कि सारे निर्णय दोनों की सहमति से होते हैं।

महेश भट्ट के पिता नानाभाई भट्ट भी फिल्मकार थे और उन्होंने विविध भाषाओं में लगभग 100 फिल्में बनाई थी। नानाभाई ने एक जूनियर कलाकार से दूसरा विवाह किया था। उस दौर में दो विवाह करना आज की तरह नाजायज नहीं था। महेश भट्ट अपनी युवावस्था में एंग्री यंग मैन की छवि में स्वयं को प्रस्तुत करते थे। उस दौर में महेश भट्ट कुछ काम मात्र चौंकाने के लिए किया करते थे, मसलन उन्होंने स्वयं को सगर्व नाजायज संतान कहा। उनके पिता नानाभाई भट्ट ने इसका खंडन करते हुए अपने दोनों जायज विवाह के दस्तावेज जाहिर कर दिए। आचार्य रजनीश के अोरेगन जाने के समय महेश भट्ट का उनसे मोहभंग हो चुका था। महेश भट्ट अपनी भीतरी बेचैनी से जूझने के लिए कुछ समय एक यू.जी. कृष्णमूर्ति के बताए मार्ग पर भी चले।

महेश भट्ट ने "नया दौर” नामक फिल्म बनाई थी जो मारियाे पुजो के उपन्यास "गॉडफादर” से प्रेरित थी। उन्होंने शबाना आज़मी और विनोद खन्ना के साथ "रंग हजार” नामक फिल्म बनाई। असफल फिल्मों के कारण निर्माण कंपनी पर कर्ज हो गया। उस समय टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार ने महेश भट्ट को प्रस्ताव दिया कि वे टेलीविजन पर प्रसारित की जाने वाली एक फिल्म बनाएं। महेश भट्ट को ऐसी फिल्म बनाने में रुचि नहीं थी, जो सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं की जाएगी। उस समय मुकेश भट्ट ने महेश पर दबाव बनाया कि गुलशन कुमार का प्रस्ताव स्वीकार करके उस रकम से कंपनी के कर्ज उतार दें, अन्यथा ब्याज की राशि उनकी कंपनी को समाप्त कर देगी। महेश भट्ट ने अपने प्रिय विषय "नाजायज संतान” पर फिल्म बनाई। उनकी कर्ज से मुक्ति हो गई। महेश भट्ट के कॅरिअर में एक निर्णायक मोड़ इस तरह आया कि सलीम खान और जावेद अख्तर के अलगाव के बाद सलीम ने कुछ समय तक लेखन बंद रखा। राजेंद्र कुमार अपने पुत्र कुमार गौरव को "लव स्टोरी” में प्रस्तुत कर चुके थे। अपने पुत्र के कॅरिअर को जमाने के लिए उन्होंने सलीम खान से निवेदन किया कि वे पुनः लिखना प्रारंभ करें। सलीम खान ने ग्राम ग्रीन की लिखी पटकथा "द थर्ड मैन” से प्रेरित होकर "नाम” नामक पटकथा लिखी। सलीम खान ने महेश भट्ट को निर्देशन करने के लिए निमंत्रित किया। ज्ञातव्य है कि संजय दत्त की बहन के साथ कुमार गौरव का विवाह हुआ है। अत: महेश भट्ट ने कुमार गौरव, संजय दत्त और उनकी मां की भूमिका में नूतन को लेकर "नाम” बनाई, जिसकी सफलता ने संजय दत्त को सितारा बना दिया। ग्राहम ग्रीन की कथा में व्यवस्था एक व्यक्ति को अपराधी मानती है। कार दुर्घटना में कुचले गए व्यक्ति के पहचान-पत्र का इस्तेमाल करके वह नए सिरे से जीवन प्रारंभ करना चाहता है। "परिचय-पत्र” नकली बनाए जा सकते हैं। "जॉली एलएलबी भाग 2” में नकली परिचय पत्र का प्रकरण प्रभावोत्पादक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। बहरहाल महेश भट्ट हमेशा कुछ नया करने की इच्छा से संचालित रहे। उन्होंने अनुपम खेर और सोनी राजदान को लेकर "सारांश” बनाई। इस फिल्म ने उन्हें सृजन संतोष दिया। शबाना आजमी, स्मिता पाटिल और कुलभूषण खरबंदा अभिनीत "अर्थ” भी सार्थक सफलता सिद्ध हुई। कैफी आजमी साहब का गीत "तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, क्या गम है जिसको छुपा रहे हो...” अत्यंत लोकप्रिय हुआ। कथा का नायक विवाहित फिल्मकार है और अपनी फिल्म की नायिका से प्रेम करने लगता है। गौरतलब है कि अपने पिता के दूसरे विवाह से व्यथित रहे महेश भट्ट ने स्वयं दो विवाह किए। उनकी एक बेटी का नाम शाहीन है।

देश के विभाजन पर महेश भट्ट की "बेगम जान” में विद्या बालन ने मर्मस्पर्शी अभिनय किया। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म सफल नहीं रही। आजकल महेश और मुकेश भट्ट की "विशेष फिल्म्स” आर्थिक संकट से जूझ रही है और वे "सड़क 2” का निर्माण कर रहे हैं। महेश भट्ट निर्देशन क्षेत्र में वापसी कर रहे हैं। बेहतर यह होता कि अपनी नई पारी के लिए वह कोई नया रास्ता बनाते। उस सड़क पर क्या लौटना जिस पर भी पहले ही मीलों चल चुके हों।