नीतू कपूर : सितारा पत्नी सितारा माता / जयप्रकाश चौकसे

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नीतू कपूर : सितारा पत्नी सितारा माता
प्रकाशन तिथि : 08 जुलाई 2013


आज युवा लोकप्रिय सितारे रणबीर कपूर की मां और निष्णात चरित्र अभिनेता ऋषि कपूर की पत्नी नीतू (सिंह) कपूर का जन्मदिन है। उनका परिचय मात्र सुपर स्टार की मां या लंबी सार्थक पारी खेलने वाले की पत्नी ही नहीं है, उन्होंने स्वयं लंबी पारी खेली है। बाल कलाकार परंतु केन्द्रीय दोहरी भूमिकाओं 'दो कलियां' से 'दो दूनी चार' तक उन्होंने गहरा प्रभाव छोड़ा है और अभी खेल जारी है। नीतू रणबीर कपूर अभिनीत अभिनव कश्यप की 'बेशर्म' में लेडी इंस्पेक्टर बुलबुल पांडे बनी हैं और उनके पति इंस्पेक्टर चुलबुल पांडे हैं। ज्ञातव्य है कि 'दबंग' के निर्देशक की यह दूसरी फिल्म है और उसमें सलमान खान ने इंस्पेक्टर चुलबुल पांडे की भूमिका इतनी सफलतापूर्वक निभाई थी कि यह उनका ब्रांड हो चुका है और इस ब्रांड चरित्र को रचने का श्रेय फिल्म के लेखक दिलीप शुक्ला व अभिनव को जाता है। नैतिकता का तकाजा है कि लेखक को भी धन्यवाद दिया जाना चाहिए, परंतु इन मूल्यों को लोप हुए लंबा वक्त गुजर गया।

बहरहाल, नीतू कपूर ने हबीब फैजल की 'दो दूनी चार' में आदर्शवादी गणित शिक्षक की पत्नी की भूमिका बड़े ही प्रभावोत्पादक ढंग से की थी। पटकथा पूरी तरह गणित शिक्षक ऋषि कपूर के पक्ष में थी और ऐसी पटकथा में दृश्य चुराना आसान नहीं था, गोया कि शेर के सामने बकरी चारा चर ले और शेर से आंख भी मिलाए। याद आता है कि नीतू सिंह ने फिल्म 'चोरनी' में भी कमाल का अभिनय किया था।

भाग्य की पटकथा भी अनोखे रंग दिखाती है। राज कपूर की 'बॉबी' के लिए भी नीतू पर विचार किया गया था, परंतु राज कपूर ऐसा चेहरा चाहते थे, जिसे उनकी फिल्म के पहले अवाम ने नहीं देखा हो। डिंपल कपाडिय़ा ने बाजी मार ली, परंतु नायक ऋषि कपूर से नीतू का ब्याह १९८० में हुआ और 33 बरस बाद वे ८५ वर्ष से फिल्म उद्योग में सक्रिय परिवार की बहू हैं और इस समय वे फिल्म उद्योग में एक शक्ति स्तंभ की तरह हैं, इस मायने में कि उनका पुत्र आज्ञाकारी है और उनकी सहमति के बिना विवाह नहीं करेगा। यह वह पुत्र है जिससे विवाह करने के लिए अनगिनत लड़कियां, जिनमें कुछ शिखर सितारा भी शामिल हैं, लालायित हैं। फिल्म परिवारों में जब सितारा पति निरंतर शूटिंग में व्यस्त हो तो शिशु को पालने की जवाबदारी माता पर पड़ती है और स्वाभाविक है कि पुत्र मां को अधिक स्नेह करता है। नीतू सिंह भी विवाह के समय सफल नायिका थीं और फिल्म 'याराना' में शिखर सितारे अमिताभ बच्चन की नायिका थीं, परंतु उन्होंने विवाह के साथ ही अभिनय छोड़ दिया।

उम्र के इस मोड़ पर भी नीतू कपूर ने अपने को चुस्त-दुरुस्त रखा है, वरन शायद वे अपने जीवन में इसी दौर में सबसे अधिक सुंदर भी दिख रही हैं। डायमंड के एक विज्ञापन में वे अपनी बेटी रिद्धिमा के साथ दिखाई देती हैं और वे उसकी बड़ी बहन लगती हैं। उन्होंने इस शिखर को पाने के लिए घोर परिश्रम किया है और वे अत्यंत अनुशासनबद्ध महिला हैं। कपूर खानदान के लोग खाने-पीने के बेहद शौकीन रहे हैं और उनके यहां लजीज खाना लगभग वैसे ही सशक्त परंपरा है, जैसे फिल्मों के प्रति समर्पण, अत: ऐसे परिवार में दुबला (फिट) बने रहना कोई मामूली बात नहीं है। नीतू कपूर ने कितना संयम बरता है, इसकी कल्पना जरा कठिन है। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने पति ऋषि कपूर को भी सीमा मेें रखने का भरपूर प्रयास किया है और शायद नीतू के ही कारण ऋषि कपूर आज भी सक्रिय हैं। किसी कपूर को लजीज खाने से दूर रखना ऐसा ही है, जैसे शेर को शिकार से दूर रखना। विगत पखवाड़े जब ऋषि कपूर और नीतू पांच सप्ताह के लिए अमेरिका रवाना हुए, तब ऋषि कपूर को शराब छोड़े 28दिन हो चुके थे। अमेरिका में ऋषि कपूर की बड़ी बहन रितु नंदा कैंसर से लड़ रही हैं। एक सप्ताह के लिए रणबीर कपूर भी अमेरिका जा रहे हैं, जहां वे यह वक्त अपनी बुआ के साथ बिताएंगे।

नीतू कपूर ने ऋषि कपूर के साथ अनेक फिल्में की हैं, जिनमें 'खेल-खेल में' का गीत 'खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे...' अति लोकप्रिय हुआ था। उन्होंने रणधीर कपूर के साथ भी कोई आधा दर्जन फिल्में की हैं और शशि कपूर के साथ भी काम किया है। उनका जीवन ही कपूराना रहा है, परंतु इसमें भी उन्होंने अपनी निजता को अक्षुण्ण रखा है। कपूर परंपरा में बहते हुए अपना सिर पानी के ऊपर ही रखा है। उन्होंने रणबीर कपूर के अमेरिका से प्रशिक्षण लेकर लौटते ही उसके कॅरियर में रुचि ली और उसके संजय लीला भंसाली के सहायक बनने को उचित ठहराया तथा 'सावरिया' के लिए लिए गए टेस्ट के बाद सारे चित्र लेकर ऋषि कपूर को दिखाएऔर उनसे अनुमति ली।

बहरहाल, सितारे की पत्नी का जीवन आसान नहीं होता। ऋषि कपूर प्रेम कहानियों में काम करते रहे और सबसे अधिक अभिनेत्रियों के साथ काम किया। स्वाभाविक है कि पात्र के मनोभाव कहीं उनके अवचेतन में तलछट की तरह जमा हुए होंगे और नीतू को उसकी सफाई भी करनी पड़ी होगी। यह मनोवैज्ञानिक काम कठिन होता है। अफवाहों के अंधड़ का भी सामना करना होता है। नीतू कपूर ने तो पति के प्रेम प्रकरणों की अफवाहों के साथ ही अपने रोमांटिक बेटे के प्रेम की बातें भी सुनी हैं, परंतु उन्होंने अपनी स्थिरता कभी नहीं छोड़ी। परदे के पीछे सक्रिय रहना और कभी सामने नहीं आना कोई मामूली काम नहीं है। आज उनके जन्मदिन पर बधाई और इतने वर्षों तक अच्छी बहू रहने के बाद उन्हें सास की भूमिका भी निभानी है, गोया कि सास भी कभी बहू थी।