न्याय / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

Gadya Kosh से
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एक रोटी को लेकर इस बार भी दो बिल्लियों में झगड़ा हो गया। बहुत देर तक तू–तू मैं–मैं होती रही। फैसला नहीं हो सका। वे दोनों अपने इस झगड़े का निर्णय कराने फिर बन्दर के पास पहुँचीं। तोलने की प्रक्रिया में वह भारी पलड़े से रोटी का टुकड़ा निकालकर खाता गया। इस प्रकार अन्त में बचे हुए टुकड़े को भी वह अपनी फीस के बदले में खा गया।

दोनों बिल्लियाँ इस बार चौंकी–"यह तुमने कौन–सा न्याय किया? पूरी रोटी खुद खा गए."

बन्दर ने बिल्लियों को घुड़क दिया–"मैं पूछता हूँ तुम दोनों की आपस में लड़ने की हिम्मत कैसे हुई? तुम अराजकता फैला रही हो।"

बिल्लियाँ थर–थर काँपने लगीं। बन्दर ने दोनों को गर्दन से पकड़कर जेल में डाल दिया।