पत्र 21 / बनारसीदास चतुर्वेदी के नाम पत्र / हजारीप्रसाद द्विवेदी

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शान्तिनिकेतन

26.1.38

पूज्य पंडित जी,

प्रणाम !

कृपा-पत्र मिला। मुझे आपका निमंत्रण स्वीकार है। इसी का सुयोग पाकर एक बार आपके दर्शन भी कर सकूँगा। और कई बातों में आपकी सलाह ले सकूँगा। गुरुदेव के संबंध में मेरा भाषण लिखित ही होगा। वही शायद पसंद भी करें। मैं बिना लिखे बोल नहीं सकता। रथी बाबू से आपकी बात कह दी। उन्होंने मुझे स्वीकृति दी है। शेष आने पर। कुशल है।

आपका

हजारी प्रसाद