पत्र 26 / बनारसीदास चतुर्वेदी के नाम पत्र / हजारीप्रसाद द्विवेदी

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शान्तिनिकेतन

8.12.38

पूज्य पंडित जी,

प्रणाम !

कृपा-पत्र मिला। बबुआ की माँ कई दिनों से बहुत सख़्त बीमार थी। अब अच्छी हो रही है। इसी झंझट में रहा। आपके पत्र का विस्तृत उत्तर दो-चार दिन बाद दूँगा। गुरुदेव के दस्तख़त कराके कविता भेजूँगा। क्षिति बाबू आने को तैयार हैं। आप जेनेरल सेक्रेटरी (रथी बाबू) को एक अलग पत्र लिखें तो उनको सुविधा होगी। आप क्षिति बाबू को भी पत्र लिख सकते हैं। अगर वे गए तो मैं भी साथ हो लूँगा। हिन्दी भवन अभी कुछ बाक़ी है। इस महीने शायद उसका द्वारोद्घाटन नहीं हो सकेगा।

वेत्रवती के संबंध में कुछ reference बाद में (दो-चार दिन बाद) भेजूँगा। चायवाली कविता लिख रखी है, पर अनुवाद करना बाकी है। उसे यथासमय भेज दूँगा।

शेष कुशल है। आशा है आप स्वस्थ और प्रसन्न हैं। जल्दी में लिख रहा हूँ। सब मित्रों को प्रणाम कहिए।

आपका

हजारी प्रसाद द्विवेदी

चन्दोला जी, साहनी जी और मलिक जी आपको प्रणाम कहते हैं।