पत्र 4 / बनारसीदास चतुर्वेदी के नाम पत्र / हजारीप्रसाद द्विवेदी
Gadya Kosh से
विश्वभारती
शान्तिनिकेतन
(बंगाल)
3.3.1935
श्रध्देय चतुर्वेदी जी,
प्रणाम!
कृपा-पत्र मिला। मैसूर के विद्यार्थी जी आये हैं। गुरुदेव ४थी मार्च को कलकत्ते पहुँच रहे हैं। यहाँ कब पहुँचेंगे, यह नहीं मालूम। आप उनसे वहाँ भी मिल लें तो अच्छा हो। वहाँ भी, ही नहीं। यहाँ आप एक बार ज़रुर आवें।
श्रीयुत भक्त जी को मेरी श्रद्धा निवेदन कर दीजिये। उन्हें यहाँ ज़रुर ले आइये। वर्मा जी, जैन जी, दामोदर जी, पांडे जी आदि को मेरा प्रणाम।
आप शायद जानते होंगे कि यहाँ एक और हिन्दी अध्यापक नियुक्त हुए हैं।
आपका
हजारी प्रसाद
हमने वाचस्पति मिश्र पर एक लेख भेजा था। उसकी क्या गति हुई?