पत्र 6 / बनारसीदास चतुर्वेदी के नाम पत्र / हजारीप्रसाद द्विवेदी

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शान्तिनिकेतन

7.8.35

श्रध्देय चतुर्वेदी जी,

प्रणाम!

कृपा-पत्र मिला। बड़ा आनन्द हुआ। मौलाना साहब की पुस्तक की आलोचना कल भेज दूँगा। यह पत्र जल्दी मे लिख रहा हूँ। अगर आप श्री चोखानी१ जी तथा उनके मित्रों को ले आना चाहते हैं तो अगला रविवार (११ अगस्त) सर्वोत्तम तिथि है। क्योकिं उस दिन वर्षा मंगल का उत्सव है। आश्रम आनन्द से भरपूर होगा। आने का निश्चय हो तो एक पत्र या तार रथी बाबू को दे दीजियेगा। हम लोग अगर जान जायँ जो स्टेशन तक आने में सुविधा रहेगी। शेष कुशल है।

आपका

हजारी प्रसाद

दुर्गा प्रसाद जी, लालता शंकर जी, सोम जी, चन्दोला जी आदि प्रणाम कहते हैं। यह पत्र हिन्दी समाज की भरी बैठक में से लिखा जा रहा है। सभी सदस्य प्रणाम कहते हैं। अलग-अलग नाम इसीलिये नहीं लिखा। पं. दामोदर जी का प्रणाम।