प्रीति जिंटा का 'आक्रमण' और 'रीट्रीट' / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 18 जून 2014
व्यक्तिगत रिश्तों की गोपनीय बातों को सनसनीखेज बनाने का मौका मीडिया को मिल ही जाता है। प्रसिद्ध और धनाड्य लोगों के व्यक्तिगत जीवन में सूक्ष्मतम छिद्र भी मिल जाए तो मीडिया का हाथी उसमें से निकल जाता है। प्रीति जिंटा ने तो एक खिड़की ही खोल दी। नेस वाडिया और प्रीति जिंटा लंबे समय तक अंतरंग मित्र रहे हैं फिर रिश्तों में दरार आई परंतु आइपीएल तमाशे की पंजाब टीम में 25 प्रतिशत नेस वाडिया के पास है और 23 प्रतिशत प्रीति के पास है, इसलिए इस तमाशे के दरमियान मुलाकात होती रही है और एक दिन उनके बीच तकरार हुई परंतु घटना के बहुत दिनों बाद प्रीति को जाने कैसे ख्याल आया कि पुलिस में शिकायत दर्ज की जाए। उनका कहना है कि यह रिपोर्ट उन्होंने भविष्य में अपनी सुरक्षा की खातिर की है और वे किसी को मुलजिम करार करके दंड नहीं देना चाहतीं।
अगर नेस वाडिया की जगह कोई आम इंसान होता तो पुलिस अभी तक हरकत में आ गई होती। वाडिया परिवार विगत सौ वर्षों से ऊपर हिन्दुस्तानी उद्योग का एक महत्वपूर्ण परिवार रहा है और पहली बार उनके किसी सदस्य पर इस तरह का इलजाम लगा है। शाहरुख खान, सैफ तथा विनोद खन्ना इस परिवार को बखूबी जानते हैं। सलमान खान से 'किक' के ट्रेलर लांच पर इस प्रकरण पर प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने इस तरह के सवाल पूछे जाने पर एतराज उठाया और अपनी शैली में मंच पर नाचने लगे। स्पष्ट था कि वे इस नाजुक मसले पर बोलना नहीं चाहते थे परंतु मीडिया की स्वतंत्रता का हव्वा खड़े करने के असफल प्रयास वहां हुए गोयाकि स्वतंत्रता के नाम पर यह जिद है कि आप कीचड़ में उतर आइये।
यह उम्मीद की जा सकती है कि अमेरिका से लौटने पर प्रीति जिंटा अपनी शिकायत वापस ले लेंगी। संभवत: उनका मकसद सुर्खियों में आना था और वह पूरा हो गया वरना शिखर से ढलान के आखिरी पायदान पर पहुंची किसी सितारे को मीडिया घास नहीं डालता। प्रीति जिंटा हमेशा ही दबंग महिला रही हैं और एक ताकतवर प्रकाशन संस्था के खिलाफ वे वर्षों से मानहानि का मुकदमा लड़ रही हैं और प्राय: हर पेशी पर अदालत में उपस्थित रही हैं। वे अपने अधिकारों के साथ अपने मित्रों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ भी लड़ी हैं। अपने से ताकतवर इंसान के खिलाफ भी उसे खड़े रहने में कभी खौफ नहीं लगा। इस बार भी वे वाडिया परिवार से कोई खौफ की वजह से शिकायत वापस नहीं लेंगी वरन् वे जानती है कि इस तरह के मामलों में आग से अधिक धुंआ फैलता है। यह भी मुमकिन है कि पुरानी अंतरंगता की स्मृति उन्हें फैसला बदलने की प्रेरणा दे।
यह भी सुना है कि एक दौर में वे राजनीति में प्रवेश करना चाहती थी। कुछ ही दिनों पूर्व मोदी की प्रशंसा करने के बाद उन्होंने उसे विनम्रतापूर्वक दिया बयान बताया क्योंकि उस समय उनकी विचार प्रक्रिया पर धुंध छाई थी। बहरहाल अब बतौर कलाकार वे सेवानिवृत सी हो गई हैं और उनकी निर्माण की गई फिल्म भी बुरी तरह से असफल हो गई है। कॅरिअर के साथ उम्र की ढलान पर यह संभव है कि वे राजनीति में प्रवेश करने का विचार कर रही हों। इस प्रकरण में वे महिला अधिकार के लिए लडऩे वाली एक साहसी सामाजिक नेता के रूप में उभरना चाहती हैं। आखिर कहीं से तो प्रारंभ करना ही था। यह भी संभव है कि अब तक उन्हें यह ज्ञात हो गया होगा कि भारतीय औद्योगिक घरानों में आपसी प्रतिस्पर्धा कितनी ही गहरी क्यों न हो परंतु किसी बाहर वाले ने एक के खिलाफ कदम उठाया तो वे सब इकट्ठे हो जाते हैं। कुछ अलिखित नियम भी होते हैं जिनका पालन लिखित नियमों से अधिक मुस्तैदी से किया जाता है। एक फिल्म सितारा इन महारथियों का मुकाबला नहीं कर सकता।
पंजाब टीम के 52 प्रतिशत शेयर भी औद्योगिक घरानों के हैं। ज्ञातव्य है कि संदेश की सुई के घूमते ही जयपुर टीम के बड़े मालिकों ने शिल्पा शेट्टी को लाइम लाइट से हटने को कहा और इस वर्ष के तमाशे में वे नजर नहीं आ रही हैं। इन बातों का यह अर्थ नहीं कि नेस वाडिया से चूक हुई है परंतु आज उनके परिवार का नाम उछाला जा रहा है। इन कारणों से लगता है कि प्रीति जिंटा अपनी शिकायत वापस ले लेंगी और सनसनी की तलाश वालों को अन्य किसी मामले की तलाश रहेगी।
प्रीति जिंटा सेना के नियम जानती है कि आक्रमण की नीति के समय ही रीट्रीट (वापसी) की योजना बनाई जाती है और रीट्रीट फूल प्रूफ नहीं हो तो आक्रमण नहीं करते।