प्रेम और घृणा / ख़लील जिब्रान / बलराम अग्रवाल

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एक स्त्री ने एक पुरुष से कहा, "मैं तुम्हें प्यार करती हूँ।"

पुरुष ने कहा, "तुम्हारा प्यार पाना मेरा सौभाग्य है।"

स्त्री ने कहा, "क्या तुम मुझे प्यार नहीं करते?"

पुरुष ने टकटकी लगाकर उसे देखा, कहा कुछ नहीं।

तब स्त्री जोर से चीखी, "मुझे नफरत है तुमसे।"

पुरुष ने कहा, "तुम्हारी नफरत पाना भी मेरा सौभाग्य है।"