बंद मर्तबान / उपमा शर्मा

Gadya Kosh से
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ऑफिस से वापस आ सूरज दरवाजे पर लगा ताला दूसरी चाबी से खोल अंदर आया। मेज पर चाय की कैटल रोज के जैसे रखी हुई थी। खोलकर कप में चाय डाली तो साथ में रखी पर्ची पर नजर चली गई। "ये क्या? खाली चाय पी रहे हो। तुम्हें एसीडिटी हो जाती है स्नैक्स साथ वाले डब्बे में हैं।"

"ओह धरा कितना ख्याल रखती हो मेरा।" कहते हुए अलमारी खोली। सामने ही एक चिट रखी थी "डिनर किचिन में रखा है। गर्म करके खा लेना। मेरा इंतजार मत करना।"

"कहाँ चली गई ये आज फिर? अब घर पर मिलती ही नहीं।" बड़बड़ाते हुए सूरज ने नाइट सूट खींचा कि एक और चिठ्ठी गिर पड़ी।

"वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के कैंप में जा रही हूँ। वापसी कुछ दिनों में ही हो पायेगी। तुम्हें बताना तो चाहा, लेकिन तुम काफी व्यस्त थे। बताने को मौका ही नहीं मिला। तुम मेरे मैसेज देखते ही नहीं या देख लो तो रिप्लाई नहीं करते इसीलिए चिठ्ठी छोड़कर जा रही हूँ।"

सूरज ने फोन उठाकर धरा का नम्बर डायल किया

"कहाँ हो धरा?"

"बताया तो सूरज। कैंप में।"

"मेरा सोचा?"

"हाँ। खाना बाई बना देगी। कपड़े भी धो देगी।"

"खाना, कपड़े! बस यही है क्या जिंदगी में। मैं जो अकेला रह जाऊँगा यहाँ, उसका क्या?"

"तुम और अकेले! अकेले कहाँ हो सूरज? तुम्हारी पूरा ऑफिस, तुम्हारा कम्यूटर सब तो वहीं हैं। समय होता ही कहाँ है तुम्हारे पास?"

"बंद करो ये कैंप शैंप सब धरा। और घर वापस आ जाओ।"

"बंद! तुम्हारे कहने पर ही तो शुरू किया है। तुम्हीं कहते थे कि मैं खाली हूँ इसलिए हर वक्त तुम्हें परेशान करती हूँ।"

"ये क्या कह रही हो धरा?"

" वही जो सच है सूरज। सुबह से शाम तक तुम्हारे लम्बे इंतजार के बाद शाम को मैं सोचती थी अब जरूर कुछ वक्त हम साथ गुजारेंगे। कई-कई दिन गुजर जाते हैं तुमसे बात किये हुए।

मेरे मैसेज मेरे फोन मेरा प्यार तुम्हें बँधन लगता है। खैर! तुम्हारे सारे कपड़े अलमारी में लगा दिये हैं। स्नैक्स किचिन में रख दिये हैं, कुछ दिन चल जायेंगे। चाबियाँ ड्रॉअर में रखी हैं। और अब आदत डाल लो। मेरी ऐसी ट्रिप होती ही रहेंगी। "

"और तुम्हारी तबीयत खराब हो गई वहाँ फिर? तुम अकसर कहती हो तुम्हें सपने में दिखता है तुम एक बंद मर्तबान में हो और तुम्हारा दम घुट रहा है। कौन सम्हालेगा धरा?"

"हाँ सूरज! यह तो मैं बताना ही भूल गई वह सपना अब कब से नहीं आया।" चहकते हुए बोली धरा।

"उफ धरा! मुझे चक्कर आ रहे हैं और ऐसा लग रहा है जैसे मैं एक बंद जार में फँस गया हूँ, मेरा दम घुट रहा है।" और फोन सूरज के हाथ से गिर गया।