बजट / गोवर्धन यादव
Gadya Kosh से
महंगाई की मार झेल रहे एक बडॆ सरकारी अधिकारी की पत्नी ने अपने पति से कहा-"इस डायन महंगाई ने इस माह का पूरा बजट ही खराब कर दिया, समझ में नहीं आता कि घर का ख़र्च कैसे चलेगा?"
पति इस समय अख़बार में अपनी नजरे गडाए हुए थे, पत्नी की बात सुनकर उसनेधीरे से कहा-" बडॆ घर की और अधिकारियों के घर की महिलाएँ बजट बनाती हैं या फिर हमारी सरकार, एक गरीब क्या करता होगा जो केवल अडतीस रुपया प्रतिदिन कमाता है, सरकार उसे ग़रीबी रेखा के नीचे नहीं मानती, वह तो कभी बजट बनाने के चक्कर में नहीं पडता।