बाएं से सीधे पर प्रहार- मॉक आधुनिकता / जयप्रकाश चौकसे

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बाएं से सीधे पर प्रहार- मॉक आधुनिकता
प्रकाशन तिथि : 07 नवम्बर 2019


विगत सदी के चौथे दशक में शांताराम की फिल्म 'मानुष' से सलमान खान अभिनीत 'दबंग' तक पुलिसवाले पात्र की अनेक फिल्में बनी हैं। पटकथा लेखक सलीम खान के पिता रशीद खान साहब होल्कर राज्य में पुलिस विभाग में आला अफसर थे और उनके अनुभव से प्रेरित सलीम खान ने 'जंजीर' में पुलिसवाले का पात्र रचा था परंतु स्वयं सलीम खान साहब मानते हैं कि अजय देवगन ने पुलिसवाले की भूमिका बड़ी विश्वसनीयता से प्रस्तुत की है। अजय देवगन अभिनीत फिल्म का नाम 'गंगाजल' था। अभिनेता इफ्तिखार ने इतनी फिल्मों में पुलिस अफसर की भूमिका अभिनीत की थी कि जब उनकी कार मुंबई की सड़कों पर दौड़ती तब ट्रेफिक हवलदार उन्हें सेल्यूट करने लगे थे। कैलाश कपूर ने जितनी बार फिल्मों में शंकर भगवान की भूमिका की उससे अधिक फिल्मों मे वे पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार कर चुके थे।

शांताराम की मराठी भाषा में बनी 'मानुष' को उन्होंने हिंदुस्तानी भाषा में 'आदमी' के नाम से बनाया जिसमें एक पुलिस कॉन्स्टेबल का इश्क एक तवायफ से हो जाता है। इसके बीस वर्ष पश्चात हॉलीवुड में बनी फिल्म 'इरमा ला डूज' में भी हवलदार और तवायफ की प्रेम कथा प्रस्तुत की गई थी जिससे प्रेरित होकर शम्मी कपूर ने संजीव कुमार और जीनत अमान अभिनीत फिल्म 'मनोरंजन' बनाई थी। 'मनोरंजन' का राहुल देव बर्मन का रचा गीत 'कितना प्यारा वादा है गोयाकि चुनांचे' अत्यंत लोकप्रिय हुआ था। कुछ महिलाओं ने भी पुलिस अफसर की भूमिका अभिनीत की है जैसे तबु ने अजय देवगन के साथ 'दृश्यम' अभिनीत की थी। एक सीरियल में लेडी इंस्पेक्टर चौटाला का चरित्र बहुत लोकप्रिय हुआ था। उसके दोनों हसोड़ हवलदार प्रायः गलतियां करते हैं। वर्तमान में टेलीविजन पर 'हप्पू की उल्टन पलटन' में भ्रष्ट रिश्वतखोर पुलिसवाले हप्पू की पत्नी भी कुछ एपिसोड्स में महिला इंस्पेक्टर की भूमिका में जलवा दिखा चुकी हैं। कुछ फिल्मों में वकील, अदालत और जज के पात्र प्रस्तुत हुए हैं। सुभाष कपूर की फिल्म 'जॉली एल.एल.बी 2' में सौरभ शुक्ला अभिनीत जज महोदय अपनी मेज पर रखे गमले में पानी डालते हैं। संकेत है कि न्याय-व्यवस्था पल्लवित होती रहे। बलदेवराज चोपड़ा की 'कानून' में जज का हमशक्ल भाई अपराधी है। यह पतली गली से निकलने की तरह काम था। करीना कपूर ने भी फिल्म 'ऐतराज' में वकील की भूमिका की है और अपने पति पर लगे यौन शोषण के प्रकरण में मुजरिम को सजा दिलवाती है। इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा ने नकारात्मक भूमिका अभिनीत की थी। अपनी इस प्रारंभिक फिल्म से लंबा सफर तय करते हुए वे 'स्काय इज पिंक' कर चुकी हैं। अमेरिकन सीरियल में वे गुप्तचर की भूमिका कर चुकी हैं। सेंसर बोर्ड अदालत के दृश्यों पर कड़ी निगरानी रखते हैं। 'शायद' में सिमी ग्रेवाल ने वकील की भूमिका अभिनीत की थी। बहस का मुद्दा था कि एक डॉक्टर खाली सिरिंज से मरीज की नस में हवा भर दे ताे कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो सकती है। सेंसर को ऐतराज था कि हत्या करने के नए तरीके अवाम को नहीं दिखाए जाने चाहिए। मानो सारे अपराध फिल्मों की प्रेरणा से होते हैं।

रावण ने सीता का अपहरण किया और उस दौर में फिल्म विधा का आविष्कार भी नहीं हुआ था। अमेरिकन लुगदी साहित्य में वकील प्रेरित पैरी मैसन श्रृंखला अत्यंत लोकप्रिय हुई है। मराठी के एक प्रसिद्ध नाटक 'शांतता कोर्ट चालू आहे' में मॉक अदालत का दृश्य है। पहले शिक्षण संस्थाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम में मॉक संसद कार्यक्रम भी मंचित किया जाता था। आज संसद की कार्यवाही यादें ताजा करती हैं। राजकपूर की 'आवारा' के अदालत के दृश्य में जज की भूमिका पृथ्वीराज कपूर के पिता ने अभिनीत की थी। मुजरिम राजकपूर थे और उनकी वकील का पात्र नरगिस ने अभिनीत किया था। सनी देओल भी 'दामिनी' में वकील की भूमिका में ढाई किलो का हाथ चला चुके हैं।

पुलिस और वकील व्यवस्था के दो हाथ हैं। दो दिन पहले ही दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट प्रांगण में वकील और पुलिस के बीच हाथापाई हो गई। खबर है कि दोनों पक्ष के सदस्य चोटिल हुए हैं । ये अजब दौर है कि बायां हाथ सीधे हाथ पर आक्रमण कर रहा है।