बागी टाइगर श्राफ और आधुनिका सोनम कपूर / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 04 मार्च 2020
जैकी श्राॅफ और आयशा के पुत्र का जन्म नाम जय हेमंत श्राॅफ है, परंतुु वे टाइगर श्राॅफ के नाम से ही जाने जाते हैं। उसकी शक्ल अपनी मां आयशा से बहुत मिलती है। उसका जन्म 2 मार्च 1990 को हुआ है। 20 वर्ष की आयु में उसने सफलता अर्जित की है। वह अपनी फिल्मों की कामयाबी से अधिक अपनी भलमनसाहत के लिए जाने जाते हैं। टाइगर की फिल्म ‘बागी-3’ 6 मार्च को प्रदर्शित होने जा रही है। अपनी पहली सफलता के बाद टाइगर, सुभाष घई से मिलने गए और बिना किसी पारिश्रमिक फिल्म में काम करने का प्रस्ताव रखा। ज्ञातव्य है कि जैकी श्राॅफ को ‘हीरो’ नामक फिल्म में पहला अवसर सुभाष घई ने दिया था। इस तरह टाइगर अपने पिता को अवसर देने के लिए सुभाष घई को धन्यवाद देना चाहते थे। सुभाष घई के पास टाइगर के लिए कोई कहानी नहीं थी। उन्होंने विनम्रता से टाइगर के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
ज्ञातव्य है कि मुंबई के श्रेष्ठि वर्ग के एक रिहायशी क्षेत्र को ‘तीन बत्ती’ कहते हैं। दरअसल, नेपिएन सी रोड और बालकेश्वर की सड़क उस जगह मिलती हैं। इसी क्षेत्र में एक बस्ती गरीबों की भी है। हमारे महानगरों में श्रेष्ठि वर्ग के हर क्षेत्र में एक झोपड़पट्टी भी होती है, जहां रईसों के सेवक रहते हैं। गगनचुंबी संगमरमर इमारतों के साए में झोपड़पटि्टयां बस जाती हैं। आर्थिक खाई की गहराई इस तरह जगह-जगह उजागर होती है। साधन संपन्न लोगों के बंगलों के गेट पर चौकीदार तैनात होते हैं। इनमें रहने वाले जाने कैसे इस बात से बेखबर हैं कि ये चौकीदार अनिमंत्रित व्यक्तियों को तो रोक सकते हैं, परंतु वायरल बीमारियों को कैसे रोक सकते हैं? साधन संपन्न व्यक्ति की सुरक्षा इस बात में निहित है कि वे आसपास की झोपड़पटि्टयों में रहने वालों को साफ-सुथरे छोटे मकान दें और आर्थिक विषमता को कम करने का प्रयास करें।
टाइगर की फिल्म ‘फ्लाइंग जट’ पंजाब में गांजा और हशिश का सेवन करते हुए लाइलाज बीमारों की त्रासदी प्रस्तुत करती है। जवाहरलाल नेहरू द्वारा बनाए गए बांध के कारण पंजाब के किसान वर्ष में तीन फसल उगाते हैं। इस क्षेत्र के युवा वर्ग का नशा करना समझ में नहीं आता। गुलजार की फिल्म ‘माचिस’ में इस समस्या को समझने का प्रयास किया गया था। तर्कसम्मत वैज्ञानिक सोच के अभाव में यह प्रयास सतही बनकर रह गया, परंतु इस फिल्म का गीत-संगीत आज भी गुनगुनाया जाता है। चप्पा-चप्पा चरखा चले... बहुत लोकप्रिय हुआ।
जैकी श्राॅफ को पहली बार देव आनंद की फिल्म ‘स्वामी दादा’ में एक छोटी भूमिका अभिनीत करते देखा गया था। उन दिनों सुभाष घई कुछ सितारा पुत्रों के साथ काम कर रहे थे। उन्हीं दिनों मनोज कुमार की फिल्म ‘पेंटर बाबू’ प्रदर्शित हुई थी। इस असफल फिल्म में मीनाक्षी शेषाद्रि ने अभिनय किया था। यह सुभाष घई का साहस था कि उन्होंने जैकी श्राॅफ और मीनाक्षी के साथ सफल सुरीली ‘हीरो’ बनाई। मीनाक्षी शेषाद्रि को लेकर राजकुमार संतोषी ने घायल, घातक और दामिनी का निर्माण किया। ज्ञातव्य है कि मीनाक्षी शेषाद्रि ने सितारा बन जाने के बाद अपनी पढ़ाई जारी रखी। राजकुमार संतोषी ने मीनाक्षी से विवाह की बात की थी, परंतु मीनाक्षी ने प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था। संभवत: मीनाक्षी ने संतोषी की ताकत और कमजोरी को पकड़ लिया था। उसका अपना रुझान अध्ययन और बेहतर इंसान बनने की तरफ था। राजकुमार संतोषी अत्यंत प्रतिभावान फिल्मकार हैं, परंतु उन्होंने अपनी अपार प्रतिभा का भरपूर दोहन नहीं किया। उनके समकालीन अनिल कपूर अत्यंत अनुशासित सादगी पसंद व्यक्ति हैं और अपने कॅरियर में उन्होंने सही फैसले लिए। अनिल कपूर और जैकी श्राॅफ दोनों ने ही प्रेम विवाह किए। अनिल कपूर की पत्नी योग जानती हैं और अच्छी सेहत के लिए क्या खाया जाए, पकाया जाए इसकी उन्हें गहरी समझ है। वे युवा लोगों को प्रशिक्षित भी करती हैं। जैकी की पत्नी आयशा का रुझान काम करने में नहीं है, परंतु वे अपने पुत्र व पति का ध्यान अवश्य रखती हैं। टाइगर श्राॅफ ने साजिद नडियाडवाला से मुलाकात की और उन्हें अपने एथलेटिक्स के ज्ञान का परिचय दिया। अनुभवी साजिद ने समझ लिया कि टाइगर के साथ एक्शन फिल्म बनाना लाभप्रद हो सकता है। टाइगर के एक्शन दृश्य की शूटिंग में कभी बॉडी डबल या डुप्लीकेट को नहीं लिया गया।
जैकी श्राॅफ और अनिल कपूर ने भी कुछ फिल्मों में काम किया है। जैकी श्राॅफ अत्यंत सादगी पसंद व्यक्ति हैं। सितारा बन जाने के बाद भी वे यादकदा बीड़ी पीते रहे और अपने सभी परिचितों को भिड़ू कहकर पुकारते हैं। यह जुबान उन्होंने तीन बत्ती क्षेत्र में रहते हुए अपनाई थी। जैकी श्राफ अनकट डायमंड की तरह हैं और उनका पुत्र भी उन्हीं की तरह सरल तथा स्वाभाविक व्यक्ति है। ‘बागी-3’ टाइगर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण फिल्म है, क्योंकि उनकी विगत फिल्म ने आशानुरूप व्यवसाय नहीं किया था। टाइगर के पक्ष में उसका कम उम्र होना जाता है। टाइगर के नाक-नक्श तिब्बत के लोगों की तरह हैं। डैनी डेन्जोगप्पा तिब्बत के हैं, परंतुु उनका चेहरा-मोहरा औसत भारतीय लोगों की तरह है।
अभी तक जैकी श्राॅफ और टाइगर साथ-साथ नहीं आए हैं। जैकी, टाइगर और अनिल अपनी पुत्रियों सहित किसी फिल्म में अभिनय करके एक नया समीकरण प्रस्तुत कर सकते हैं। निर्माता बोनी कपूर के लिए यह करना सुविधाजनक होगा। बोनी कपूर की फुटबॉल केंद्रित ‘मैदान’ की अधिकांश शूटिंग हो चुकी है। बहरहाल, टाइगर श्राॅफ ने एक्शन के साथ भावनात्मक भूमिकाओं में भी अब बेहतर अभिनय करना शुरू कर दिया है।