बादलों के छाने पर टूटी हड्डी में कसक / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 07 जून 2013
करीना कपूर खान ने करण जौहर की आगामी फिल्म 'शुद्धि' के लिए असीमित समय का अनुबंध किया है। अनुमान है कि उन्हें लगभग दो सौ दिन की शूटिंग इस ऋतिक रोशन अभिनीत फिल्म के लिए करना है। प्राय: एक औसत बड़ी फिल्म के लिए नायिका के पचास दिन ही लगते हैं अर्थात करीना एक फिल्म के पारिश्रमिक में चार फिल्मों का काम करने जा रही हैं। ज्ञातव्य है कि उन्होंने कुछ वर्ष पूर्व करण जौहर की शाहरुख खान अभिनीत 'कल हो ना हो' इसलिए मना कर दी थी क्योंकि उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा था, जबकि निर्माता नायक को उसका पूरा मेहनताना दे रहा था। नायिका को दोयम दर्जे की नागरिक समझे जाने के खिलाफ यह उनका विद्रोह था, परिणामस्वरूप आदित्य और करण की पांच भव्य फिल्में उनके हाथ से निकल गईं। छोटे निर्माताओं के साथ भी वे फिल्में करती रहीं और एक दिन करण जौहर और उनमें समझौता हो गया। दरअसल, इस उद्योग में असाधारण प्रतिभा के सामने सबको झुकना पड़ता है। दूसरा पक्ष यह है कि करीना को भी समझ में आ गया कि शिखर सितारा और सफल बैनर की फिल्में करने से विज्ञापन फिल्मों में खूब कमाई वाले अवसर मिलते हैं।
कुछ ही समय पूर्व करीना कपूर को संजय लीला भंसाली की 'रामलीला' पसंद आई थी, परंतु भंसाली द्वारा अधिक समय मांगने पर उन्होंने फिल्म में काम करने से मना कर दिया था और आज वे करण जौहर को अधिक समय देने को तैयार हो गई हैं और आर्थिक क्षति भी सहन करने को तत्पर हैं, जिसका असली कारण है नायक ऋतिक रोशन। ज्ञातव्य है कि ऋतिक रोशन की पहली फिल्म 'कहो ना प्यार है' की नायिका भी करीना ही थीं और दस दिन दोनों ने साथ काम भी किया था। पानी के एक जहाज में पंद्रह दिन की शूटिंग थी और करीना की मां बबीता चाहती थीं कि उनकी बेटी के लिए अलग मेकअप मैन लिया जाए और राकेश रोशन की कंपनी में हमेशा सभी सितारों के लिए एक ही मेकअप मैन का रिवाज था, क्योंकि राकेश रोशन को फिजूलखर्ची कतई पसंद नहीं। बबीता हमेशा जिद्दी रही हैं और राकेश रोशन सिद्धांत पर अडिग, अत: करीना फिल्म से हटा दी गईं। करीना और ऋतिक ने सुभाष घई की यादें तथा करण की 'कभी खुशी कभी गम' में साथ काम किया। और करीना को ऋतिक से बेइंतिहा प्यार हो गया। वह उन दिनों बौरा-सी गई थीं, जिस कारण ऋतिक की पत्नी ने संभवत: अपनी नाराजगी जाहिर की। ऋतिक अत्यंत अनुशासित व्यक्ति हैं और सुजान उनकी बचपन से ही प्रेमिका रही हैं। उनकी जिद से ही यह शादी हो पाई । ज्ञातव्य है कि सुजान फिरोज खान के भाई संजय खान की बेटी हैं। बहरहाल पत्नियों की अनिच्छा प्राय: कानून की तरह सिद्ध होती है। अनेक अफसर और मंत्री भी अपनी पत्नियों से शासित हैं।
बहरहाल, क्या हम यह मानें कि एक दशक से अधिक समय होने पर पत्नियों का शिकंजा पतियों पर ढीला पड़ जाता है या पति अपनी जंजीरों की लंबाई से खिन्न हो जाता है। आज करीना सैफ अली खान की पत्नी हैं और वे दोनों अपने-अपने काम में व्यस्त होते हुए भी एक-दूसरे से बेइंतहा प्यार करते हैं। करण जौहर की फिल्म में अभिनय करने से न ऋतिक का विवाह टूट सकता है और न ही सैफ का घर टूट सकता है। अत: कोई सनसनीखेज प्रेम-त्रिकोण नहीं उभरने वाला है, परंतु करीना अपने पहले 'क्रश' को पूरी तरह भूली नहीं हैं, भले ही अब वह 'कृश' हो चुका हो। अंग्रेजी भाषा क्रश आजकल आसक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है। पहले प्यार की कसक दिल की परतों के भीतर कहीं दूर अंतिम सतह पर ही हमेशा धड़कती रहती है। यह मामला कमसिन उम्र में किसी दुर्घटना में हड्डी टूटने की तरह है, जो पूरी तरह जुड़ जाती है, परंतु वर्षों बाद भी जब आकाश में घने बादल उभरते हैं, तब उस पूरी तरह जुड़ी हुई हड्डी में भी कसक-सी होने लगती है और मेडिकल विज्ञान इस विषय में खामोश ही रहता है। मनुष्य अवचेतन के गम और खुशी रहस्यमय ही हैं। विज्ञान की रोशनी से वे अंधेरे कोने हमेशा अछूते ही रहते हैं।
आज करीना और ऋतिक दोनों ही सुखी दांपत्य के रस में आकंठ आलिप्त हैं और 'शुद्धि' की कथा समय की राख के नीचे दबी किसी अदृश्य चिनगारी को शोला नहीं बना सकती, परंतु ऐसे मिलन में भी एक अजीब-सा नशा है। बरसात के अंत तक पानी में डूबी जमीन भी ग्रीष्म ऋतु के बाद पानी की पहली बूंद के अनुभव को भूल नहीं पाती।
कहते हैं कातिल हमेशा कत्ल के स्थान पर एक बार जरूर जाता है और पकड़े जाने का भय भी उसे रोक नहीं पाता। कितने आश्चर्य की बात है कि ऐसी ही कशिश पहले प्यार में भी होती है। कत्ल और प्यार में क्या संबंध हो सकता है, हिंसा और प्रेम मेंक्या रिश्ता हो सकता है? ये सब मनुष्य अवचेतन के रहस्य हैं।