बिजली की कौंध / खलील ज़िब्रान
Gadya Kosh से
एक तूफानी रात में, एक ईसाई पादरी अपने गिरजाघर में था । तभी एक गैर-ईसाई स्त्री उसके पास आई और कहने लगी, “मैं ईसाई नहीं हूँ । क्या मुझे नर्क की अग्नि से मुक्ति मिल सकती है?”
पादरी ने उस स्त्री के ध्य़ान से देखा अऔर य़ह कहते हुए अत्तर दय़ा, “नहीं, ईसाई धर्म के अनुसार मुक्ति केवल उन लोगों को ही मिलती है जिनके अनुसार शरीर और आत्मा का शुद्धिकरण करके दीक्षा दी गई है।”
जैसे ही पादरी ने ये शब्द कहे, उसी समय गिरजाघर पर आकाश से तेज गर्जना के साथ बिजली गिरी और उस गिरजाघर में आग लग गई ।
शहर के लोग भागते हुए आए और उस स्त्री को बचा लिया, किंतु पादरी को आग ने अपना ग्रास बना लिया।